निवेश उत्पाद

जी-20 अध्यक्षता के साथ पीएम मोदी ने लिखी नए भारत की गाथा!
गत वर्ष भारत में 84 अरब डॉलर का विदेश निवेश हुआ था. यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि एक ऐसे वक्त में, जब वैश्विक व्यवस्था बेहद अनिश्चित है, भारतीय अर्थव्यवस्था में इतना निवेश बिना बुनियादी सिद्धांतों में विश्वास के नहीं हो सकता है.
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आज साल के आखिरी महीने की शुरुआत हो गई. लेकिन यह दिन भारतीय इतिहास के पन्नों में हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. दरअसल, आज 1 दिसंबर से भारत ने जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण कर ली है और पूरे एक वर्ष के लिए यह जिम्मेदारी संभालेगा. भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 के लिए 'एक धरा, एक परिवार और एक भविष्य' की थीम दी है. इस संदेश में हमारी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना निहित है, जो विश्व कल्याण का मूलमंत्र है. आज के समय में जी-20 में भारत के अलावा अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल हैं और ये ऐसे देश हैं, जहां पूरी दुनिया की दो-तिहाई आबादी रहती है और इनका वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 85 प्रतिशत योगदान है. ये वैसे देश हैं, जिनका वैश्विक व्यापार में 75 प्रतिशत प्रतिनिधित्व है और अब जब भारत इन महाशक्तियों की मेजबानी करने जा रहा है, तो यह 130 करोड़ भारतवासियों के लिए अत्यंत गर्व और स्वाभिमान का विषय है.
कह सकते हैं कि जी20 की अध्यक्षता के सतह पीएम मोदी भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले गए हैं
भारत को जी-20 की अध्यक्षता का यह अवसर एक ऐसे समय में मिला है, जब हम अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं और आने वाले 25 वर्षों के दौरान खुद को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए हमने ‘पंच प्रण’ का संकल्प लिया है. इस उपलब्धि से वास्तव में हमारी इन प्रतिबद्धताओं को एक नई ऊंचाई मिलेगी और इसके लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी.
गौरतलब है कि आज जब भारत जी-20 के अध्यक्ष की भूमिका में है, तो इस दौरान में पूरे देश के 50 से भी अधिक शहरों में 200 से भी ज्यादा बैठकों का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान पूरी दुनिया से आए मेहमान हमारी समृद्ध संस्कृति और विरासत का अनुभव करेंगे. इसी कड़ी में, बीते 25 नवंबर को जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर स्थित नेशनल मेमोरियल सेलुलर जेल का दौरा किया.
यहां सभी मेहमानों का काफी जोर-शोर के साथ स्वागत किया गया और इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने नेशनल मेमोरियल सेलुलर जेल का भी दौरा किया. बता दें कि यह वही जेल है, जहां ब्रिटिश काल में उन क्रांतिकारियों को रखा जाता था, जिससे शासन को खतरा होता था. इसी जेल में आज़ादी के महान पुरोधा वीर सावरकर ने अपने जीवन के 10 वर्ष व्यतीत किये थे.
जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक जम्मू-कश्मीर में भी होने वाली है. गौरतलब है कि यहां से अनुच्छेद 370 वापस लेने के बाद, यह पहला बड़ा वैश्विक सम्मेलन होगा. इसे लेकर कुछ महीने पहले पाकिस्तान और चीन जैसे अशांति प्रिय देश अपनी आपत्ति भी जता चुके हैं. उनकी आपत्तियों के बाद, कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर में यह सम्मेलन नहीं होगा. नहीं उनका यह दावा पूरी तरह से खोखला निकला.
कुछ लोग इसे एक राजनीतिक कदम बता रहे हैं. लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि जम्मू-कश्मीर भारत का संप्रभु इलाका है और जब जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली है, तो उसे पूर्ण अधिकार है कि वह इसका आयोजन चाहे जहां कराए. वहीं, जहां तक बात पाकिस्तान का है, तो जब वह जी-20 का सदस्य ही नहीं है, तो उनकी आपत्तियों का कोई औचित्य नहीं है.
दूसरी ओर, इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से पूरी दुनिया के लिए भारत में निवेश के मौकों को भी समझने का एक बेहतरीन मौका है. आज निवेश उत्पाद जब पूरी दुनिया एक महामारी के बाद, कई आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है, तो प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी नीतियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की गति निरंतर बनी रही और आज पूरी दुनिया हमारी ओर एक उम्मीद के साथ देख रही है.
गौरतलब है कि गत वर्ष भारत में 84 अरब डॉलर का विदेश निवेश हुआ था. यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि एक ऐसे वक्त में, जब वैश्विक व्यवस्था बेहद अनिश्चित है, भारतीय अर्थव्यवस्था में इतना निवेश बिना बुनियादी सिद्धांतों में विश्वास के नहीं हो सकता है.
आज प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी, दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता, बैंकिंग सुधार, यूपीआई की सुविधा के अलावा 1,500 पुराने कानूनों का अंत भी कर दिया है, ताकि निवेशकों की राह आसान हो. हमें पूर्ण विश्वास है कि इस शिखर सम्मेलन के बाद हमारी आस्था से लेकर अर्थव्यस्था तक में पूरी दुनिया का विश्वास और अधिक बढ़ेगा और मानव कल्याण की राह सुनिश्चित होगी.
अपराधियों को संरक्षण देने वाले निवेश के सबसे बड़े दुश्मन: योगी
गोरखपुर, ( एजेंसी /वार्ता) : समाजवादी पार्टी (सपा) का नाम लिये बगैर निशाना साधते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराधी और उनके संरक्षणदाता निवेश के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं।
उत्तर प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही अपराधियों और उनके संरक्षणदाताओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। उत्तर प्रदेश में निवेशकों और उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी है। इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य है।
श्री योगी ने बुधवार शाम गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के स्थापना दिवस समारोह में 504 करोड़ रुपये की 133 निवेश परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास, 260 करोड़ रुपये के 49 विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास करने के साथ 1200 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के 24 निवेशकों को भूमि आवंटन प्रमाण पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में कोई आना नहीं चाहता था। यहां गुंडागर्दी, अराजकता व सत्ता संरक्षित अपराध का बोलबाला था जबकि आज सर्वाधिक सुरक्षित माहौल उत्तर प्रदेश में है। अपराध पर नकेल कसने के साथ ही सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था से निवेशकों को सुविधा दी। निवेश मित्र पोर्टल के सिंगल विंडो से ऑटो मोड पर 340 से अधिक सेवाएं निवेशकों के लिए उपलब्ध है। यह देश का सबसे बड़ा सिंगल विंडो सिस्टम है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेशकों के लिए 25 सेक्टर चिन्हित किए हैं। इन सेक्टरों से जुड़े इंसेंटिव भी पोर्टल के माध्यम से ऑटो मोड पर निवेशकों को प्राप्त होते रहेंगे। किसी भी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इन सारी व्यवस्थाओं की निगरानी व समीक्षा मुख्यमंत्री कार्यालय स्वयं करता है।
श्री योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में देश में नंबर दो के पायदान पर है और शीघ्र ही इसे नंबर एक पर लाने का अभियान भी शुरू कर दिया गया है। यूपी में पर्याप्त लैंड बैंक है तो एमएसएमई की इकाइयों को शुरुआती 1000 दिन तक एनओसी लेने की बाध्यता नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आह्वान किया कि 10 से 12 फरवरी 2023 तक होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में गोरखपुर के निवेशक भी भागीदारी करें। उन्होंने कहा कि जो पूंजी रोजगार का सृजन करें वह निवेश है। यहां के उद्यमी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, होटल, रेस्टोरेंट आदि खोलकर रोजगार का सृजन कर सकते हैं। ऐसा करने पर सरकार उनका स्वागत करते हुए हर स्तर पर सहयोग करेगी। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश और दुनिया के निवेशक भागीदारी करने आ रहे हैं।
उन्होने कहा कि अगले निवेश उत्पाद पांच सालों में देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की बनाने में उत्तर प्रदेश ग्रोथ इंजन की भूमिका में होगा। उत्तर प्रदेश को वन निवेश उत्पाद ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाएगा। इसके लिए हमें अधिक से अधिक निवेश, रोजगार सृजन और बेहतर सीडी रेशियोपर ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रतिमाह जिला स्तर पर तथा प्रत्येक तीन माह पर मंडल स्तर पर बैठक करने का निर्देश प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को दिया। इसके साथ ही उन्होंने उद्यमियों से कहा कि इन बैठकों में भी समस्याओं का समाधान ना हो तो वे शासन को पत्र लिखने या फोन करने में गुरेज न करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों की दृष्टि से उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना भी होनी चाहिए। जब अपने ही क्षेत्र की फैक्ट्री में रोजगार मिलने लगेगा तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए गीडा को स्वयं तथा उद्यमियों के साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए।
योगी ने कहा कि आज के दौर में किसी भी उत्पाद की डिजाइनिंग व पैकेजिंग का भी बड़ा महत्व है। अच्छी डिजाइनिंग व पैकेजिंग के बिना उत्पाद को अपेक्षित महत्ता नहीं मिल पाती है। उन्होंने गीडा को पैकेजिंग इंस्टिट्यूट खोलने की तैयारी करने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति की ताकत को समाज अभी समझ नहीं पा रहा। जबकि वे गृहस्थ को संभालने के साथ स्वाबलंबन का नया मॉडल खड़ा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें स्वाबलंबी बना रही है। मुख्यमंत्री ने गीडा में स्थापित हो रहे फ्लैटटेड फैक्ट्री की चर्चा करते हुए कहा कि 80 यूनिटों वाली यह फैक्ट्री महिलाओं के स्वावलंबन का बड़ा आधार बन सकती है।
कई उत्पाद पेशकशों के माध्यम से परिपक्व होने वाला एक उद्योग
सरकार, नियामकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा जागरूकता अभियानों के कारण, अब देश के भीतरी इलाकों में भी लोग अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश करने के इच्छुक हैं। उन्होंने महसूस किया है कि लंबे समय में केवल बचत करने से धन सृजन का लाभ नहीं होगा और उन्हें निवेश के विकल्पों को देखना होगा। जिन निवेशकों को निवेश प्रक्रिया जटिल लगती है, उनके लिए म्यूचुअल फंड एक आसान और सुविधाजनक विकल्प बनता जा रहा है। आज, म्युचुअल फंड उद्योग निवेशकों की विविध आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश कर रहा है। बाजार नियामकों ने भी निवेशकों के निवेश उत्पाद हितों और उनके धन की रक्षा के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। यहां कुछ प्रमुख कारक दिए गए हैं कि धन सृजन के अवसरों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर विचार क्यों करना चाहिए।
एसआईपी की स्वतंत्रता: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) म्यूचुअल फंड में निवेश के आदर्श तरीकों में से एक है। आप मासिक रुपये का भुगतान कर सकते हैं। 500 या रु। कोई 1,000 की छोटी राशि से भी निवेश शुरू कर सकता है। यह निवेशकों में अनुशासन की भावना पैदा करता है और उन्हें धन सृजन की यात्रा में आसानी से आगे बढ़ने में मदद करता है। हालाँकि, हम सभी जानते हैं कि आपके मासिक बजट से अधिक धन की आवश्यकता होने पर कभी भी अनिश्चित स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे किसी विशेष महीने के लिए एसआईपी भुगतान से बच सकते हैं और बिना किसी समस्या के बाद के महीनों में एसआईपी भुगतान जारी रख सकते हैं।
दीर्घकाल में चक्रवृद्धि की शक्ति: चक्रवृद्धि की शक्ति का अर्थ है कि आपका धन तेजी से बढ़ता है। यह आमतौर पर आपकी कमाई को रिटर्न की समान दर पर पुनर्निवेश करने के लिए संदर्भित करता है, ताकि आपका मूलधन हर साल बढ़ता रहे। सामान्यतया, आप जितने लंबे समय तक एक अच्छी संपत्ति में निवेशित रहेंगे, निवेश उतना ही बेहतर हो सकता है। नए निवेशक के तौर पर आप जल्दी एसआईपी शुरू कर सकते हैं।
अनेक विकल्प: जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, म्युचुअल फंड आज निवेशकों को कई विकल्प प्रदान करते हैं। इक्विटी और फिक्स्ड इनकम के अलावा हाइब्रिड म्यूचुअल फंड भी हैं। यह उन निवेशकों के लिए है जो जोखिम से बचना चाहते हैं लेकिन फिर भी धन सृजन के अवसरों के लिए इक्विटी बाजार में निवेश करना चाहते हैं। दूसरी ओर, उन निवेशकों के लिए पैसिव फंड हैं जो बिना किसी पक्षपात के बाजार की चाल का लाभ उठाना चाहते हैं। यह बाजार से जुड़े रिटर्न की पेशकश करता है। निवेशक ईटीएफ, फंड ऑफ फंड्स या इंडेक्स फंड्स के जरिए पैसिव म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं।
समाधान-उन्मुख उत्पाद: भविष्य के लिए योजना बनाना हमारे लिए निवेश उत्पाद स्वाभाविक है। हम अपने बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देना चाहते हैं या उनकी शादी के लिए बचत करना चाहते हैं या एक नया घर खरीदना चाहते हैं या एक अच्छा सेवानिवृत्ति जीवन चाहते हैं। अंतिम समय में इन लक्ष्यों के लिए योजना बनाना समस्यात्मक हो सकता है क्योंकि हम हर बार जोखिम उठाने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का लाभ: कई निवेशकों के पास अपने निवेश की योजना बनाने के लिए समय या संसाधन या पर्याप्त ज्ञान नहीं होता है। ऐसे में म्यूचुअल फंड निवेशकों के काम आ सकते हैं। वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए धन और आपके पोर्टफोलियो का व्यावसायिक प्रबंधन एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है। फंड प्रबंधकों के पास आमतौर पर अपने क्षेत्र में वर्षों का अनुभव होता है और आपके पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता होती है। निवेशकों द्वारा म्युचुअल फंड को एक विकल्प के रूप में अपनाने के कई कारण हैं। हर छह महीने में अपने निवेश की समीक्षा करना और पूरे पोर्टफोलियो पर नजर रखना एक आदत है। यह आपके वित्त पर नियंत्रण रख सकता है और आवश्यक परिवर्तन कर सकता है।
निवेश उत्पाद
एक अग्रणी धातु खनन कंपनी बनने का प्रयास करना और कुल शेयरधारक को अधिकतम करना स्थायी रूप से खोजना, विकास करना, और खनन तांबा अयस्क और इस तरह के अन्य भौगोलिक रूप से जुड़े खनिजों अधिक पढ़ें
संयंत्र और सुविधाएं
सिंहभूम कॉपर बेल्ट में एक प्रोटेरोजोइक ज्वालामुखी-तलछटी चट्टान शामिल है जो सिंहभूम कतरनी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। एससीबी में कॉपर खनिज स्थानीयकृत है .
प्रबंध
कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देश / निर्देश और ज्ञापन और आचार संहिता में निहित प्रावधानों के अधीन .
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