विदेशी मुद्रा विश्वकोश

विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण
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दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार |_60.1

दो साल विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार

दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार |_40.1

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है. 21 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में यह 3.847 बिलियन डॉलर घटकर 524.52 बिलियन डॉलर रह गया। यह दो सालों का निचला स्तर है। यह जुलाई 2020 के बाद सबसे न्यूनतम स्तर है। इससे पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 बिलियन डॉलर घटकर 528.37 बिलियन डॉलर रह गया था। पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है। एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपए की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशीमुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 बिलियन डॉलर घटकर 465.075 बिलियन डॉलर रह गयीं। आंकड़ों के अनुसार देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 बिलियन डॉलर रह गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 बिलियन डॉलर हो गया है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.9 अरब डॉलर पर आया

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.9 अरब डॉलर पर आया

  • स्वर्ण भंडार में 34 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ
  • विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण
  • स्वर्ण भंडार बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया
  • विशेष आहरण अधिकार में 6.3 करोड़ डॉलर की कमी हुई

विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और विशेष आहरण अधिकार (SDR) में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर कम होकर लगातार छठे सप्ताह गिरता हुआ 550.9 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 7.9 अरब डॉलर उतरकर 553.1 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण रहा था.

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रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 2.52 अरब डॉलर की गिरावट लेकर 489.6 अरब डॉलर रह गई. हालांकि इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 34 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ और यह बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

वहीं, आलोच्य सप्ताह में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 6.3 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 17.72 अरब डॉलर रह गया. इस अवधि में विश्व मुद्रा कोष (IMF) के पास आरक्षित निधि 80 लाख डॉलर बढ़कर 4.91 अरब डॉलर पर पहुंच गई.

बढ़ते व्यापार घाटे की चुनौती

हम उम्मीद करें कि सरकार द्वारा निर्यात बढ़ाने और विदेशी मुद्रा भंडार को घटने से बचाने के मद्देनजर इस आलेख में दिए गए सुझावों के अमल से उत्पाद निर्यात और सेवा निर्यात बढऩे से भी अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सकेगी। अनावश्यक आयात विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण में कमी करके डॉलर के खर्च में बचत की जा सकेगी…

इस समय एक ओर तेजी से बढ़ता देश का व्यापार घाटा तो दूसरी ओर तेजी से घटता हुआ देश का विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक चिंता का बड़ा कारण बन गया है। हाल विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण ही में प्रकाशित विदेश व्यापार के आंकड़े तेजी से बढ़ते व्यापार घाटे का संकेत दे रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान भारत का कुल निर्यात बढक़र 121 अरब डॉलर रहा, वहीं इस अवधि में आयात और तेजी से बढक़र 190 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया। इस तरह इस तिमाही में भारत को 69 अरब डॉलर का घाटा हुआ। जहां जुलाई 2022 में देश में 66.27 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया गया, वहीं 36.27 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। ऐसे में जुलाई 2022 में भी 30 अरब डॉलर का व्यापार घाटा दिखाई दिया। यह व्यापार घाटा पिछले वर्ष जुलाई 2021 में 10.63 अरब डॉलर था। सालाना आधार पर जुलाई 2022 में आयात में 43.61 फीसदी वृद्धि हुई है। इसी तरह 19 अगस्त को भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का आकार घटते हुए 564.05 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण 3 सितंबर 2021 को 642.45 अरब डॉलर के सर्वकालिक विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण उच्चतम स्तर पर था। अब तक रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक मंदी की आशंका और कच्चे तेल की ऊंची कीमत के कारण जो डॉलर लगातार मजबूत हुआ है, वह डॉलर चीन और ताइवान के बीच गहरे तनाव के मद्देनजर और मजबूत होने की प्रवृत्ति बता रहा है।

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कोटक सिक्योरिटीज में डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (टेक्‍न‍िकल र‍िसर्च) अनिंद्य बनर्जी ने कहा, "जहां डॉलर की कीमतों में तेज बढ़त दर्ज की गई. वहीं, अन्य मुद्राएं कमोबेश अपने पिछले स्तर पर यथावत रहीं. चूंकि विदेशी मुद्रा भंडार का अंतिम वैलुएशन डॉलर में होता है. लि‍हाजा, अन्‍य प्रमुख मुद्राओं की कीमत घटने से कुल एसेट में कमी आई."

इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.36 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण बढ़कर 420.05 अरब डॉलर हो गया था. समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) 2.03 अरब डॉलर घटकर 390.19 अरब डॉलर रह गईं.

विदेशी मुद्रा भंडार में FCA का हिस्सा सबसे बड़ा होता है. FCA को डॉलर में व्यक्त किया जाता है. मुद्रा भंडार में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की कीमत बढ़ने/घटने का इस पर असर पड़ता है.

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डॉलर में व्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखी गई विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में मुद्रास्फीति के प्रभाव या यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के अवमूल्यन शामिल हैं। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोने का भंडार 1.5 1.522 अरब बढ़कर 43 43.842 अरब हो गया।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार शुक्रवार को 11 मार्च को समाप्त सप्ताह के लिए देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9.9.646 अरब घटकर 22 622.275 अरब रह गया। 4 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 394 मिलियन बढ़कर 63 631.92 बिलियन हो गया। 3 सितंबर, 2021 को समाप्त पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2 642.453 बिलियन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार को जारी आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी के कारण हुई। दांव लगाना।

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