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डॉलर की औसत लागत

डॉलर की औसत लागत
नई कीमत औसत लागत के बराबर या उससे कम : इक्रा
इक्रा ने कहा है कि नई कीमत कंपनियों की औसत लागत के बराबर या उससे कम ही है। डॉलर के मुकाबले रुपया महंगा होने से भी कंपनियों को कम कीमत मिल रही है।

प्राकृतिक गैस 6% महंगी, सीएनजी और पाइप्ड रसोई गैस के भी बढ़ सकते हैं दाम

नई दिल्ली | सरकार ने देश में उत्पादन होने वाले प्राकृतिक गैस डॉलर की औसत लागत की कीमत 1 अप्रैल से 6% बढ़ा दी है। डॉलर की औसत लागत एक यूनिट गैस का दाम 2.89 डॉलर से 3.06 डॉलर किया गया है। यह दो साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले अप्रैल-सितंबर 2016 में भी गैस की कीमत 3.06 डॉलर प्रति यूनिट थी। सरकार छह महीने के लिए गैस के दाम में संशोधन करती है। इस कदम से सीएनजी और पाइप से सप्लाई होने वाली रसोई गैस के दाम बढ़ने के आसार हैं। सीएनजी 50-55 पैसे और पाइप्ड रसोई गैस 35-40 पैसे प्रति घन मीटर महंगी होगी। गैस आधारित पावर प्लांट में बिजली बनाने का खर्च 3% बढ़ जाएगा।हालांकि ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी गैस उत्पादक कंपनियों का रेवेन्यू और मुनाफा डॉलर की औसत लागत बढ़ेगा। गैस की कीमत एक डॉलर बढ़ने से सरकारी कंपनियों का रेवेन्यू 4,000 करोड़ रुपए बढ़ जाता है। गहरे पानी और अत्यधिक तापमान वाली जगहों से निकाली जाने वाली गैस की कीमत 6.30 डॉलर की औसत लागत डॉलर से बढ़ाकर 6.78 डॉलर प्रति यूनिट की गई है। देश में रोजाना 9 करोड़ घन मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है। भारत की सबसे बड़ी प्रोड्यूसर कंपनी ओएनजीसी 70% गैस का उत्पादन करती है। तीन साल गिरावट के बाद पिछले साल अक्टूबर में गैस के दाम पहली बार बढ़ाए गए थे।

सस्ता होगा Setup Box, अब कम पैसों में देख सकेंगे TV

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घरेलू विनिर्माताओं को सशर्त पहुंच प्रणाली (कैस) के लिए देश में ही विकसित समाधान उपलब्ध कराए जाने से सैट-टॉप-बॉक्स और सस्ता हो जाएगा। घरेलू कैस लाइसेंस करीब 32 रुपए या 0.5 डॉलर में प्रदान किया जाएगा जबकि मौजूदा बाजार लागत दो-तीन डॉलर प्रति लाइसेंस है।

सेट-टॉप-बॉक्स की औसत लागत 800-1,डॉलर की औसत लागत 200 रुपए के दायरे में है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक देसी कैस का विकास सरकारी संस्था सी-डैक ने बेंगलुरू की कंपनी बायडिजाइन के साथ मिलकर की है।

अधिकारी ने कहा, डॉलर की औसत लागत डेवलपर भारतीय कैस को सभी घरेलू सेट-टॉप-बाक्स विनिर्माताओं और परिचालकों को 0.5 डॉलर प्रति लाइसेंस तक की कीमत पर उपलब्ध कराएंगे। परियोजना की लागत 29.99 करोड़ रुपए है जिसमें से इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग 19.79 करोड़ रुपए का योगदान करेगी जबकि शेष राशि का भुगतान बायडिजाइन करेगी। अधिकारी ने कहा कि यह परियोजना शीघ्र ही वाणिज्यिक कार्यान्वयन के लिए शुरू की जाएगी।

डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपए से महंगा पड़ेगा मेट्रो प्रोजेक्ट

Bhopal-Indore Metro Rail project cost 30 percent increase

भोपाल। प्रदेश सरकार ने भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की लागत का जो गणित केंद्र को दिखाया है वो 2014 की महंगाई, ब्याज दर और प्रति डॉलर की कीमत पर आधारित है। भोपाल के पहले चरण की लागत 6962.92 और इंदौर में 7100.50 करोड़ रुपए दर्शाई थी। प्रोजेक्ट फाइनेंस करने वाले तीन इन्वेस्टर बैंकों से डॉलर में कर्ज मिलेगा, जिसकी किस्तें और ब्याज रुपए में चुकाना पड़ेगा।

चार साल में डॉलर की कीमत 50 डॉलर की औसत लागत से 77 रुपए तक हो चुकी है। महंगाई दर भी बढ़ी है। इस लिहाज से भोपाल-इंदौर में पहले चरण की लागत 14063.42 करोड़ रुपए में 25 से 30 प्रतिशत इजाफा तय है। प्रोजेक्ट का पहला चरण टुकड़ों में बंट गया है। ऐसे डॉलर की औसत लागत में वर्ष 2022 तक काम की समय सीमा भी आगे बढ़ेगी। लोन की बात पहले जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन से हुई थी, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।

Solar-Powered Generator: अब घर ले आइए सोलर पावर जनरेटर, फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप !

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आज के समय में के ज्यादातर हिस्सों में सरकार के द्वारा बिजली घर-घर पहुंचायी गयी है लेकिन बढ़ती गर्मी की वजह से बिजली की खपत भी ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे में बिजली कई घण्टों गुल रहती है और गर्मी से बचने के लिए जेनरेटर की आवश्यकता होती है। अब हम आपको ऐसा उपाय बताते है जिससे आपको जेनरेटर लगवाने की भी जरूरत नहीं होगी बल्कि ये सौर ऊर्जा से चलने वाला जेनरेटर है।

बड़े जनरेटर पूरे घर को बिजली देगा

आपको बता दें कि सौर ऊर्जा से चलने वाले जेनरेटर की कीमत डॉलर की औसत लागत लगभग 300 डॉलर से 5,000 डॉलर तक है जिसकी औसत लागत 2,000 डॉलर है। सोलर ऊर्जा से चलने वाले इस जनरेटर की कीमत उसके डॉलर की औसत लागत लागत क्षमता और आकार पर निर्भर करती है। अगर आप छोटे जेनरेटर लेना चाहते है तो वे आपके लैपटॉप या सेलफोन जैसे छोटे उपकरणों को पावर दे सकते है। वहीं, बड़े जनरेटर पूरे घर को बिजली दे सकते है।

माइकल सायलर कहते हैं: "अब बिटकॉइन खरीदने का एक अच्छा समय है"

उन्होंने आगे बताया डॉलर की औसत लागत कि चूंकि बीटीसी का चार साल का मूविंग एवरेज लगभग 21.000 डॉलर है, इसलिए मौजूदा कीमत है "खरीदारी का अच्छा मौका".

जैसे ही MicroStrategy नकदी प्रवाह उत्पन्न करना जारी रखेगी, वे करेंगेबिटकॉइन खरीदते रहो, उन्होंने उल्लेख किया।

MicroStrategy कुल रखती है 129.218 बीटीसी, लगभग . की औसत लागत के साथ 30.700 डॉलर।

सैलर ने से 205 मिलियन डॉलर का ऋण लिया है सिल्वरगेट बैंक कंपनी की बैलेंस डॉलर की औसत लागत शीट का केवल एक छोटा प्रतिशत।

"एक अरब डॉलर की बैलेंस शीट पर, हमारे पास केवल $ 200 मिलियन का ऋण है जिसे हमें संपार्श्विक बनाना है, और संपत्ति अब 10 गुना अधिक संपार्श्विक है।"

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