निवेशक सुरक्षा कोष

Interview 75 ट्रिलियन पहुंच सकता है MF इंडस्ट्री का कोष : मोहित भाटिया
मुंबई. बचत (Savings) पर महंगाई दर (Inflation Rate) से अधिक रिटर्न (Return) मिलने के कारण इक्विटी म्यूचुअल फंडों के प्रति भारतीय निवेशक तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री (Mutual Fund Industry) में हर माह लाखों नए निवेशक खातें (Investor Folios) खुल रहे हैं और यह इंडस्ट्री 30% से अधिक की वार्षिक ग्रोथ दर्ज करते हुए 38 लाख करोड़ रुपए (38 ट्रिलियन रुपए) तक पहुंच गयी है। केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड (Canara Robeco Mutual Fund) के सेल्स एंड मार्केटिंग हैड मोहित भाटिया (Mohit Bhatia) का मानना है कि जिस तेज गति से देश के छोटे-बड़े सभी शहरों में म्यूचुअल फंडों से नए निवेशक जुड़ रहे हैं और निवेश बढ़ रहा है, उसे देखते हुए अगले 5 साल में इंडस्ट्री का प्रबंधन कोष (AUM) आसानी से 75 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
केनरा रोबेको म्यूचुअल निवेशक सुरक्षा कोष फंड को सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी केनरा बैंक (Canara Bank) और यूरोप की 9 दशक पुरानी एसेट मैनेजमेंट कंपनी रोबेको (Robeco) ने प्रमोट किया है। इंडस्ट्री और इक्विटी मार्केट के आउटलुक तथा केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड की प्रगति के संबंध में म्यूचुअल फंड दिग्गज मोहित भाटिया की वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज से विस्तृत चर्चा हुई। पेश हैं उसके मुख्य अंश:-
विकसित देशों के बाद अब भारत में भी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज होने के क्या कारण हैं?
ऐसा है कि विकसित देशों में तो पहले से ही म्यूचुअल फंड एक बड़ा एसेट क्लास (Asset class) रहा है। अब भारत में भी 3 दशक का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड बन चुका है। केनरा म्यूचुअल फंड को ही 33 साल से ज्यादा हो गए हैं। इस दौरान लोगों ने देखा है कि मार्केट लिंक्ड फंडों यानी इक्विटी फंडों (Equity Mutual Funds ) ने महंगाई दर से कहीं ज्यादा बढ़िया रिटर्न दिया है। करोड़ों लोगों की वेल्थ (Wealth) क्रिएट हुई है। हालांकि पहले महानगरों के बड़े निवेशक ही म्यूचुअल फंडों में निवेश करते थे, लेकिन अब छोटे निवेशकों में भी जागरूकता आ गयी है। इंडस्ट्री की संस्था ‘एम्फी’ (AMFI) के अभियान ‘म्यूचुअल फंड सही है’ (Mutual Fund Sahi Hai) ने भी छोटे शहरों में भी जागृति लाने में अहम भूमिका निभाई है। इसलिए अब भारत में भी ग्रोथ तेज हो रही है। हमें उम्मीद है कि अगले 5 वर्षों में इंडस्ट्री 75 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच सकती है। साथ ही निवेशक खाते भी दोगुने होकर 25 करोड़ से अधिक होने के आसार हैं, जो वर्तमान में 12.95 करोड़ हैं।
विगत कुछ महीनों से इक्विटी मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव के चलते रिटेल निवेशकों में चिंता व्याप्त हो रही है। ऐसे हालात में उनके लिए क्या नीति सही होगी?
देखिए, वोलैटिलिटी तो इक्विटी मार्केट (Stock Market) का नैचर है। उतार-चढ़ाव आना इस मार्केट की एक नियमित प्रक्रिया है। यहां लिनियर ग्रोथ यानी एकसमान नहीं बल्कि ‘कभी कम, कभी ज्यादा’ ग्रोथ होती है, परंतु लॉन्ग टर्म में अवश्य इन्फलेशन रेट (महंगाई दर) से ज्यादा रिटर्न मिलता है। यदि इन्वेस्टर को लॉन्ग टर्म व्यू (Long Term View) रख निवेश करना है तो घबराना नहीं चाहिए। इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) कठिन हालात में भी तेज ग्रोथ हासिल निवेशक सुरक्षा कोष कर रही है और सरकार के अथक प्रयासों से आगामी वर्षों में भी अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। इसलिए रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors) को उतार-चढ़ाव की चिंता किए बिना लॉन्ग टर्म के लिए एसआईपी (SIP) के माध्यम से नियमित निवेश की नीति अपनानी चाहिए। इसलिए इक्विटी म्यूचुअल फंडों में एसआईपी के माध्यम से निवेश तेजी से बढ़ते हुए मासिक 12,000 करोड़ रुपए के पार हो गया है।
केनरा रोबेको ने पिछले साल कितने नए निवेशक जोड़े और कुल प्रबंधन कोष कितना हो गया है?
हम इंडस्ट्री से तेज ग्रोथ कर रहे हैं। पिछले साल 31 मार्च तक हमारे पास 17।66 लाख से अधिक निवेशक खाते थे, जो 31 मार्च 2022 को बढ़कर 30.73 लाख के पार हो गए। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में केनरा रोबेको ने 13 लाख से अधिक निवेशक खाते खोले। जिसमें से 9।35 लाख एसआईपी खाते थे और कुल एसआईपी खातों की संख्या 14.30 लाख से अधिक हो गयी है। देश के बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों में भी हमारे निवेशकों की संख्या बढ़ रही है। निवेशकों को बेहतर रिटर्न प्रदान करते हुए हमारा एयूएम भी 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो पिछले साल 30,000 करोड़ रुपए ही था। प्रमोटर बैंक केनरा बैंक के साथ सिंडिकेंट बैंक के मर्जर से अब देश में 10,600 शाखाओं में हमारी पहुंच हो गयी है। साथ ही 30 हजार एजेंट, पार्टनर बैंक शाखाओं और म्यूचुअल फंड वितरकों के जरिए हमारा देश भर में आधार बढ़ रहा है।
केनरा रोबेको की किन स्कीमों में ज्यादा अच्छा रिटर्न मिल रहा है?
जहां तक रिटर्न की बात है, हमारी निवेश टीम की प्रभावी निवेश रणनीति की बदौलत लगभग सभी स्कीम, चाहे वह इक्विटी फंड (Equity Funds) हो या डेब्ट फंड (Debt Funds), अपने-अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
शिविर: उपरवाह में ग्रामीण निवेशकों को बैंकिंग और बीमा के बारे में दिया गया प्रशिक्षण
ग्राम पंचायत उपरवाह के सभा कक्ष में रविवार को ग्रामीण निवेशकों के लिए निवेशक जागरूकता सत्र का आयोजन विनिधान कर्ता शिक्षा तथा सुरक्षा कोष प्राधिकरण के तत्वावधान में किया गया। ग्रामीणों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। महिलाएं भी उपस्थित रही। अभियान के तहत निवेश के संदर्भ में जानकारी दी गई, इसके अलावा विभिन्न विषयों पर ग्रामीणों से चर्चा की गई। इसमें महत्वपूर्ण बैंकिंग तथा बीमा के संदर्भ में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में ग्रामीणों को प्रशिक्षक द्वारा बजट के माध्यम से बचत, बचत के माध्यम से निवेश, बैंक खाता खोलने का महत्व, बीमा और पेंशन के उत्पाद, सरकारी योजनाओं की जानकारी, पूंजी बाजार, पोंजी स्कीम निवेश करते समय ध्यान देने योग्य बातें आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। ग्राम के महिला समूह ने भी प्रशिक्षण का लाभ लिया। प्रशिक्षण कॉमन सर्विस सेंटर के प्रशिक्षक विनय साहू द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का आयोजन जन समर्पण यूथ फाउंडेशन के माध्यम से संपन्न किया गया जिसमें फाउंडेशन के सभी सदस्य निवेशक सुरक्षा कोष शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल ग्लोबल इनवेस्टर राउंडटेबल की करेंगे अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम वैश्विक निवेशक गोलमेज सम्मेलन की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन का आयोजन वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश और आधारभूत अवसंरचना कोष ने किया है।
यह वैश्विक संस्थागत निवेशकों, भारतीय व्यापार प्रमुखों, भारत सरकार तथा वित्त बाजार संचालकों के बीच विशिष्ट संवाद का मंच है। केन्द्रीय वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
सरकार ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना की अवधि 30 नवम्बर तक बढ़ाई
Previous
Story
सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार का अहम फैसला
प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री श्रीमती थेरेसा मे का बयान: 7 नवम्बर 2016
एक नेता के रूप में हम अपने नागरिकों की आजीविकाओं को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं- जिसके लिए हम रोजगार निर्माण, कुशलताओं का विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और भविष्य की प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहायता देते हैं। इसी से ब्रिटेन के व्यापारियों और निवेशकों के लिए भारत में अवसरों का निर्माण होता है। और यही विपरीत क्रम में भी होता है।
अब स्मार्ट शहरों की परिकल्पना को ही ले लें-आज हम एक नई साझेदारी पर सहमत हुए हैं निवेशक सुरक्षा कोष जिससे सरकार, निवेशक और विशेषज्ञ शहरी विकास की ओर साथ मिलकर कार्य करने के लिए एकजुट होंगे, जिससे ब्रिटिश व्यापारियों के लिए निवेशक सुरक्षा कोष अगले पांच वर्षों के लिए दो बिलियन पाउंड के अवसर खुल जाएंगे।
इसके तहत मध्यप्रदेश जैसे गतिशील राज्य पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा-साथ ही निवेशक सुरक्षा कोष किसी भी अन्य जगह की अपेक्षा और अधिक स्मार्ट शहर बनाने की योजना है- और साथ ही शामिल होगा ऐतिहासिक शहर वाराणसी।
अब भारत की मूलभूत संरचनाओं में लगने वाली पूंजी की ही बात करें तो जुलाई में पहले मसाला बॉन्ड जारी होने के बाद से अब तक 900 मिलियन पाउंड के मूल्य के रुपया-नामित बॉन्ड जारी हो चुके हैं।
और हमें अगले तीन महीनों में 600 मिलियन पाउंड के मूल्य के चार बॉन्ड जारी होने की उम्मीद है।
यह भारत की विकास गाथा में विश्वास मत की तरह है। और यह लंदन के विश्व के प्रमुख वित्तीय केंद्र के रूप में भी विश्वास मत की तरह है।
इसके साथ-साथ, ब्रिटेन एक संयुक्त कोष में 120 मिलियन पाउंड के निवेश पर सहमत हुआ है जिससे लंदन शहर से निजी क्षेत्र से निवेश के द्वार भारत के बुनियादी ढांचे को वित्तीय सहायता देने की ओर खुल जाएंगे।
इसलिए दोनों देशों के पास व्यावसायिक अवसरों को विस्तारित करने की विशाल संभावनाएं हैं। केवल अकेले इसी यात्रा पर एक बिलियन पाउंड के व्यापारिक सौदों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
लेकिन हम इससे अधिक बहुत कुछ कर सकते हैं।
व्यापार और निर्यात
हम दोनों ही मुक्त व्यापार के कट्टर समर्थक हैं। हम दोनों ही महान निर्यातक राष्ट्र बनना चाहते हैं।
और इसलिए हमें व्यापार और निवेश की राह की बाधाओं को तोड़ने के लिए लंबी दौड़ में साथ मिलकर कार्य करना चाहिए।
आज यहां हम बौद्धिक संपदा अधिकार के निवेशक सुरक्षा कोष संरक्षण और प्रवर्तन को मजबूत बनाने के लिए सहयोग के नए कार्यक्रमों पर सहमत हुए हैं, जो व्यापार के लिए अधिक निश्चितता प्रदान करता है।
और ब्रिटेन विनियमन में ढील देगा और कर जैसे मुद्दों पर अपनी तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा ताकि भारत में व्यापार करना और आसान हो सके।
हम आधिकारिक स्तर पर सुगठित वार्ता को बहाल करने पर सहमत हुए हैं, ताकि यह जान सकें कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से पहले व्यापार में बाधाओं को हटाने के लिए वर्तमान में और क्या कर सकते हैं। और यही आगे चलकर ब्रिटेन के अलग होने के बाद एक गहरे व्यापार और निवेश संबंध की राह प्रशस्त करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और मैंने ब्रिटेन आने वाले भारतीय यात्रियों की व्यापारिक यात्रा को सुधारने के मुद्दे पर भी चर्चा की। यूके अनेक भारतीयों को सीमा पर निवेशक सुरक्षा कोष बिना तकलीफ के और तेजी से निकासी की सुविधा प्रदान कर भारत को अपने पंजीकृत यात्रियों की योजना तक आसानी से पहुंचने वाला पहला वीजा राष्ट्र बनाएगा।
और हमने ‘ग्रेट क्लब’ के लिए प्रमुख व्यापारिक अधिकारियों को चयनित करने वाला पहला राष्ट्र बनने के लिए विश्व भर में से भारत सरकार को आमंत्रित किया है।
हम वीजा, वापसी और संगठित अपराध जैसे गृह मंत्रालय के मामलों पर रणनीतिक बातचीत स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
इसके तहत, ब्रिटेन अपने वीजा के ऑफर में आगे और सुधार करेगा अगर उसी समय हम ब्रिटेन में बिना किसी अधिकार के रहने वाले भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया अधिक तेज और अधिक मात्रा में करने का कदम उठा सकें।
और निवेशक सुरक्षा कोष ब्रिटेन सबसे प्रतिभावान और सर्वश्रेष्ठ भारतीय विद्यार्थियों को आमंत्रित करना जारी रखेगा। ताजा आंकड़ों के मुताबिक हर 10 में नौ आवेदन पत्रों को निवेशक सुरक्षा कोष स्वीकार कर लिया जाता है।
सुरक्षा
अब सुरक्षा के मुद्दे की ओर रुख करते हैं।
पिछले वर्ष, हम एक महत्वाकांक्षी रक्षा एवं अंतराष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी को स्थापित करने पर सहमत हुए।
हम इस प्रतिबद्धता पर अडिग हैं। लेकिन अब हमें राजनीतिक इच्छाशक्ति को नतीजों में परिवर्तित करने की आवश्यकता है। ब्रिटेन प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और अन्य बाजारों में अपने रक्षा उपकरणों के साझा प्रचार के साथ ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए भारत की रक्षा क्षमताओं को सहायता देने के लिए तैयार है।
अगले हफ्ते शीर्ष रक्षा अधिकारी दिल्ली में मुलाकात करेंगे। हमने उन पर सैन्य निवेशक सुरक्षा कोष प्रशिक्षण में प्रगति, प्रौद्योगिकी और उपकरण में सहयोग और नई क्षमताओं पर संयुक्त शोध का कार्यभार सौंपा हैं।
हम नए और उभरते खतरों के लिए प्रतिक्रिया में एक दूसरे की सहायता करने की ओर भी प्रतिबद्ध हैं।
अब जब दोनों देश डिजिटल नवाचारों में सबसे आगे हैं, हम दोनों ही अपनी अर्थव्यवस्थाओं को प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसरों से अवगत हैं, लेकिन इसके खतरे भी हो सकते हैं।
ब्रिटेन और भारत दोनों ही अन्य देशों, आंतकवादियों और साइबरस्पेस में सक्रिय अपराधियों द्वारा साइबर हमले के बढ़ते खतरों का सामना कर रहे हैं।
हम पहले से ही साइबर अपराधों के साझा खतरों से निपटने की ओर संयुक्त स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
और आज, प्रधानमंत्री निवेशक सुरक्षा कोष मोदी और मैं दोनों देशों के बीच एक साइबर ढांचे पर बातचीत कर स्थापित करने की ओर सहयोग पर सहमत हुए हैं, जिससे हमारी साझा साइबर सुरक्षा बेहतर होगी, मुक्त और सुरक्षित साइबरस्पेस को बढ़ावा मिलेगा और ब्रिटेन के उद्योगों के लिए व्यावसायिक अवसरों के द्वार खुल जाएंगे।
अंतत: हम दोनों ही साझा रूप से आंतकवाद का सामना कर रहे हैं-व्यक्तिगत देशों के तौर पर, सहयोगियों के तौर पर और नियमों पर आधारित प्रणाली की नींव पर बसे स्थाई विश्व में रुचि रखने वाले वैश्विक ताकतों के तौर पर।
आज हम अपने सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं, खासतौर से हिंसक उग्रवादियों द्वारा इंटरनेट के उपयोग से निपटने और ऑनलाइन भर्ती कर आतंकवाद की ओर नियुक्तियां कम करने की ओर साझा रूप से प्रयासरत हैं।
निष्कर्ष
ये काफी अच्छी और रचनात्मक बातचीत रही है।
जैसा मैंने आज सुबह कहा, जब भारत और युनाइटेड किंग्डम जैसे दो देशों के बीच दीर्घकालिक संबंध रहे हों, ऐसा संभव है कि कभी हम आपसी कड़ी नजरअंदाज कर दें।
मैं ऐसा नहीं करना चाहती। मैं एक मजबूत, रणनीतिक साझेदारी के लिए भविष्य और असीमित संभावनाओं की ओर देखना चाहती हूं।
ब्रिटेन और भारत दोनों देशों का महत्वाकांक्षी, आत्मविश्वासी, वैश्विक नजरिया है।
अब जब यूके यूरोपीय संघ से अलग होने जा रहा है और विश्व में भारत की कीर्ति बढ़ती जा रही है, हमें भविष्य की संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
हम अपने लोगों के बीच मजबूत संबंधों के जरिए यह हासिल कर पाएंगे, साथ ही ब्रिटेन और भारतीय व्यापारियों के साथ मिलकर काम करने के जरिए और उससे भी महत्वपूर्ण कारण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और मैं दोनों ही इस संबंध में निवेश करने और इस परिकल्पना को सार्थक करने की ओर व्यक्तिगत रूप से प्रतिबद्ध हैं।
मैं दोनों देशों के लाभ के लिए एक विशिष्ट मैत्री संबंध बनाने और साथ कार्य करने की ओर आशान्वित हूं।
हमारे साझा संबंध और साझा मूल्य इस साझेदारी को स्वाभाविक बनाते हैं, लेकिन हमारा साझा भविष्य ही हमें और करीब लाएगा।