आरओआई क्या है?

आरटीआई
यह पोर्टल आरटीआई आवेदनों/प्रथम अपीलों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पैमेंट गेटवे युक्त पोर्टल है। भारतीय स्टेट बैंक एवं इसके संबद्ध बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग, मास्टर/विज़ा के डेबिट/क्रेडिट कार्ड तथा रुपे कार्ड के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। इस पोर्टल के माध्यम से भारतीय नागरिकों द्वारा केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों और कुछ अन्य लोक प्राधिकारी को आरटीआई आवेदन/प्रथम अपील की जा सकती है। इस पोर्टल के माध्यम से केंद्र/राज्य सरकारों के अधीन अन्य लोक प्राधिकरणों को आरटीआई आवेदन/प्रथम अपील नहीं की जानी आरओआई क्या है? चाहिए।
मार्केटिंग में ROI क्या है?
आपके मार्केटिंग के ROI को समझना क्यों महत्वपूर्ण है?
ROI भविष्य के मार्केटिंग अभियानों के विकास को सूचित कर सकता है, मार्केटिंग बजट सेट करने में मदद कर सकता है , और तुलनात्मक डेटा प्रदान कर सकता है
मार्केटिंग ROI ने सही किया
मार्केटिंग में ROI की गणना करना मार्केटिंग अभियान जितना अधिक परिष्कृत या विस्तृत होता है।
5 Brilliant Tips for RTI Full Form Newbies ? ( 5 आरटीआई फुल फॉर्म) 2023
आरटीआई ( RTI Full Form ) का फुल फॉर्म सूचना का अधिकार है ( Right to Information ). सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जिसे भारतीय संसद द्वारा 15 जून 2005 को अपनाया गया था और 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ । सूचना का अधिकार प्रदान करता है । आरटीआई का लक्ष्य सार्वजनिक प्राधिकरण के कामकाजो में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण प्रबंधन के तहत डेटा तक पहुंचने की रक्षा करना है।
आरटीआई का दायरा ( Scope of RTI )
यह अधिनियम पूरे भारत में फैला हुआ है। जम्मू और कश्मीर राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम पहले से ही लागू था। लेकिन फिर भी संविधान के अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू & कश्मीर और लद्दाख भी इस अधिनियम के तहत आ गए। इसमें कार्यकारी,विधायिका और न्यायपालिका सहित सभी संवैधानिक प्राधिकरण शामिल आरओआई क्या है? हैं।
RTI Full Form – Right to Information
Full Form List Alphabate
BHK | CA |
BDS | CAA |
BAMS | CAB |
BBA | CACP |
BCA | CBSE |
B.tech | CBI |
B.A | CC |
B.Sc | CCTV |
B.Com | CD |
BSE | CDN |
हमारी हिंदी वेबसाइट में हिंदी यूजर के लिए हिंदी में जानकारी देना हमारा सबसे एहम मक़सद है। इसलिए आरओआई क्या है? RTI को हिंदी में क्या कहते है और इसका क्या Full form है। RTI full form in hindi – (सुचना का अधिकार ) आप ऑफिसियल वेबसाइट पर भी जाकर इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते है – RTI website
Types Of 5 RTI Full Form List
RTI से जुड़े 5 शब्दों के नाम हम आपको बताने वाले है जिन्हे आप अपने अपने क्षेत्र (field ) में सुना या पढ़ा होगा जैसे की medical क्षेत्र में या कॉर्पोरेट या एजुकेशन या फिर भाषा के क्षेत्र में आदि।
RTI के दायरे में आए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस,कौन-कौन इससे बाहर?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चीफ जस्टिस का कार्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है. कोर्ट ने कहा, "पारदर्शिता और जवाबदेही को साथ-साथ चलना चाहिए और चीफ जस्टिस का ऑफिस आरटीआई के दायरे में है. क्योंकि पारदर्शिता न्यायिक स्वतंत्रता को मजबूत करती है."
कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सवाल उठता है कि आखिर RTI एक्ट के दायरे में कौन आता है और कौन सी सूचनाएं इस अधिनियम से बाहर हैं.
RTI के दायरे में कौन-कौन आता है?
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद और राज्य विधानमंडल के साथ ही सीजेआई ऑफिस, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) और निर्वाचन आयोग जैसे संवैधानिक निकायों और उनसे संबंधित पदों को सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है.
कौन सी सूचनाएं RTI के दायरे में नहीं आती हैं?
- ऐसी कोई सूचना जिसके सार्वजनिक होने से भारत की प्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो.
- ऐसी सूचना, जिसके प्रकाशन को किसी न्यायालय या अधिकरण ने अभिव्यक्त रूप से निषिद्ध किया हो या जिसके प्रकटन से न्यायालय की अवमानना होती हो
- सूचना, जिसके प्रकटन से संसद या किसी राज्य के विधान मंडल का विशेषाधिकार भंग होता हो.
- सूचना, जिसमें वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार गोपनीयता या आरओआई क्या है? बौद्धिक संपदा शामिल है, जिसके प्रकटन से किसी व्यक्ति की प्रतियोगी स्थिति को नुकसान होता हो
- सूचना, जिसको प्रकट करने से किसी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरा होता हो.
- सूचना, जिससे अपराधियों की जांच, पकड़े जाने या अभियोजन की प्रक्रिया में अड़चन पड़ेगी
- मंत्रिमंडल के कागज पत्र, जिसमें मंत्रि परिषद, सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्श शामिल हैं
- सूचना, जो व्यक्तिगत सूचना से संबंधित है, जिसका प्रकटन किसी लोक क्रियाकलाप या हित से संबंध नहीं रखता है या जिससे व्यक्ति की एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण होता हो.
क्या है सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 ?
सूचना का अधिकार या राइट टू इन्फॉर्मेशन (RTI) एक्ट, 2005 भारत सरकार का एक अधिनियम है, जिसे नागरिकों को सूचना का अधिकार उपलब्ध कराने के लिये लागू किया गया है. इसका मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है. RTI को काफी हद तक भ्रष्टाचार कंट्रोल करने के हथियार के तौर पर भी देखा जाता है.
RTI एक्ट को पहली बार 15 जून 2005 को अधिनियमित किया गया और 12 अक्टूबर, 2005 को इसे पूरी तरह से लागू कर दिया गया.
इस कानून को इसलिए लाया गया था, ताकि देश के हर नागरिक को प्रशासन से जरूरी जानकारी मिल सके. इतना ही नहीं नागरिकों को मिला सूचना का अधिकार सरकार की जवाबदेही तय करता है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला, CJI का ऑफिस RTI कानून के दायरे में आता है
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