ब्रोकरेज क्या होता है

- Angel Broking
- Geojit Securities
- Icici Direct
- HDFC
- Motilal Oswal
- Share Khan
- Religare
- Zerodha - Discount Broker .
उम्मीद है, आपको इस आर्टिकल से Stock Broker and Brokrage fee के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आये। तो आप इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। यदि शेयर बाजार से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट करके पूछ सकते है।
शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान
शेयर बाजार में शेयर खरीदन-बेचना बच्चों का खेल नहीं. इसके लिए आपको जरूरत होती है. ब्रोकर के चयन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान.
1. डिस्काउंट ब्रोकर पर दांव!
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद फरोख्त करते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. इसलिए यदि आप बाजार की उथल-पुथल और हलचल को समझते हैं, जो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं. अन्यथा फुल सर्विस ब्रोकर ही बेहतर है.
2. फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा
आप कारोबार के लिए फोन और ब्रोकरेज क्या होता है इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रोकर का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है. हालांकि, हाइब्रिड ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
इसे भी पढ़ें: ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए MRP बताना अनिवार्य, सरकार का आदेश
3. ब्रोकिंग चार्जेज पर नजर
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
4. अन्य सुविधाएं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.
5. ब्रोकरेज की छवि जान लें
अपने ब्रोकर पर मुहर लगाने से पहले बाजार में उसकी छवि जान लें. ब्रोकर की सेवाओं और सुविधाओं की संतुष्टि के बाद ही उससे जुड़े. सभी ब्रोकरेज के खिलाफ दर्ज शिकायतों का ब्यौरा सेबी के पास मिल जाएगा.
(नोट: यह लेख सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के विचारों से प्रभावित हैं. इस लेख में गिरिजा गाद्रे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता ने अहम योगदान दिया है.)
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.
What is Stock Broker and Brokrage fee-in Hindi .
Stock Market में काम करने वाले बहुत से लोग stock broking service के बारे में जानना चाहते है, कि स्टॉक ब्रोकर क्या है और ये क्या काम करते है? लोग ब्रोकरेज फीस के बारे में जानना चाहते है। इस आर्टिकल में आप What is Stock Broker and Brokrage Fee के बारे में विस्तार से जानेगे।
स्टॉक ब्रोकर
Stock Broker रजिस्टर्ड फाइनेंसियल रिप्रजेंटेटिव पेशेवर होते हैं। शेयर ब्रोकर एक इन्वेस्टमेंट सलाहकार और साधारण ब्रोकर का कार्य करता है। Stock Broker, शेयर और दूसरी securities के Stock Market में अपने ग्रहकों की ओर से buy और sell के ऑर्डर पूरे करते हैं। स्टॉक ब्रोकर ब्रोकरेज फर्म से जुडे होते हैं तथा वह इन्टीटूशनल और रिटेल कस्टमर के ट्रांजेक्शन हैंडल करते हैं। स्टॉक ब्रोकर को एक निवेश सलाहकार के रूप में भी जाना जाता है।
(1) Full -service broker
Full-service broker
फुल सर्विस ब्रोकर लइसेंसयुक्त बड़ी ब्रोकर डीलर फर्म होती है। जो अपने क्लाइंटो को रिसर्च रिपोर्ट आधारित निवश सलाह, ट्रेडिंग टिप्स, टेक्स प्लानिंग सलाह आदि मुहैया कराती है। Full-service broker की ब्रोकरेज फीस Discount broker की तुलना में ज्यादा होती है। इनकी Brokrage fee ब्रोकरेज क्या होता है 0.50 % से 0.75 % तक हो सकती है। इसे भी पढ़ें-How to Buy and Sell Stocks Online - In hindi
फुलसर्विस स्टॉक ब्रोकर उन लोगो के लिए ठीक है, जिन्हे निवेश तथा ट्रेडिंग के लिए सलाहकार की जरूरत होती है। जिन्हे शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती। ऐसे इन्वेस्टर जिनका बड़ा पोर्टफोलियो होता है। उनके लिए फुलसर्विस ब्रोकर सही होते है।
Discount broker
टेक्नोलॉजी के उत्थान से पहले केवल धनी लोग ही Share market में काम कर पाते थे। इंटरनेट केआगमन के बाद कोई भी सामान्य पढ़ा लिखा व्यक्ति, जिसे शेयर बाजार का ज्ञान हो छोटी सी धन-राशि से Discount broker के यहां बहुत कम Brokrage fee में इन्वेस्ट तथा ट्रेडिंग कर सकता है।
डिस्काउंट ब्रोकिंग सर्विस में शेयर ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने पहले, आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग खुद करना आना चहिये। इधर-उधर से टिप्स लेकर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग नहीं चाहिए। जिससे नुकसान ना हो। ये भी पढ़ें- शेयर बाजार से पैसे कमाने के दस सबसे अच्छे तरीके
डिस्काउंट शेयर ब्रोकर, buy और sell के ऑर्डर को फूलसर्विस ब्रोकर की तुलना में कम ब्रोकरेज पर पूरा करते ह। ये 0.10 % से 0. 01% तक हो सकती है। लेकिन डिस्काउंट ब्रोकर निवेश तथा के लिए सलाह नहीं देते तथा ना ही रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित करते है।
यदि आप शेयर मार्केट में नुकसान नहीं उठाना चाहते तो आपको बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित बुक 'द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक (हिंदी) को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। इस बुक को शेयर मार्केट की बाइबिल भी कहा जाता है। The intelligent investors book को आप इस लिंक द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर पर क्लिक करके बहुत आसानी से खरीद सकते हैं।
डिस्काउंट ब्रोकर अपने कस्टमर के लिए टेक्स प्लानिंग भी नहीं करते है। Discount stock broker उन इन्वेस्टर तथा ट्रेडर दोनों के लिए उपयोगी है। एक्टिव ट्रेडर जो लगातार ट्रेड करते हैं, उन्हें डिस्काउंट ब्रोकर यहाँ खता खुलवाना चाहिए। क्योकि कम ब्रोकरेज उनके प्रॉफिट को नहीं खाती और इससे उनको ज्यादा प्रॉफिट होता है।
ऐसे इन्वेस्टर तथा ट्रेडर जो शेयर बाजार के जानकर होते है। जिनका छोटा पोर्टफोलियो ब्रोकरेज क्या होता है होता है,उनके लिए Discount stock broker फायदे का सौदा है। जो लोग Share market के जानकर हैं और अपने शेयर ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के निर्णय खुद हैं,उन्हें डिस्काउंट ब्रोकर यहाँ खाता खुलवाने में ही फायदा है। ये भी पढ़ें- फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस में क्या अन्तर है ?
सही Stock broker तथा Brokrage cost ब्रोकरेज क्या होता है कैसे चुनें?
शेयर खरीदने तथा बेचने की लागत बहुत ही पेचीदा होती है। ब्रोकिंग हाउस के रिलेशनशिप मैनेजर से कमीशन (Brokrage ) के बारे पूछे। ज्यादातर मैनेजर आपको ब्रोकरेज .05% इंट्राडे के लिए तथा .50% डिलीवरी के लिए बतायगे। यदि आप इसे नहीं मानेगे या दूसरी जगह ट्राई करेंगे तो ये कम हो सकती है। जैसे कि .01% ब्रोकरेज क्या होता है इंट्राडे के लिए तथा .10% डिलीवरी बेस खरीदारी करने के लिए।
जब आप एक ब्रोकर चुन लेते है, तो यह पक्का करे कि क्या वो वही ब्रोकरेज ले रहा है। जिसकी उसने आपसे शुरू में पेशकश की थी। समय-समय पर Brokrage fee को चेक करते रहे।
Stock broker आपके अकाउंट के अमाउंट से एनुअल मेंटेनेंस चार्ज करते है। इसे AMC भी कहते है। यदि इसे आपका ब्रोकर मंथली चार्ज करेगा तो यह आपकी बेलेंश शीट को खाता रहेगा। इसका बेस्ट ऑप्शन इसे लम्प्शम्प पे करना चाहिए। यह लाइफटाइम के लिए 600-700 /- रूपये के आसपास होना चाहिए। शेयर मार्केट निवेश के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
इंडिया के कुछ मुख्य स्टॉक ब्रोकर
स्टॉक ब्रोकर को SEBI (सेबी ) में रजिस्टर्ड होना चाहिए। आप सेबी की वेबसाइट पर जाकर ब्रोकर की रजिस्ट्रेशन डिटेल चेक कर सकते। प्रत्येक Stock broker की वेबसाइट पर उसका रजिस्ट्रेशन ब्रोकरेज क्या होता है नम्बर लिखा होता है।उस रजिस्ट्रेशन नंबर को सेबी की वेबसाइट पर डालकर स्टॉक ब्रोकर के बारे में डिटेल जान सकते है।
यहां पर इंडिया के कुछ मुख्य स्टॉक ब्रोकर के नाम दिए गए है। इनमे से कुछ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी है-
- Angel Broking
- Geojit Securities
- Icici Direct
- HDFC
- Motilal Oswal
- Share Khan
- Religare
- Zerodha - Discount Broker .
उम्मीद है, आपको इस आर्टिकल से Stock Broker and Brokrage fee के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आये। तो आप इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। यदि शेयर बाजार से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट करके पूछ सकते है।
शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ब्रोकरेज चार्जेस की गणना किस प्रकार की जाती है?
शेयर मार्केट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर की खरीद बेच होती है जिसके लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट का होना आवश्यक है परंतु हमें पता होना चाहिए कि हम सीधे तौर पर शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच नहीं कर सकते हैं इसके लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे ब्रोकर (Broker) कहा जाता है। ब्रोकर द्वारा हमें इंटरनेट पर एक ब्रोकिंग प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है जिसकी मदद से हम शेयर संबंधित लेन देन कर पाते हैं।
ब्रोकर क्या है? | Broker in Hindi
ब्रोकर(Broker) एक वित्तीय माध्यम बिचौलिया अथवा एजेंट होता है जिसके माध्यम से हम शेयर मार्केट में शेयर को खरीद बेच कर पाते हैं। ब्रोकर हमें विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे Stocks Futures तथा derivative की खरीद बेच में मदद करता है।
शेयर मार्केट में मुख्यतः दो प्रकार के ब्रोकर होते हैं
- Full Time ब्रोकर – वे ब्रोकर जो शेयर की खरीद बेच के माध्यम के साथ-साथ अन्य सुविधाओं जैसे मार्केट रिपोर्ट्स शेयर के संबंध में सलाह, शेयर के बारे में रिसर्च आदि उपलब्ध कराते हैं वह Full Time ब्रोकर कहलाते हैं
- Discount ब्रोकरेज क्या होता है ब्रोकर – वे ब्रोकर जो कम ब्रोकिंग चार्जेस के साथ शेयरों की खरीद बेच में मदद करते हैं वे डिस्काउंट ब्रोकर कहलाते हैं ये अन्य कोई सुविधा नहीं प्रदान करते हैं
ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?
वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।
भारत में किस प्रकार के ब्रोकर प्लान उपलब्ध हैं?
भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं
- Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
- Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब से ब्रोकर को शुल्क चुकाना पड़ता है।
ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?
ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है
- Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।
जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है
- Delivery Charges जब किसी व्यक्ति द्वारा ब्रोकरेज क्या होता है शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच 1 दिन में नहीं की जाती है तब उस स्थिति में ब्रोकिंग चार्जेस की गणना डिलीवरी शुल्क के अंतर्गत की जाती है।
इस स्थिति में डिलीवरी चार्ज 0.2% तथा 0.75 % के मध्य होता है जो कि सौदे में किए गए शेयर की संख्या पर निर्भर करता है।
इस प्रकार से डिलीवरी चार्ज की गणना के लिए डिलीवरी चार्ज प्रतिशत को खरीद बेच में प्रयुक्त शेयर की संख्या से गुणा किया जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?
- Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
- Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
- Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
- Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
- GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
- SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
- DP( Depository Participants)
जब हम किसी शेयर की खरीद बेच एक ही trading session के दौरान नहीं करते हैं। उस स्थिति में यह शुल्क depository participants द्वारा लिया जाता है। Intraday Trading के दौरान यह शुल्क देय नहीं होता है। यह शुल्क शेयर की संख्या पर निर्भर ना होकर एक निश्चित राशि के रूप में लिया जाता है।
शेयर मार्केट में ब्रोकर से जुड़े कुछ सवाल जवाब
शेयर मार्केट(Share Market) में कितने प्रकार के ब्रोकर होते हैं?
शेयर मार्केट में कितने दो प्रकार के ब्रोकर होते हैं-
Full Time ब्रोकर तथा Discount ब्रोकर
निर्यात में एक सीमा शुल्क ब्रोकर क्या है?
जबकि आपके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार बेचने की संभावना आकर्षक है, माल की सोर्सिंग और परिवहन, सीमा शुल्क निकासी और पार्सल का वितरण / वितरण एक बोझिल प्रक्रिया है। इसके ऊपर, आपके द्वारा भेजे जाने वाले प्रत्येक देश के पास अपने सीमा शुल्क नियमों का अपना सेट होता है, और उनके लूप में होना वैश्विक व्यवसायों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि ये नियम हर दूसरे दिन बदलते रहते हैं।
यह वह जगह है जहाँ सीमा शुल्क ब्रोकरेज या एक सीमा शुल्क दलाल खेल में आता है।
एक सीमा शुल्क ब्रोकर कौन है?
सीमा शुल्क ब्रोकरेज, या अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क में एक सीमा शुल्क दलाल, एक तृतीय पक्ष कंपनी है जो गंतव्य देश के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा नियमों द्वारा आगे रखी गई सभी सीमा शुल्क आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यवसायों के साथ समन्वय करती है।
एक सीमा शुल्क ब्रोकर के प्रमुख कार्य क्या हैं?
निषिद्ध/प्रतिबंधित वस्तुओं पर परामर्श व्यवसाय
व्यवसायों के लिए एक कम ज्ञात तथ्य - दक्षिण अफ्रीका या मैक्सिको में खेल के जूते आयात करना, या अल्जीरिया देश में किसी भी दंत उत्पाद का आयात करना मना है। इसी तरह, हर देश की अपनी विशिष्ट निषिद्ध वस्तुओं की सूची होती है जो समय-समय पर अपडेट होती रहती है।
सरकारी मंजूरी पारित करना
किसी देश में आयात किए जा रहे माल के प्रकार के आधार पर, चर्चा में देश से विशेष सरकारी मंजूरी की आवश्यकता होती है। एक सीमा शुल्क दलाल यहां सरकार की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है और माल को सुरक्षित रूप से निर्दिष्ट सीमाओं में स्थानांतरित करता है।
दंड से बचना
कस्टम ब्रोकर शिपमेंट सूचनाओं और अनुपालन स्थिति के इलेक्ट्रॉनिक डेटा को साझा करने का कार्यभार भी संभालते हैं शिपिंग जब भी पूछताछ की जाती है, विवरण, जो बदले में आपके अंतरराष्ट्रीय आदेशों में गैर-अनुपालन दंड से बचने में मदद करता है।
एक सीमा शुल्क ब्रोकर की अन्य सेवाएं
एक सीमा शुल्क दलाल निम्नलिखित आवश्यकताओं में एक वैश्विक व्यापार की भी मदद करता है:
- दूसरे देश से आयातित माल के शिपमेंट को साफ़ करना।
- शिपमेंट के लंबित कर्तव्यों और करों का संग्रह करना।
- सीमा शुल्क उद्देश्यों के लिए लेखांकन दस्तावेज तैयार करना।
- मुक्त व्यापार समझौते के विकल्पों पर विक्रेता से परामर्श करना।
सीमा शुल्क ब्रोकरेज में शामिल शुल्क क्या हैं?
एक कस्टम ब्रोकर आमतौर पर ब्रोकरेज शुल्क लेता है, जो आमतौर पर आयातित शिपमेंट के मूल्य का प्रतिशत होता है। सीमा शुल्क प्रविष्टि की जटिलता, आयातित माल के मूल्य और अनुपालन की सुगमता के आधार पर, आयातक और सीमा शुल्क दलाल दलाली के शुल्क पर परस्पर सहमत होते हैं।
कृपया ध्यान ब्रोकरेज क्या होता है दें कि कंपनी और डिलीवरी के स्थान के आधार पर शुल्क भी भिन्न हो सकते हैं।
ब्रोकरेज शुल्क का भुगतान सीधे सीमा शुल्क दलाल को पहले ही कर दिया जाता ब्रोकरेज क्या होता है है ताकि एजेंट दस्तावेज जमा करने और सीमा शुल्क शुल्क संसाधित करते समय होने वाली लागत को कवर कर सके। ब्रोकरेज को कई तरह से चार्ज किया जा सकता है -
- प्रति सेवा के लिए एक फ्लैट के रूप में
- सेवाओं के बंडल के लिए एक मूल्य के रूप में, या
- शिपमेंट मूल्य के प्रतिशत के रूप में।
निष्कर्ष: सीमा शुल्क ब्रोकर को काम पर रखना क्यों फायदेमंद है?
एक नए आयातक या निर्यातक के रूप में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिपिंग की खामियों को हमेशा नहीं जाना जाता है। गलत या अधूरे दस्तावेज़ीकरण के झंझट से बचने के लिए देरी करें सीमा शुल्क की हरी झण्डी साथ ही एक विदेशी देश में शिपिंग करते समय सभी प्रतिबंधों या प्रतिबंधों के अद्यतन में होना, एक सीमा शुल्क दलाल आपके पास सबसे अच्छी सहायता है। जबकि भारत में सीमा शुल्क दलालों को किराए पर लेने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है, आपके पास हमेशा देरी, गलत संचार और अधिक भुगतान शुल्क से बचकर माल भेजने में मदद करने के लिए एक हो सकता है।