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बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है

बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है
क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ वर्षों में एक लोकप्रिय निवेश विकल्प रही है। जबकि बिटकॉइन में पिछले कुछ वर्षों में एथेरियम की तुलना में एक बड़ा मार्केट कैप रहा है , लेकिन एथेरियम के जल्द ही इसके अधिग्रहण की संभावना है। यह फ़्लिपिंग जल्द ही होने की उम्मीद है और कई निवेशकों के बीच एक उत्तेजित बहस हुई है।

Bitcoin Mining क्या है और कैसे करें ?

दोस्तों आप सभी के मन में हमेशा एक सवाल रहता होगा की बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? और इसको कहाँ पर स्टोर किया जाता है? आज की दुनियाँ में जिस तरह इस इंटरनेट अपना जाल बिछाता जा रहा है उसके माध्यम से जिंदगी बहुत ही आसान हो गई है । हम घर बैठे कुछ भी काम अनलाइन कर पा रहे हैं । खरीदने और बेचने तक सारे काम इंटरनेट के माध्यम से कर लेते हैं । इंटरनेट से लोग पैसे भी काम रहे है ।

खासकर कोरोना संकट में सोशल दूरी बरकरार रखने हेतु वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बहुत ज्यादा बढ़ रहा है । बहुत सारे अवसर इस क्षेत्र में विकसित हो रहे हैं । इन्ही में से एक अवसर है Bitcoin. इसके माध्यम से आप अच्छा खासा पैसा बना सकते हैं ।इसका बड़े पैमाने पर ग्लोबलाईजेसन हो रहा है ।

बिटकॉइन माइनिंग क्या है?

सामान्य भाषा में देखें तो माइनिंग का मतलब होता है खुदाई करके खनिजों का पाना या निकालना जैसे कोयला,सोना और हीरा आदि। चूंकि इनका भौतिक रूप होता है इसलिए इनको हम छु या देख सकते हैं लेकिन बिटकॉइन का कोई रूप आकार तो होता नहीं है अतः इसकी खुदाई आदि परंपरागत तरीके से नहीं हो सकती है। इसलीय यहाँ माइनिंग की मतलब है बिटकॉइन आभासी मुद्रा का निर्माण कंप्युटर के माध्यम से करना । इसलिए इसको बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है ।

यह एक ऐसा प्रोसेस होता है कम्प्यूटिंग पावर का इस्तेमाल किया जाता है और फिर ट्रांजेकसन किया जाता है । इसको माइनरस् करने के लिए एक स्ट्रॉंग स्पेशल हार्डवेयर की जरूरत पड़ती है । इसके लिए कंप्युटर की प्रोसेसिंग शक्तिशाली होना चाहिए । इसके अतिरिक्त देखा जाए तो बिटकॉइन माइनिंग सॉफ्टवेयर की भी जरूरत पड़ती है । आपको बता दें की इसके Transaction को कंप्लीट करने वाले माइनर्स को फीस के रूप में बिटकॉइन ही दिया जाता है। यह थोड़ा कठिन प्रक्रिया होती है जिसको कंप्लीट करने के लिए गणितीय प्रणाली स्ट्रॉंग होनी चाहिए ।

बिटकॉइन माइनिंग का उद्देश्य

बिटकॉइन माइनिंग का प्रमुख उद्देश्य है बिटकॉइन नोड्स को सुरक्षित रखना । इसके अलावा नेटवर्क को किसी प्रकार के व्यवधान से दूर रखना । इसका सुरक्षा इसलिए और ज्यादा इसलिए है की वर्तमान में इसका महत्व और अधिक बढ़ता जा रहा है ।

बिटकॉइन की सबसे छोटी इकाई “सातोशी” कहा बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है जाता है । एक बिटकॉइन बराबर दस करोड़ सतोशि होता है ।

Bitcoin, Luna सहित कई क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट से इनवेस्टर्स हैरान, उनके लिए क्या है ऑप्शन?

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी वाला बिटकॉइन (Bitcoin) गिरकर 29,825 डॉलर पर आ गया है। पिछले हफ्ते गुरुवार को यह गिरकर 25,401 डॉलर पर आ गया था। यह 28 दिसंबर, 2020 के बाद बिटकॉइन का सबसे कम प्राइस है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) के इनवेस्टर्स डरे हुए हैं। प्रमुख क्रिप्टो में आई गिरावट ने उन्हें हैरान कर दिया है। पिछले हफ्ते सिर्फ 24 घंटे में क्रिप्टो के मार्केट केपिटलाइजेशन (Market Cap of Cryptos) में 200 अरब डॉलर की कमी आ गई। पिछले साल नवंबर में यह 300 अरब डॉलर से ज्यादा था। अब यह घटकर 100 अरब डॉलर से कुछ ज्यादा रह गया है।

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी वाला बिटकॉइन (Bitcoin) गिरकर 29,825 डॉलर पर आ गया है। पिछले हफ्ते गुरुवार को यह गिरकर 25,401 डॉलर पर आ गया था। यह 28 दिसंबर, 2020 के बाद बिटकॉइन का सबसे कम प्राइस है। पिछले साल नवंबर में यह 69,000 डॉलर था।

Top Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में हरियाली, सभी बड़ी करेंसियों के मार्केट कैप में हुई बढ़त

CoinMarketCap के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन की बाजार हिस्सेदारी में 0.16 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।

Top Cryptocurrency News on July 16: 16 जुलाई की सुबह सभी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी हरे निशान में कारोबार करती नजर आ रही थी। पिछले 24 घंटे में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 0.71 फीसदी की बढ़कर 929.85 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं कुल क्रिप्टो मार्केट वॉल्यूम में 9.88 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है और यह 64 अरब डॉलर पर आ गई है।

DeFi में वर्तमान में टोटल वॉल्यूम 6.32 अरब डॉलर है। जो क्रिप्टो मार्केट के पिछले 24 घंटे के कुल वॉल्यूम 9.88 फीसदी है। सभी स्टेबल कॉइन का टोटल वॉल्यूम 58.23 अरब डॉलर है। जो कि टोटल क्रिप्टो मार्केट के पिछले 24 घंटे के वॉल्यूम का 90.99 फीसदी है।

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मीडिया में इस तरह की खबरें आई है कि एक दिग्गज निवेशक Kevin O’Leary ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को अभी आगे और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

मनीकंट्रोल के साथ अपने इंटरव्यू में इस शॉर्क टैंक (Shark Tank ) स्टार ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को रेगुलराइज कर दिया जाए तो बिटकॉइन की वैल्यू 4 गुना बढ़ सकती है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि बिटकॉइन के रेगुलेशन से इसमें संस्थागत निवेश बढ़ता नजर आएगा। जिससे इसको फायदा मिलेगा।

क्रिप्टोकरेंसीज की चाल पर नजर डालें तो सुबह 8 बजे के आसपास बिटकॉइन 16,85,585 रुपये पर नजर आ रहा था। पिछले 24 घंटे में इसमें 0.58 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली जबकि Ethereum 98,699.0 रुपये पर नजर आ रहा था। पिछले 24 घंटे में इसमें 1.75 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। वहीं Cardano 35.9000 रुपये पर नजर आ रहा था। पिछले 24 घंटे में इसमें 1.64 फीसदी की गिरावट देखने को मिली जबकि Tether 81.61 रुपये पर नजर आ रहा था। पिछले 24 घंटे में इसमें 0.45 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।

‘फ्लिपिंग’ क्या है? विस्तार से जानिए

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क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल संपत्ति है जो एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करती है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ , एक सिक्के का व्यक्तिगत स्वामित्व एक लेज़र में संग्रहीत किया जाता है। कई क्रिप्टोकरेंसी हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं। जिसमे बिटकॉइन और एथेरियम सबसे आम क्रिप्टोकरेंसी में से हैं। आमतौर पर , एथेरियम की तुलना में बिटकॉइन का किराया बाजार में उच्च दर पर होता है। हालांकि , काल्पनिक स्थिति जहां एथेरियम का कुल मार्केट कैप बिटकॉइन की कुल मार्केट कैप से अधिक होगा , उसे “ फ्लिपिंग ” कहा जाता है। इस लेख में , हम बिटकॉइन , एथेरियम और फ़्लिपिंग अर्थ पर विस्तार से एक नज़र डालेंगे।

फ्लिपिंग क्या है?

फ़्लिपिंग शब्द वर्ष 2017 में आया था। फ़्लिपिंग अनिवार्य रूप से उस संभावित क्षण को संदर्भित करता है जब एथेरियम बिटकॉइन से ऊपर होगा और दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन जाएगा। अब तक , बिटकॉइन आविष्कार किया जाने वाला पहला क्रिप्टोकरेंसी था। शुरुआत से लेकर अब तक इसका सबसे बड़ा मार्केट कैप रहा है। हालांकि , 2018 की शुरुआत में , इसने एक हिट लिया और कुछ बाजार संकेतो से कम हो गया। इसने कई निवेशकों में इस विचार को जन्म दिया कि फ़्लिपिंग हो सकती है। कई लोग फ़्लिपिंग की उम्मीद क्यों कर रहे थे, इसका एक मुख्य कारण यह है कि एथेरियम को अधिक लचीला माना जाता है और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट लिखने की संभावना सहित कई अन्य फायदे भी हैं। बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है इससे पहले कि हम फ़्लिपिंग में गहराई तक जाएं , आइए हम बिटकॉइन और एथेरियम पर एक नज़र डालें।

13 साल का हुआ बिटकॉइन, छह पैसे से तय किया 48.2 लाख का सफर

13 साल का हुआ बिटकॉइन, छह पैसे से तय किया 48.2 लाख का सफर

बिटकॉइन के फाउंडर की पहचान अभी भी रहस्य है। (Source: Twitter/@BitcoinMagazine)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को नए जमाने की हकीकत बनाने वाले बिटकॉइन (Bitcoin) के अब 13 बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है साल पूरे हो चुके हैं। इस 13 साल में बिटकॉइन ने ऐसा सफर तय किया है, जिसके ऊपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। महज छह पैसे के भाव से शुरू हुआ यह सफर अभी 48.2 लाख के शिखर पर जा पहुंचा है।

13 साल पहले प्रकाशित हुआ था पहला Bitcoin White Paper

आज से 13 साल पहले 31 अक्टूबर 2008 को बिटकॉइन की औपचारिक शुरुआत हुई थी। उस रोज पहली बार बिटकॉइन का व्हाइट पेपर पब्लिश (Bitcoin White Paper) हुआ था। इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) के नकली नाम से ऑनलाइन पब्लिश किया गया था। ‘बिटकॉइन: अ पीअर-टू-पीअर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम’ शीर्षक से प्रकाशित व्हाइट पेपर में बताया गया था कि कैसे बिना किसी सरकारी के नियंत्रण वाली भविष्य की ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली से लोगों को फायदा हो सकता है।

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