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24 नवंबर को लॉन्च होगी Oppo Reno 9 सीरीज, जानिए क्या हैं स्पेसिफिकेशंस

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नई दिल्ली. कई लीक्स और सर्टिफिकेशन के बाद ओप्पो ने आखिरकार अपनी रेनो 9 सीरीज की रिलीज डेट कन्फर्म कर दी है. कंपनी ने कहा है कि Oppo Reno 9 सीरीज अगले हफ्ते चीन में लॉन्च होगी. ओप्पो फोन के तीन वेरिएंट पेश कर सकती है. सीरीज में रेनो 9, रेनो 9 प्रो और रेनो 9 प्रो + शामिल होंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरीज रेनो 8 लाइनअप पर थोड़ा सा ट्वीक्ड डिजाइन लाएगी. रेनो 9 प्रो+ को वेरिएंट लेटेस्ट Android 13 आउट ऑफ द बॉक्स पर बूट करेगा.

ओप्पो चीन की ऑफिशियल वेबसाइट पर इसके लिए पेज भी लाइव हो गया है. Oppo Reno 9 Series को चीन में 24 नवंबर को लॉन्च किया जाएगा. साथ ही वेबसाइट पर तीनों डिवाइस को लिस्ट कर दिया गया है और फोन के कुछ फीचर्स की जानकारी भी दी गई है.

उल्लेखनीय है सभी फोन अलग-अलग कैटेगरी में आएंगे.वेनिला रेनो 9 के लोअर मिड रेंज सेगमेंट में आने की उम्मीद है. जबकि रेनो 9 प्रो अपर मिडरेंज में आ सकता है. वहीं रेनो 9 प्रो+ को प्रीमियम सेगमेंट में रखा जाएगा. फिलहाल रेनो 9 प्रो+ की कीमत के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, बेस कलर्स सामने आ चुके हैं. रेनो 9 में एक न्यू रोज गोल्ड शेड होगा, 9 प्रो को शिमरी गोल्ड रंग मिलेगा, और अंत में, 9 प्रो + में हरा रंग विकल्प होगा.

ओप्पो रेनो 9 के स्पेसिफिकेशन

ओप्पो रेनो 9 में फुल-एचडी + रिजोलूशन के साथ 6.7 इंच का ओएलईडी डिस्प्ले मिल सकता है और इसका रिफ्रेश रेट 120 हर्ट्ज होने की अफवाह है. फोन का पैनल 10-बिट कलर का सपोर्ट करेगा. इनमें इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर मिल सकता है.

ओप्पो रेनो 9 फोन के क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 778G SoC द्वारा संचालित होने की उम्मीद है जिसे 12GB रैम और 256GB की इंटरनल स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है. इसमें 4,500mAh की बैटरी मिलेगी, जो 67W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करेगी. डिवाइस में 64MP+2MP का डुअल रियर कैमरा सिस्टम होगा.

रेनो 9 प्रो के स्पेसिफिकेशंस

रेनो 9 प्रो संभवतः मीडियाटेक डाइमेंशन 8100-मैक्स SoC द्वारा संचालित होगा जिसे 16GB तक रैम और 512GB की इंटरनल स्टोरेज के साथ जोड़ा जाएगा. इसमें नि 4,500mAh की बैटरी मिल सकती है, जो 67W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करेगी.डिवाइस में 50MP + 8MP का डुअल कैमरा सिस्टम होगा.

रेनो 9 प्रो प्लस के स्पेसिफिकेशंस

रेनो 9 प्रो प्लस वेरिएंट में Snapdragon 8 Plus Gen 1 प्रोसेसर दिया जाएगा. इसमें 80W फास्ट चार्जिंग वाली 4700mAh की बैटरी और 50MP ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप मिलने की उम्मीद है.

32 बिट और 64 बिट प्रोसेसर में क्या है अंतर और कौन ज्यादा बेहतर, समझिए

32 बिट और 64 बिट प्रोसेसर में क्या है अंतर और कौन ज्यादा बेहतर, समझिए

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल हम सभी करते हैं, लेकिन उसकी कई टेक्निकल टर्म्स के बारे में हमें पूरा ज्ञान नहीं होता। क्या आप जानते हैं कि कंप्यूटर में 32 बिट और 64 बिट में क्या अन्तर होता है? किस तरह के कंप्यूटर का इस्तेमाल आपके लिए सही रहेगा? इस तरह के प्रश्नों का उत्तर हम इस पोस्ट में देने की कोशिश करेंगे।

32 बिट प्रोसेसर का कहां होता है प्रयोग?

1990 तक 32 बिट प्रोसेसर को सभी कम्प्यूटर्स में प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता था। 32 बिट प्रोसेसर पर कार्य करने वाला कंप्यूटर 32 बिट्स चौड़ी डाटा यूनिट्स पर कार्य करता है। विंडोज 95 ,98 और एक्सपी सभी 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम हैं, जो 32 बिट प्रोसेसर्स वाले कंप्यूटर पर आम तौर पर कार्य करते हैं। जाहिर सी बात है की 32 बिट प्रोसेसर पर कार्य करने वाले कंप्यूटर पर 64 बिट वर्जन का ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल नहीं किया जा सकता।

64 बिट प्रोसेसर का कहां होता है प्रयोग?

64 बिट कंप्यूटर 1961 से बाजार में आया जब आईबीएम ने IBM7030 स्ट्रेच सुपरकम्प्यूटर पेश किया। हालांकि, इसका इस्तेमाल 2000 से चलन में आया। माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज एक्सपी का 64 बिट वर्जन पेश किया था, जिसे 64 बिट प्रोसेसर के साथ इस्तेमाल किया जा सकता था। विंडोज विस्टा, विंडोज 7 और विंडोज 8 भी 64 बिट वर्जन में आती हैं। 64 बिट पर आधारित कंप्यूटर 64 बिट्स चौड़ी डाटा यूनिट्स पर कार्य करता है। 64 बिट प्रोसेसर पर कार्य करने वाले कंप्यूटर पर 64 या 32 बिट वर्जन के किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम को इनस्टॉल किया जा सकता है। हालांकि, 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ 64 बिट प्रोसेसर ठीक से कार्य नहीं कर पाएगा।

32 बिट और 64 बिट में क्या है अंतर?

  • 32 बिट और 64 बिट प्रोसेसर्स में एक बड़ा अंतर यह है की वो प्रति सेकंड कितनी विकल्प बिट तेजी से कितनी गणना कर सकते हैं। इससे टास्क पूरा होने की स्पीड पर फर्क पड़ता है।
  • 64 बिट प्रोसेसर्स होम कंप्यूटिंग के लिए ड्यूल कोर, क्वैड कोर, सिक्स कोर और आठ कोर वर्जन पर आ सकते हैं। मल्टीपल कोर होने से प्रति सेकंड गणना करने की स्पीड में इजाफा होता है। इससे कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पावर बढ़ सकती है और कंप्यूटर फास्ट काम कर सकता है। जिन सॉफ्टवयेर प्रोग्राम्स को कार्य करने के लिए एक ही समय पर कई गणनाएं करनी होती हैं, वो 64 बिट प्रोसेसर पर बेहतर कार्य करते हैं ।
  • 32 बिट और 64 बिट प्रोसेसर में दूसरा बड़ा अंतर रैम सपोर्ट करने को लेकर है। 32 बिट कंप्यूटर अधिकतम 3 से 4 GB रैम सपोर्ट करते हैं। वहीं, 64 बिट कंप्यूटर 4GB से अधिक रैम को भी सपोर्ट करते हैं। यह फीचर ग्राफिक डिजाइन, इंजीनियरिंग और वीडियो एडिटिंग जैसे प्रोग्राम्स में महत्वपूर्ण होता है।

32 बिट और 64 बिट में से आपके लिए कौन-सा बेहतर?

64 बिट प्रोसेसर्स अब होम कम्प्यूटर्स में भी काफी चलन में आ गए हैं और अधिकतर यूजर्स इसका ही इस्तेमाल करते हैं । यह भी कहा जा सकता है की टेक्नोलॉजी के बढ़ते विस्तार के इस दौर में 32 बिट अब पुराना हो गया है। क्योंकि अधिकतर यूजर्स अब 64 बिट का ही इस्तेमाल करने को वरीयता देते हैं इसलिए मैन्युफैक्चरर भी इसे बजट कीमत में पेश करने लगे हैं। आने वाले समय में 32 बिट का इस्तेमाल होना बंद ही होने वाला है। ऐसे में जाहिर तौर पर आपके लिए 64 बिट पर आधारित कंप्यूटर लेना ही बेहतर होगा।

T20 World Cup Final: इंग्लैंड को हराने वाले शख्स ने कैसे बटलर की टीम को बनाया टी20 का वर्ल्ड चैंपियन?

T20 World Cup final: नए कप्तान और कोच के दम पर कैसे इंग्लैंड बना टी20 का वर्ल्ड चैम्पियन. (PC- England cricket twitter)

England New T20 World Champion: आयरलैंड से हारने के बाद शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इंग्लैंड टी20 विश्व कप जीतेगा. लेकिन, इंग्लिश टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर ऐसा कर दिखाया. आखिर कैसे नए कप्तान और कोच की अगुआई में इंग्लैंड टी20 का विश्व चैंपियन बना?

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 14, 2022, 07:37 IST

हाइलाइट्स

पाकिस्तान को फाइनल में हराकर इंग्लैंड टी20 का नया विश्व चैम्पियन बना
इंग्लैंड को हराने वाले शख्स ने ही 6 महीने में कर दिया टीम का कायापलट

नई दिल्ली. पहले वनडे वर्ल्ड कप और अब टी20…3 साल के भीतर इंग्लैंड दोनों फॉर्मेट का विश्व विजेता बन गया. यह अब कहने या बताने की जरूरत नहीं कि इंग्लैंड अब व्हाइट बॉल क्रिकेट का सरताज है. इंग्लैंड की टी20 विश्व कप की जीत काफी खास है. क्योंकि इस टी20 विश्व कप से पहले इंग्लैंड की टीम बदलाव के दौर से गुजरी थी. ऑयन मॉर्गन ने इसी साल जून में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर को इंग्लैंड की वनडे और टी20 टीम का कप्तान बनाया गया. इसी दौरान इंग्लैंड को लिमिटेड ओवर क्रिकेट में मैथ्यू मॉट के रूप विकल्प बिट में नया कोच भी मिला. मॉट वही शख्स थे, जिनकी कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम ने अप्रैल 2022 में वनडे विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड को हराकर खिताब जीता था और 7 महीने बाद उनकी देखरेख में इंग्लैंड की मेंस टीम टी20 की वर्ल्ड चैम्पियन बन गई.

आखिर कैसे इंग्लैंड को हराने वाले मॉट ने टीम को टी20 का विकल्प बिट विश्व विजेता बना दिया? जबकि उन्हें टीम की जिम्मेदारी संभाले 6 महीने का वक्त ही हुआ था. उन्होंने कैसे इतने कम वक्त में टीम का कायापलट कर दिया. कैसे बटलर के साथ उनकी जोड़ी इंग्लैंड टीम को टी20 का वर्ल्ड चैम्पियन बना पाई. आइए इसे समझते हैं. इसके लिए आपको 7 साल पीछे जाना होगा, जब इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया में हुए वनडे विश्व कप के क्वार्टर फाइनल तक में नहीं पहुंच पाई थी. इसके बाद से इंग्लैंड ने व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलने की अपनी सोच पूरी तरह बदल दी. इसका काफी श्रेय ऑयन मॉर्गन को जाता है. उन्होंने 2015 के विश्व कप के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड की टीम का कायापलट कर दिया. इसी का नतीजा रहा कि 2019 में इंग्लैंड अपने घर में वनडे विश्व कप जीतने में सफल रहा.

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कैसे 6 महीने में मॉट ने कर दिया कायापलट?
इसी राह पर चलते हुए ही बटलर की कप्तानी में इंग्लैंड टी20 का वर्ल्ड चैम्पियन भी बना. हालांकि, बटलर को भी शुरुआत में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा. लेकिन, इस जीत के बाद बतौर कप्तान वो अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे. बटलर की कामयाबी में कोच मॉट का भी अहम योगदान है. मॉट-बटलर की जोड़ी की लिमिटेड ओवर क्रिकेट में इंग्लैंड टीम की जिम्मेदारी संभालने के बाद शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही थी. इंग्लैंड अपने घर में ही भारत और दक्षिण अफ्रीका से टी20 सीरीज हार गया था. इसके बाद इंग्लिश टीम की काफी आलोचना हुई थी जबकि उसी वक्त इंग्लैंड की टेस्ट टीम जबरदस्त प्रदर्शन कर रही थी. उस वक्त मॉट बटलर के साथ खड़े रहे और आज नतीजा सबके सामने है.

मॉट ने टीम में कई बदलाव किए. चाहें एलेक्स हेल्स की वापसी हो या मैच विनर खिलाड़ियों पर भरोसा. इसके नतीजे टीम के हक में आए.

हेल्स की वापसी कराई
अलग-अलग लीग में दमदार प्रदर्शन के बावजूद एलेक्स हेल्स इंग्लैंड की टीम से बाहर थे. इसकी वजह मैदान के बाहर उनका बर्ताव था. जेसन रॉय के खराब प्रदर्शन और व्हाइट बॉल सीरीज में टीम की हार के बाद रॉय के विकल्प की तलाश शुरू हुई, जो हेल्स पर जाकर खत्म हुई. उनकी वापसी में मॉट की अहम भूमिका रही. टी20 विश्व कप से पहले सितंबर में हुए पाकिस्तान दौरे से हेल्स की इंग्लिश टीम में वापसी हुई. 33 साल के हेल्स 2020-21 की बिग बैश लीग में सिडनी थंडर के टॉप स्कोरर थे. ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप को देखते हुए मॉट और बटलर ने हेल्स पर दांव खेला और यह काम कर गया.

टी20 विश्व कप के शुरुआती कुछ मुकाबलों में उनका बल्ला नहीं चला. लेकिन, उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 40 गेंद में 52 और सिडनी में श्रीलंका के खिलाफ 30 गेंद में 47 रन की पारी खेल इंग्लैंड को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम रोल निभाया और भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में 47 गेंद पर 86 रन की ताबड़तोड़ पारी खेल अपने सेलेक्शन को सही ठहरा दिया. हेल्स ने टी20 विश्व कप में 52 की औसत और 148 के स्ट्राइक रेट से 211 रन बनाए.

सैम करेन पर दांव खेलना
जोफ्रा आर्चर की गैरहाजिरी में डेथ ओवर में इंग्लैंड की गेंदबाजी हमेशा दबाव में आ रही थी और बड़े टूर्नामेंट में टीम डेथ ओवर गेंदबाजी का खामियाजा भी उठा चुकी थी. 2016 का टी20 विश्व कप का फाइनल सबको याद होगा. जब बेन स्टोक्स के वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी ओवर में 4 गेंदों पर 4 छक्के लगे थे. पिछले टी20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने आखिर के4 ओवर में 60 रन दिए थे. यही उसकी हार की वजह बना था. ऐसे में सैम करेन को डेथ ओवर गेंदबाज के रूप में तैयार किया गया. उन्होंने टी20 विश्व कप से पहले पाकिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज में अच्छी गेंदबाजी की. उन्होंने इस टी20 विश्व कप में भारत के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले अंतिम-4 ओवर वाले स्टेज में कुल 41 गेंद फेंकी और इसमें 34 रन ही दिए.

मैच विनर के साथ खड़े रहना
बेन स्टोक्स का टेस्ट, वनडे की तुलना में टी20 का रिकॉर्ड बहुत बेहतर नहीं है. टी20 विश्व कप के फाइनल से पहले 42 टी20 में उनका औसत 19 का था. टीम के पास बेन डकेट, फिल सॉल्ट और डेविड विली के विकल्प थे. लेकिन मॉट और कप्तान बटलर ने स्टोक्स पर भरोसा जताया और वो इस पर खरे उतरे. स्टोक्स टूर्नामेंट में भले ही शानदार फॉर्म में ना दिखें हों. लेकिन, जब सबसे ज्यादा जरूरत थी. तब वो टीम के काम आए. श्रीलंका के खिलाफ 36 गेंद में नाबाद 42 रन की पारी इसका सबूत है. उन्होंने अकेले दम पर इंग्लैंड को जीत दिलाई थी. फाइनल में स्टोक्स एक बार फिर टीम के काम आए.

आदिल रशीद भी टी20 विश्व कप से पहले संघर्ष कर रहे थे.लेकिन, मॉट ने उन पर विश्वास रखा और इसके शानदार नतीजे मिले. श्रीलंका के खिलाफ अहम मुकाबले में रशीद प्लेयर ऑफ द मैच रहे और फिर सेमीफाइनल और फाइनल में कमाल की गेंदबाजी की. पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबले में रशीद ने 2 विकेट लेने के साथ 10 डॉट गेंद फेंकी.

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कुछ ने दिया इस्तीफा-कुछ ने छोड़ा कश्मीर, आतंकी लिस्ट में नाम आने से पत्रकारों में हड़कंप

कश्मीर में आतंकियों ने कुछ पत्रकारों को धमकी दी है. इन पत्रकारों की लिस्ट जारी की गई है. इसके बाद से पत्रकारों में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस ने TRF से जुड़े कुछ लोगों को उठाया है.

कुछ ने दिया इस्तीफा-कुछ ने छोड़ा कश्मीर, आतंकी लिस्ट में नाम आने से पत्रकारों में हड़कंप

मेहराज अहमद | Edited By: लव रघुवंशी

Updated on: Nov 17, 2022 | 8:00 PM

कश्मीर घाटी के पत्रकारों को मिलिटेंट संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा दी गई धमकी के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और गुरुवार को पुलिस ने यह हिदायत भी जारी की कि जिन पत्रकारों के नाम इस थ्रेट लिस्ट में हैं उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाए. टीआरएफ थ्रेट लिस्ट में जिन पत्रकारों के नाम हैं, उनमें से कुछ इच्छुक पत्रकारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस उनके साथ लगातार संपर्क में है.

पुलिस ने टीआरएफ से जुड़े 12 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. पुलिस के अनुसार, इस सबके पीछे पाकिस्तान में बैठे टीआरएफ कमांडर सज्जाद गुल का नाम सामने आ रहा है.

उधर धमकी मिलने के बाद पत्रकारों में दहशत का माहौल है. जिनके नाम टीआरएफ द्वारा जारी की गई सूची में है, उन्हें जान की चिंता सता रही है. करीब 5 स्थानीय पत्रकारों ने अपना इस्तीफा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया है. ये पत्रकार तीन मीडिया समूहों के हैं. कुछ ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया है. बाहर नहीं निकल रहे हैं. कुछ एक ऐसे भी हैं जो कुछ समय के लिए घाटी छोड़कर चले गए हैं.

कुछ पत्रकारों ने इस लिस्ट में नाम आने के बाद हैरानगी जाहिर करते हुए कहा कि वो सिटी बीट पर काम करते हैं, उनका डिफेंस बीट से कोई वास्ता ही नहीं है. सूत्रों की मानें तो पुलिस इच्छुक पत्रिकारों को ट्रैकर मुहैया कराने के विकल्प पर सोच रही है ताकी समय रहते ऐसे पत्रकारों की हरकत पर नजर रखी जाए.

कुछ पत्रकार पहले से सुरक्षा घेरे में

रविवार को जारी लिस्ट में 12 पत्रकारों और समाचार पत्रों के मालिकों के नाम हैं. टीआरएफ ने उन्हें पुलिस, सेना और खुफिया एजेंसियों के एजेंट के रूप में लेबल किया है. सोमवार को भी ऐसी ही एक और सूची 12 और पत्रकारों के नाम के साथ सामने आई. कुछ पत्रकार और समाचार पत्र मालिक जिनके खिलाफ आतंकवादियों ने धमकियां जारी की हैं, वे पहले से ही सुरक्षा कवच में रह रहे हैं. अधिकांश जिनके नाम हाल के दिनों में सामने आए हैं, वे बिना किसी सुरक्षा के हैं.

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कश्मीर में पत्रकारों को अक्सर धमकियों का सामना करना पड़ता है. जून 2018 में आतंकवादियों द्वारा मारे गए राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी सहित एक दर्जन से अधिक कश्मीरी पत्रकारों की उनके काम के कारण हत्या कर दी गई है.

दिल्ली सरकार देगी फ्री बिजली का विकल्प चुनने का मौका, जारी होगा मिस्ड कॉल व व्हाट्सएप नंबर

दिल्ली में इस समय लगभग 47,11,176 (47 लाख से अधिक) परिवार बिजली सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं। इन विकल्प बिट सबको विकल्प चुनने को दिया जाएगा कि वह सब्सिडी से बाहर निकलना चाहते हैं या 1 अक्टूबर से मुफ्त बिजली प्राप्त करना चाहते हैं।

Delhi Government to give option for Free electricity opt out subsidy, DVG

नई दिल्ली। आप सरकार (AAP Government) ने दिल्ली में लोगों को फ्री बिजली छोड़ने के लिए फोन व व्हाट्सएप नंबर जारी करने का फैसला किया है। इन नंबरों पर मिस्ड कॉल देकर या व्हाट्सएप पर रिप्लाई करके सक्षम लोग बिजली सब्सिडी स्कीम (Electricity Subsidy Scheme) को छोड़ सकते हैं। दिल्लीवासियों को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार, इन नंबरों को जारी कर लोगों को यह चुनने की सुविधा देगी कि वे 1 अक्टूबर से मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाना चाहते हैं या नहीं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग में यह निर्णय लिया है। डिप्टी सीएम के पास बिजली विभाग का भी कार्यभार है।

अपनी मर्जी से सब्सिडी छोड़ सकते हैं लोग

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने बिजली सब्सिडी को चुनने की प्रक्रिया को सरल बनाने का फैसला किया है। हम जल्द ही एक फोन नंबर जारी करेंगे जहां उपभोक्ता बिजली सब्सिडी के लिए अपनी पसंद दर्ज करने के लिए मिस्ड कॉल या व्हाट्सएप पर रिप्लाई कर सकते हैं। इससे दिल्लीवासियों को बिजली सब्सिडी चुनने या छोड़ने की सुविधा होगी। इसके अलावा बिल पर एक क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड के माध्यम से या डिस्कॉम सेंटर पर जाकर बिल से जुड़ा एक फॉर्म भरकर भी सब्सिडी छोड़ी जा सकती है। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि दिल्ली सरकार बिजली-सब्सिडी फोन-लाइन जारी करेगी।

दिल्ली में 47 लाख से अधिक परिवारों को मुफ्त बिजली

दिल्ली में इस समय लगभग 47,11,176 (47 लाख से अधिक) परिवार बिजली सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं। इन सबको विकल्प चुनने को दिया जाएगा कि वह सब्सिडी से बाहर निकलना चाहते हैं या 1 अक्टूबर से मुफ्त बिजली प्राप्त करना चाहते हैं।

मई में ही अरविंद केजरीवाल ने विकल्प का किया था ऐलान

दरअसल, बीते मई में ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्लीवासियों को मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि जो उपभोक्ता सब्सिडी से बाहर होना चाहते हैं, वे 1 अक्टूबर से ऐसा कर सकते हैं। काफी दिनों से लोगों ने सुझाव दिया कि आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों को सब्सिडी प्रदान करने के बजाय पैसे का उपयोग स्कूलों और अस्पतालों के लिए किया जाए। उन्होंने बताया कि लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए सभी उपभोक्ताओं को सब्सिडी से बाहर निकलने या 1 अक्टूबर से मुफ्त बिजली प्राप्त करने का विकल्प दिया जाएगा।

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