प्रतिभूति और सामूहिक निवेश

सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति निवेशकों की पुष्टि करने के बाद संपत्तियों के निपटान के जरिये उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया देख रही है. समिति कई चरणों में रिफंड की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में सेबी ने इस समिति का गठन किया था.
PACL के 2.77 लाख से अधिक निवेशकों का पैसा लौटाया गया: SEBI
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बाजार नियामक सेबी (Market regulator sebi) ने मंगलवार को कहा कि पीएसीएल (PACL Limited) के मामले में 5,000 रुपये तक के दावे वाले 2.77 लाख से अधिक निवेशकों का पैसा वापस कर दिया गया है।
पीएसीएल ने कृषि और रीयल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से धन जुटाया था। सेबी ने पाया कि कंपनी ने अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के जरिये 18 साल में निवेशकों से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटायी।
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2,77,544 निवेशकों ने 5,000 रुपये तक दावे किये
सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर एम लोढ़ा (RM Lodha) की अध्यक्षता वाली समिति ने दो चरणों दो जनवरी 2018 से 31 मार्च 2018 तथा आठ फरवरी 2019 से 31 जुलाई 2019 में उन निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जिन्होंने पीएसीएल में पैसा लगाया था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक बयान में कहा कि दूसरे चरण की धन वापसी प्रक्रिया में 2,77,544 निवेशकों ने 5,000 रुपये तक दावे किये थे।
प्रर्वतकों तथा निदेशकों की सभी संपत्ति कुर्क करने का आदेश
पहले चरण में 2,500 रुपये तक का दावा करने वाले 1,89,103 निवेशकों को पैसा लौटाया गया। नियामक ने यह भी कहा कि 5,000 रुपये तक के दावे वाले कुछ आवेदनों का निपटान नहीं किया जा सका। इसका कारण आवेदन फार्म में कुछ कमियां थी। सेबी के अनुसार समिति जल्दी ही ऐसे निवेशकों को एक और मौका देगा और इसके लिये तारीख अधिसूचित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नियामक ने कंपनी द्वारा निवेशकों का पैसा लौटाने में विफल रहने के बाद दिसंबर 2015 में पीएसीएल और उसके नौ प्रर्वतकों तथा निदेशकों की सभी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भारतीय पूंजी बाजार को कैसे नियंत्रित करता है ? | How does the Securities and Exchange Board of India (SEBI) regulate the Indian capital market in hindi ?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का गठन शुरू में 12 अप्रैल 1988 को सरकार के प्रतिभूति और सामूहिक निवेश एक संकल्प के माध्यम से प्रतिभूति बाजार के विकास और विनिमय और निवेशकों की सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों को देखने और इन मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए किया गया था। . एक गैर-अंशदायी निकाय के रूप में। सेबी को प्रतिभूति और सामूहिक निवेश 30 जनवरी 1992 को एक अध्यादेश के माध्यम से वैधानिक दर्जा और शक्तियां दी गई थीं।
सेबी ने पंजाब में पीएसीएल की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया
नयी दिल्ली 27 मार्च बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की फंसी पड़ी हजारों करोड़ रुपये की राशि वसूलने के प्रयास के तहत अवैध तरीके से धन जुटाने के मामले में पीएसीएल से संबंधित संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) से जुड़ी जिन संपत्तियों को प्रतिभूति और सामूहिक निवेश कुर्क किया जा रहा है, वे पंजाब के बनूर में हैं।
नियामक ने दरअसल अपनी जांच में पाया था कि पीएसीएल ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर 18 वर्षों तक अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के माध्यम से जनता से 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई थी।
माधबी पुरी बुच बनी सेबी की पहली महिला प्रमुख
पूर्व आईसीआईसीआई बैंकर, माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) को अजय त्यागी (Ajay Tyagi) की जगह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह सेबी की पहली महिला प्रमुख हैं और नियामक निकाय की अध्यक्षता करने वाली पहली गैर-आईएएस भी हैं। उन्हें वित्तीय बाजारों में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है और वह 5 अप्रैल, 2017 और 4 अक्टूबर, 2021 के बीच सेबी की पूर्णकालिक सदस्य (WTM) थी। सेबी में अपने प्रतिभूति और सामूहिक निवेश कार्यकाल के दौरान, उन्होंने निगरानी, सामूहिक निवेश योजनाओं और निवेश प्रबंधन जैसे विभागों को संभाला।