दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प

नीट आवेदन पत्र 2022 (NEET Application Form 2022) - एप्लीकेशन समाप्त
नीट आवेदन पत्र 2022 - नीट आवेदन पत्र 2022 में श्रेणी संबंधी गलती को दूर करने के लिए एनटीए ने एक और मौका दिया था। 14-16 जून (रात 9 बजे) तक सुविधा का लाभ लेकर नीट आवेदन पत्र 2022 में श्रेणी में बदलाव किया जा सकता दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प था।
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Latest Updates for NEET
यूपी नीट काउंसलिंग की तारीख में विस्तार किया गया, अब 29 अक्टूबर तक किया जा सकता है पंजियन।
एमसीसी ने न्यायालय की अवमानना से बचने के लिए राज्य नीट काउंसलिंग प्राधिकरणों को तय समय-सीमा में नीट काउंसलिंग 2022 प्रक्रिया संपन्न करने के निर्देश दिए।
इससे पहले गलतियों को दूर करने हेतु उम्मीदवारों के लिए 24 मई, 2022 से एप्लीकेशन करेक्शन विंडो खोली गई थी। गौरतलब हो कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट आवेदन पत्र भरने की सुविधा समाप्त कर दी है। आपको बता दें कि नई तिथि के अनुसार 20 मई (रात 9 बजे) तक आवेदन स्वीकार किए जा सकते थे। नीट 2022 एप्लीकेशन फॉर्म (NEET 2022 Application form date) आधिकारिक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जारी किया गया था। नीट 2022 एप्लीकेशन फॉर्म 6 अप्रैल को जारी किया गया था। पूर्व में ऑनलाइन नीट आवेदन पत्र भरने की आखिरी तारीख 6 मई थी जिसे बाद में बढाकर 15 मई किया गया था, फिर से बदलाव हुआ जिसमें 20 मई तक नीट आवेदन पत्र 2022 भरे जा सकते थे।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा नीट आवेदन पत्र 2022 में सुधार करने हेतु उम्मीदवारों के लिए नीट एप्लीकेशन करेक्शन विंडो 24 मई, 2022 से खोली गई। उम्मीदवार आवेदन पत्र में मौजूद गलतियों को, नीट एप्लीकेशन करेक्शन विंडो सुविधा की अंतिम तिथि यानि कि 27 मई, 2022 की रात 9 बजे तक सुधार सकते थे। नीट एप्लीकेशन विंडो के उपयोग से संबंधित संपूर्ण जानकारी इस लेख में उपलब्ध है। गौरतलब हो कि नीट तिथियों के अनुसार, नीट 2022 परीक्षा 17 जुलाई, 2022 को आयोजित हो चुकी है। आपको बता दें कि नीट 2022 एप्लीकेशन फीस जमा करने की आखिरी तारीख 20 मई, 2022 (रात 11:50 बजे तक) थी। एनटीए नोटीफिकेशन पीडीएफ द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आवेदन तारीख जारी की गई थी। नीट 2022 पात्रता मानदंड पूरा करने वाले आवेदक नीट पंजीकरण 2022 की अंतिम तिथि को या उससे पहले देश की एकमात्र सबसे बड़ी अंडरग्रेजुएट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए नीट आवेदन पत्र 2022 (NEET Application form 2022) भर सकते थे।
नीट आवेदन पत्र 2022 अंतिम तारीख के संबंध में जारी नवीनतम सूचना-
नवीनतम अपडेट के अनुसार, एनटीए नीट एप्लीकेशन फॉर्म 2022 को दो चरणों में भरना होगा। एनटीए ने पिछले वर्ष से नीट आवेदन पत्र भरने के दो चरणों की शुरुआत की है। इसकी वजह से उम्मीदवारों का डेटा अब जल्दी सबमिट हो जाता है। नीट 2022 फेज 1 आवेदन पत्र में उम्मीदवार केवल लिंग, राष्ट्रीयता, ईमेल, कैटेगरी और सब-कैटेगरी को संपादित कर सकते हैं। हालांकि, यदि आवश्यक हो, तो सभी विवरण एनईईटी चरण 2 पंजीकरण फॉर्म में संपादित किए जा सकते हैं।
नीट 2022 फेज 1 आवेदन पत्र पांच चरणों में भरा जाएगा जिनमें neet.nta.nic.in पर पंजीकरण, आवेदन पत्र भरना, इमेज अपलोड करना, नीट फॉर्म शुल्क भुगतान और कन्फर्मेशन पेज का प्रिंटआउट लेना शामिल हैं।
नीट 2022 आवेदन पत्र (NEET 2022 Application form) सफलतापूर्वक भरने वाले आवेदकों के लिए नीट परीक्षा 2022 (NEET Exam 2022) ऑफलाइन यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की जाएगी। नीट पात्रता मानदंड 2022 को पूरा करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। हर साल लाखों उम्मीदवार एनटीए नीट (NEET) के लिए पंजीकरण करते हैं। नीट 2022 रजिस्ट्रेशन डेट, नीट फॉर्म कैसे भरें, आवश्यक दस्तावेज, पंजीकरण शुल्क आदि जैसे अन्य विवरण जानने के लिए हिंदी में यह लेख पूरा पढ़ें।
नीट 2022 आवेदन पत्र भरने में मददगार वीडियो
ईएमआई में राहत पर यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
आरबीआई ने सभी वित्तीय संस्थानों को टर्म लोन के पेमेंट पर ग्राहकों को यह राहत देने के लिए कहा है. जिन लोगों ने बैंक से कर्ज लिया है, उनके इससे जुड़े कई सवाल हैं.
ईएमआई के पेमेंट पर राहत का फैसला 1 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच पड़ने वाली सभी किस्तों के भुगतान पर लागू है.
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के सीईओ सुनील मेहता ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की वेबसाइटों पर इससे जुड़े कुछ सामान्य सवालों के जवाब दिए हैं. आइए, उन्हें जानते हैं.
1. आरबीआई ने राहत पैकेज की घोषणा क्यों की?
कोविड -19 महामारी के कारण लॉकडाउन से देशभर में व्यावसायिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. लोगों पर कर्ज की ईएमआई भरने का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े, इससे राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पैकेज का एलान किया है. देखने में आया है कि कारोबारी गतिविधियां ठप्प होने से कई लोगों की आमदनी रुक गई है. यह कदम उन्हें राहत देगा.
2. आरबीआई कोविड-19 रेगुलेटरी पैकेज के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कौन पात्र है? क्या यह सुविधा सभी ग्राहकों को एक समान मिलेगी?
सभी टर्म लोन (एग्रिकल्चरल टर्म लोन, रिटेल, फसल कर्ज और पूल परचेज के तहत लोन सहित) और कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट पैकेज के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं. यह ऐसे सभी खातों के लिए उपलब्ध है, जो 1 मार्च 2020 तक स्टैंडर्ड एसेट हैं. अनावश्यक कागजी कार्यवाही से बचने के लिए सभी ग्राहकों को यह सुविधा दी गई है. इसमें लोन की ईएमआई के पेमेंट से 90 दिन की मोहलत है.
3. क्या सभी प्रकार के मियादी कर्जों यानी टर्म लोन के लिए पेमेंट की रीशेड्यूलिंग लागू है?
यह सभी सेगमेंट में सभी टर्म लोन के लिए लागू है. फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि टर्म लोन की अवधि क्या है और वह किस सिगमेंट में आता है.
4. क्या केवल टर्म लोन के मूलधन पर मोहलत मिलेगी या इसमें ब्याज भी शामिल है?
1 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच आने वाले तीन महीनों की अवधि के लिए मूल धन पर मोहलत मिलेगी. उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि देय कर्ज की मासिक किस्त का भुगतान 1 मार्च को करना है. उस मामले में इसे 1 जून 2020 को देना होगा. लेकिन, ब्याज वाले हिस्से को आगे अडजस्ट किया जाएगा.
5. यदि टर्म लोन की विस्तारित अवधि प्रोडक्ट के लिए तय अधिकतम अवधि से आगे बढ़ जाती है तो क्या होगा?
इस बात से फर्क नहीं पड़ता है. किसी मंजूरी की आवश्यकता के बिना ऐसे सभी टर्म लोन के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है.
6. कार्यशील पूंजी जरूरतों को लेकर लिए गए कर्ज पर ब्याज को कैसे देखा जाएगा?
31 मार्च, 30 अप्रैल और 31 मई 2020 को कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट पर लागू ब्याज की वसूली को डेफर यानी टाला जा रहा है. हालांकि, मोहलत में ईएमआई में ब्याज की रकम को 30 जून 2020 को लागू ब्याज के साथ वसूल किया जाएगा.
7. जहां तक डिफॉल्ट की रिपोर्टिंग की बात है तो ग्राहकों पर आरबीआई की इस राहत का क्या असर होगा?
भुगतान में देरी को डिफॉल्ट के रूप में देखा जाता है. इसे क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट किया जाता है. 5 करोड़ रुपये या इससे अधिक के बिजनेस लोन के लिए बैंक सीआरआईएलसी के माध्यम से आरबीआई को बताते हैं. इस राहत पैकेज के चलते 1 मार्च के बाद के देय भुगतानों को क्रेडिट ब्यूरो/ सीआरआईएलसी को तीन महीने के लिए सूचित नहीं किया जाएगा. इस तरह कोई दंडात्मक ब्याज या शुल्क नहीं लिया जाएगा.
8. इसका मतलब है कि क्या व्यवसाय/ व्यक्ति को जरूर इस मौके का लाभ उठाना चाहिए?
यदि आपके कैश फ्लो या इनकम को नुकसान हुआ है तो आप इस पैकेज के तहत लाभ ले सकते हैं. हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तीन महीने के लिए वैसे तो आपको किस्त नहीं देनी होगी. लेकिन, कर्ज पर ब्याज खाते में जमा होता रहेगा. इसके चलते आगे चलकर कर्ज की लागत बढ़ेगी.
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपका बकाया कर्ज 1,00,000 रुपये है और आपसे कर्ज पर 12 फीसदी ब्याज लिया जाता है. तो, आपको हर महीने 1000 रुपये देने पड़ते हैं. अगर आप हर महीने ब्याज का भुगतान नहीं करने का विकल्प चुनते हैं तो आपको तीन महीने बाद 3030.10 देने पड़ेंगे. इसी तरह ब्याज की दर 10 फीसदी है तो आपको हर महीने 833 रुपये देने की जरूरत पड़ती है. तीन महीने बाद आपको 2521 रुपये देने पड़ेंगे.
9. अगर बैंक का कोई कर्मचारी या उसके कलेक्शन एजेंट पेमेंट के लिए पहुंचते हैं तो क्या मुझे परेशान होना चाहिए?
आपको परेशान नहीं होना चाहिए और बैंक स्टाफ/कलेक्शन एजेंट को बताना चाहिए कि आप रेगुलेटरी पैकेज के तहत दिए जा रहे बेनिफिट का फायदा उठाना चाहते हैं.
10. मेरे क्रेडिट कार्ड बकाये का क्या होगा?
यह राहत क्रेडिट कार्ड भुगतान के लिए भी उपलब्ध है. क्रेडिट कार्ड बकाया के मामले में न्यूनतम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता होती है और यदि इसका भुगतान नहीं किया जाता है, तो क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट किया जाता है. आरबीआई सर्कुलर के मद्देनजर क्रेडिट कार्ड अकाउंट पर देय राशि को तीने महीने के लिए क्रेडिट ब्यूरो को सूचित नहीं किया जाएगा. हालांकि, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले उस राशि पर ब्याज ले सकते हैं जो नहीं चुकाई जाएगी.
11. व्यवसायों के एनएफबी से एफबी या एफबी से एनएफबी में अदला-बदली के नियमों का क्या होगा?
1 मार्च से 31 मई 2020 के बीच की अवधि के दौरान इंटरचेंजेबिलिटी के फंड आधारित हिस्से पर लागू ब्याज मोहलत के लिए पात्र होगा. 1 मार्च से नए आवंटितों के संबंध में इस अवधि के दौरान फंड आधारित हिस्से पर लागू ब्याज मोहलत का हकदार होगा.
12. किन अन्य तरीकों से व्यवसायों को राहत दी गई है?
व्यवसाय बैंक से अपने कैश फ्लो में आई बाधा या वर्किंग कैपिटल के संबंध में दोबारा आकलन करने का अनुरोध कर सकते हैं.
13. क्या एनबीएफसी/ एमएफआई/ एचएफसी "ईजिंग ऑफ वर्किंग कैपिटल फाइनेंसिंग" के तहत पात्र हैं?
अभी उन्हें योजना के तहत नहीं माना जा रहा है.
14. क्या आरबीआई के इन सभी उपायों को "पुनर्गठन" माना जाएगा? लागू प्रावधानों के बारे में क्या होगा?
आरबीआई के 27 मार्च, 2020 के तहत कोविड-19 रेगुलेटरी पैकेज पर सर्कुलर में दिए गए उपायों को ''रीस्ट्रक्चरिंग'' यानी पुनर्गठन नहीं माना जाएगा और इससे एसेट पर दबाव नहीं बनेगा.
15. एसआई/ईसीएस/ एनएसीएच के माध्यम से किस्तों/ ईएमआई की वसूली को लेकर क्या होगा? किस्त/ ईएमआई को रिफंड करने की प्रक्रिया क्या होगी?
इसके लिए अपने बैंक के साथ बदले मैनडेट को लेकर संपर्क में रहें.
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अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
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और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।
अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
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और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।