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जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है?

जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है?
भारत का स्‍टॉक मार्केट, जिसे दूसरे शब्‍दों में हम शेयर बाजार भी कहते हैं, अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मायने रखता है। अनुभवी एक्सपर्ट जहाँ इसके रोमांच और रिस्क का लाभ पाते हैं, वहीं ज्‍यादातर मामलों में लोग इसके जोखिमों को समझ पाने में विफल साबित होते हैं। बहुतों के लिए, यह मार्केट और इसकी कार्यविधि (Procedure), तर्क पर आधारित है।

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LIC Policy: रोजाना 260 रुपये बचाने पर मिलेंगे 55 लाख, मोटी कमाई के साथ मिलते हैं ये खास फायदे

LIC Jeevan Labh Maturity Calculator: जब निवेश की बात आती है तो लोगों को कई सारे विकल्प मिलते हैं। जब बीमा या इंश्योरेंस में सेफ ऑप्शन में निवेश का चुनाव करना होता है तो ज्यादातर लोग भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर भरोसा करते हैं। एलआईसी के पास लोगों की पर्सनल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई पॉलिसी हैं। इनमें निवेश के लिए काफी कम पैसे की जरूरत होती है। LIC की एक ऐसी ही योजना है जीवनलाभ (LIC Jeevan Labh Policy)। ये एक सीमित प्रीमियम पेमेंट नॉन-लिंक्ड, प्रॉफिट एंडोमेंट प्लान है। इस प्लान में मैच्योरिटी से पहले किसी भी समय पॉलिसीधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में परिवार के लिए वित्तीय सहायता और जीवित पॉलिसीधारक को एक बड़ा फंड तैयार करके देता है।

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Share Market : यह शेयर बनाएंगे आपको मालामाल, जानिए कौनसे हैं ये शेयर

Share Market : वर्तमान समय में लोगों का आकर्षण शेयर बाजार (Share Market) की तरफ काफी देखा जा रहा है। हर कोई शेयर बाजार (Share Market) में निवेश (Invest) का इच्छुक है। शेयर मार्केट (Share Market) ने अपने निवेशकों (Investors) की किस्मत बदल दी है। इसके साथ ही कई निवेशकों (Investors) को शेयर मार्केट (Share Market) में घाटे का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि इसका कारण निवेशकों (Investors) का जिस कंपनी के शेयर (Share) खरीद रहे हैं, उसके बारे में जानकारी न रखना ही है। कई बार निवेशक (Investors) बिना उस कंपनी के बारे में जाने, बिना उसका रिटर्न हिस्ट्री चेक किए ही अपना पैसा निवेश (Invest) कर देते हैं। और इसके बाद उन्हें निराशा हाथ लगती है, उनका पैसा डूबने लगता है। अगर आप शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसे कुछ शेयर (Share) के बारे में जानकारी देंगे जिसमें निवेश (Invest) करके निवेशक (Investors) अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है?

धन महोत्सव

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? निवेश
  • Reading time: 4 mins read

आज के समय में हर व्यक्ति पैसा कमाना चाहता है, चाहे वह व्यापार, नौकरी या कोई अन्य काम करके हो, लेकिन पैसा कमाने के बाद सिर्फ बचत करना ही जरूरी नहीं है, बल्कि उसे निवेश करना भी जरूरी है, ताकि कई गुना ज्यादा पैसा प्राप्त किया जा सके।

शेयर मार्केट क्या है? (Share Market kya hai)

दोस्तों सबसे पहले मैं बताना चाहूंगा कि आपने एक बेब सीरीज देखी होगी जिसका नाम है स्‍केम 1992, इस बेब सीरीज में हर्षद मेहता ने बोला है कि ‘शेयर मार्केट एक ऐसा कुआ है जिससे पूरे देश की प्‍यास बुझ सकती है और मैं इस कुए में डुबकी लगाना चाहता हूँ’ तो आप समझ ही गए होंगे कि शेयर बाजार से एक इंसान कितना पैसा कमा सकता है। तो चलिए, अब शेयर मार्केट के बारे में जाने कि क्या है ये –

स्टॉक/शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहां कई कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। यह एक जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? ऐसी जगह है जहाँ कुछ लोग या तो बहुत पैसा कमाते हैं या अपना लगभग पूरा पैसा खो देते हैं। इसलिए कुछ लोग इसे जुआ कहते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

यदि आप उचित मार्गदर्शन लेकर अपने जोखिम को जानते हैं और लंबे समय के लिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आपको निश्चित रूप से प्रॉफिट मिलेगा।

शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं? (Share Market Mein Paisa Kaise Lagaye)

हर व्यक्ति चाहता है कि वो कोई भी काम करे तो उसे पहले दिन से ही मुनाफा मिले, यह शेयर मार्केट में पॉसिबल है लेकिन सबसे पहले आपको इसके बारे में डिटेल में जानकारी/नॉलेज प्राप्त करना होगा और धैर्य के साथ मार्केट ट्रेंड को जानना होगा।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो निश्चित रूप से आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। जैसे –

  • अपनी बचत के अनुसार निवेश तय करना।
  • अपनी रिस्क क्षमता को पहचानना।
  • लॉन्ग टर्म व शॉर्ट टर्म गोल के अनुसार निवेश करना।
  • मार्केट के बारे में डिटेल एनालिसिस करना।
  • किसी के कहने पर निवेश के लिए तैयार नहीं होना।
  • शुरुआत में कुछ विशेष कंपनी के शेयरों के साथ ट्रेडिंग करना।
  • समय के साथ मार्केट ट्रेड को पहचानना।
  • लालच को हमेशा इग्नोर/नज़रअंदाज़ करना।
  • जब मार्केट ललचाने लगे तो उससे दूर रहना।
  • अपने पोर्टफोलियो में लार्ज कैप, स्माल कैप व मिड कैप स्टॉक शामिल करना।

इनकम के होते हैं कई सोर्स, क्या आप जानते हैं इनकम के अलग-अलग टाइप्स के बारे में- चेक करें डीटेल्स

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Zee Business हिंदी 6 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

आप जब भी कहीं इंवेस्टमेंट करते हैं उस समय फाइनेंशियल एक्सपर्ट आपको हमेशा अलग-अलग स्कीम में निवेश करने जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? की सलाह देते हैं. जिससे रिस्क को कम करने में मदद मिलती है. इसी तरह से अगर आपकी कमाई के एक से ज्यादा सोर्स हैं तो आप फाइनेंशियल तौर पर और ज्यादा स्ट्रॉन्ग रहते हैं. आमतौर पर अर्जित कमाई हमारी इनकम का प्राइमरी सोर्स होती है. इसके तहत वेतन या व्यवसाय से अर्जित फायदा शामिल होता है. आपकी सैलरी के साथ समस्या ये है कि इसे बढ़ाना मुश्किल हो सकता है. वेतन में बढ़त लगभग एक निश्चित दर से होती है. और अगर कोई इंसान अपनी सैलरी इनकम बढ़ाना चाहता है. तो उसे अक्सर ज्यादा घंटे काम करना पड़ता है. जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, काम के घंटों की संख्या बढ़ने की संभावना भी कम होती जाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी फिजिकल फिटनेस का लेवल जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? कम हो जाता है. इसलिए एक समय के बाद इंसान की इनकम एक जगह आकर ठहर जाती है. इसके साथ ही वेतनभोगी की कमाई पर दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स लगता है. इसका मतलब ये है कि एक बार जब कोई व्यक्ति एक तय इनकम की सीमा को पार करता है, तो कमाई करने की मोटीवेशन भी कम हो जाती है. आइये जानते हैं इनकम के बाकि टाइप्स.

इंवेस्टमेंट से होने वाली कमाई

आपने जो इनवेस्टमेंट पहले किया था. उस इनवेस्टमेंट को बेचकर जो कमाई होती है उसे इनवेस्टमेंट इनकम कहते हैं. ये इनवेस्टमेंट कैपिटल गैन के प्राइस में बढ़त के ऊपर डिपेंड करता है. अगर कोई इंसान शेयर खरीदता है और हाई रेट पर बेचता है. या फिर एक घर को खरीदकर इसे फायदे के लिए बेचता है, तो इसे कैपिटल गैन कहा जाता है. इस आय का काम में दिए गए घंटों की संख्या से कोई संबंध नहीं है. साथ ही ये इनकम समय-समय पर नहीं मिलती है. लेकिन ये समय-समय पर अर्जित होता रहता है. जब इनवेस्टर इसे खत्म करता है तो इसका पेमेंट किया जाता है.

पैसिव इनकम या निष्क्रिय इनकम भी कमाई का एक अच्छा सोर्स होता है. इस तरह की कमाई के लिए आपको एक्टिव रहकर काम नहीं करना होता. ये कमाई भी जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? एक तरह से इनवेस्टमेंट या अर्जित इनकम की तरह ही होती है. अर्जित इनकम की तरह ही पैसिव इनकम में भी एक तय पीरियड पर पैसा मिलता है. लेकिन इसके लिए आपको घंटों काम नहीं करना पड़ता. ये एक तरह से आपके कैपिटल इनवेस्टमेंट पर डिपेंड होती है. पैसिव इनकम कई तरह की हो सकती है. जैसे कि घर को रेंट पर देने से होने वाली कमाई, इंट्रेस्ट या डिविडेंट जो शेयर डिबेंचर के माध्यम से मिलता है. इस तरह की कमाई पर टैक्स भी अर्जित कमाई की तुलना में कम लगता है.

ग्राफ से जानिए निवेश का तरीका

इसे आसानी से समझने के लिए आप नीचे दिए गए ग्राफ को देख सकते हैं। हम एक बार फिर यही मानकर चल रहे हैं कि निफ्टी-50 अभी 18000 के लेवल पर है। मान लीजिए कि उसमें करीब 200 अंकों की गिरावट आई(जैसा की पहले वाले आर्टिकल में समझाया था, उसे देखें) तो आपने अपने पहले 10 हजार रुपये इन्वेस्ट कर दिए। और इसी तरह मानकर चलते हैं कि गिरावट धीरे-धीरे 17,200 के लेवल तक पहुंच गई। इस दौरान आपने पांच बार अपने पैसे लगा दिए होंगे। यानि आपका 1 लाख का इन्वेस्टमेंट हो चुका होगा।

Image Source : INDIA TV

अब मान लेते हैं कि निफ्टी-50 बढ़ना शुरू करता है और कुछ ही दिन के अंदर 18,000 के आंकड़े को पार कर जाता है। तब आपको धैर्य रखना है और देखते ही देखते वो कुछ ही महीने में 18,300 के लेवल तक पहुंच जाता है, और फिर वहां से गिरना शुरू करता है। उसके गिरने का दौर फिर शुरू हो जाता है। अब यहां आपको एक दूसरे Index Fund से स्टार्ट करना चाहिए। मतलब पहले वाले Index Fund में आप lumpsum तब करेंगे, जब निफ्टी-50 अपने 17 जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? हजार के लेवल पर आए। चूंकि निफ्टी अभी 18,300 के लेवल से गिरना शुरू हुआ है इसलिए फिर से हर 200 प्वाइंट नीचे गिरने पर 'ब्लास्ट lumpsum' वाला तरीका अपनाएं। यानी जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? 10-10-20-20-40 हजार के हिसाब से हर 200 अंकों की गिरावट पर पैसे लगाते जाएं। इस तरह आपके दो इन्वेस्टमेंट शुरू हो चुके होंगे। पहले वाले में जैसा कि मैं बता चुका हैं कि पैसे तब डालने हैं जब निफ्टी-50 अपने 17,000 के लेवल तक गिर जाए और दूसरे वाले में इन्वेस्टमेंट तब करना है जब निफ्टी-50 गिरकर 18,100 तक पहुंच जाए। फिर ऐसे ही हर 200 प्वाइंट या डेढ़ से 2 फीसदी की गिरावट पर ब्लास्ट lumpsum करते जाएं। इस तरह आपके पैसे निफ्टी-50 में अच्छे लेवल पर लग जाएंगे और जैसे ही करेक्शन जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? का फेज खत्म होगा। यानी बाजार के गिरने का फेज खत्म होगा, आप मुनाफे में आ जाएंगे।

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