कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं

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नेशनल मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज आफ इंडिया लिमिटेड
नेशनल मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एन.एम.सी.ई) भारत का प्रथम अनअन्योन्य इलेक्ट्रॉनिक मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज हैं। इसे भारत सरकार द्वारा स्थायी आधार पर राष्ट्रीय दर्जा प्रदान किया गया। इसने 24 सामग्रियों में भावी व्यापार के साथ 26 नवम्बर 2002 को कार्य करना प्रारम्भ किया। तब से सामग्रियों के इस समूह (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं में खुलती हैं) में काफी वृद्धि हुई है जिसमें शामिल है: तिलहन, खली, तेल, मिर्च मसाले, दालें, धातुएं तथा नकदी फसलें। भारतीय किसान एवं कृषि उत्पाद के निचले स्तर के प्रयोक्ताओं को उच्च जोखिम का सामना करना पड़ता है तथा सामग्री व्युत्पत्ति बाजार की रचना उन्हें कीमतों के उतार-चढाव के विपरीत अपनी सुरक्षा करने का विकल्प प्रदान करती हैं। .
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (एमसीएक्स) भारत का अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कमोडिटी एक्सचेंज है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। यह फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लि. (एफटीआईएल) द्वारा स्थापित डिम्युच्युलाइज्ड एक्सचेंज है जो पूरे भारत में कमोडिटी वायदा व्यापार के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग, क्लियरिंग एवं निपटान परिचालन की सुविधा प्रदान करने वाली भारत सरकार से स्थायी रूप से मान्यताप्राप्त है। नवंबर, 2003 में अपने परिचालन की शुरुआत से आज एमसीएक्स भारतीय जिंस वायदा बाजार का 80 प्रतिशत से अधिक का हिस्सेदार हो गया है और उसके पास पूरे देश में 1,00,000 से अधिक ट्रेडर वर्क-स्टेशनों के माध्यम से व्यापार करने वाले 2000 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं। वर्ष 2009 में ट्रेडिंग किए गए कांट्रेक्ट्स की संख्या के मामले में एक्सचेंज विश्व के सबसे तेज विकसित होने वाले कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंजों में छठां सबसे बडा़ एक्सचेंज बन कर उभरा है। .
पीएमइंडिया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी, बैंकिंग कंपनी, बीमा कंपनी, कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज के लिए भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में विदेशी निवेश की सीमा को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है जिसके तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को द्वितीयक कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं बाजार के अलावा स्टॉक एक्सचेंजों में आरंभिक आवंटन के कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं जरिये शेयर हासिल करने की अनुमति दी गई है।
इस कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं पहल से भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सुधारने में मदद मिलेगी। इसे तहत नवीनतम प्रौद्योगिकी और बेहतरीन वैश्विक चलन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है जिससे भारतीय पूंजी बाजार की समग्र वद्धि और विकास सुनिश्चित होगा।
सेबी द्वारा किये गए नवीन सुधारों का प्रभाव तथा महत्त्व
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने इस वर्ष की अपनी आखिरी बैठक में कई महत्त्वपूर्ण सुधार किये हैं। इन सुधारों का उद्देश्य आम निवेशकों के हितों की सुरक्षा तथा बाज़ार के विनियमन मानकों को उन्नत करना है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों तथा म्यूचुअल फंड से संबंधित सुधार
- सेबी ने रेटिंग के साथ-साथ म्यूचुअल फंड में हितों के टकराव को दूर करने के मकसद से एक दूसरे में 10 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग की सीमा तय कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं कर दी है।
- इसका मतलब यह है कि यदि किसी कंपनी या व्यक्ति के पास किसी रेटिंग एजेंसी या म्यूचुअल फंड के 10% शेयर हैं तो वह किसी दूसरी रेटिंग कंपनी या म्यूचुअल फंड के 10% से ज़्यादा शेयर नहीं खरीद पाएगा।
- रेटिंग एजेंसियों की स्थापना के लिये न्यूनतम कुल मूल्य (Net Worth) सीमा को 5 करोड़ से बढाकर 25 करोड़ कर दिया है। इससे नई रेटिंग एजेंसी स्थापित करना थोडा मुश्किल हो जाएगा।
- प्रमोटर इकाई को रेटिंग एजेंसी में तीन वर्षों की अवधि के लिये कम से कम 25% हिस्सेदारी को बनाए रखना होगा।
- क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को वित्तीय उत्पादों की रेटिंग और वित्तीय या आर्थिक शोध गतिविधियों के कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को एक पृथक् कानूनी इकाई के तहत गठित करना होगा।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (एमसीएक्स) भारत का अत्याधुनिक कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं इलेक्ट्रॉनिक कमोडिटी एक्सचेंज है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। यह फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लि. (एफटीआईएल) द्वारा स्थापित डिम्युच्युलाइज्ड एक्सचेंज है जो पूरे भारत में कमोडिटी वायदा व्यापार के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग, क्लियरिंग एवं निपटान परिचालन की सुविधा प्रदान करने वाली भारत सरकार से स्थायी रूप से मान्यताप्राप्त है। नवंबर, 2003 में अपने परिचालन की शुरुआत से आज एमसीएक्स भारतीय जिंस वायदा बाजार का 80 प्रतिशत से अधिक का हिस्सेदार हो गया है और उसके पास पूरे देश में 1,00,000 से अधिक ट्रेडर वर्क-स्टेशनों के माध्यम से व्यापार करने वाले 2000 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं। वर्ष 2009 में ट्रेडिंग किए गए कांट्रेक्ट्स की संख्या के मामले में एक्सचेंज विश्व के सबसे तेज विकसित होने वाले कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंजों में छठां सबसे बडा़ एक्सचेंज बन कर उभरा है। .