बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

खामियां
बिटकॉइन का दुरुपयोग रोकना मुश्किल, जेटली ने गिनाई ये वजह
सरकार ने मंगलवार को साफ किया है कि आतंकवादी समूह या राष्ट्रविरोधी तत्व अगर बिटकॉइन या किसी दूसरे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे रोका नहीं जा सकता. सरकार का कहना है कि इस मामले में वो विशेषज्ञों की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
राज्यसभा में अरुण जेटली ने क्या कहा?
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा-
क्रिप्टोकरेंसी का एक फीचर ये है कि ये प्रशासन पर निर्भर नहीं होती. इसमें अज्ञात रहकर कारोबार किया जा सकता है. ये वर्चुअल ग्रुप के बीच काम करता है, जिसका प्रोडक्शन बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन और डिस्ट्रिब्यूनशन भी वर्चुअल कम्यूनिटी के भरोसे के आधार पर होता है.
785 तरह की क्रिप्टोकरेंसी चलन में
जेटली ने कहा कि दुनियाभर में 785 तरह की क्रिप्टोकरेंसी चलन में है. जेटली ने ये भी साफ किया कि क्रिप्टो-करेंसीज बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन जैसे बिटकॉयन के इस्तेमाल को लेकर किसी प्रकार की कानूनी सुरक्षा उपलब्ध नहीं बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन है, क्योंकि ये 'वैध मुद्रा' नहीं है.
(इनपुट: IANS)
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भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन, तो 70,000 करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों को लगेगा तगड़ा झटका
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। भारत सरकार ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद भारतीय निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। सरकार की ओर से इस पर घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया। लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया, तो उन लोगों का क्या होगा, जो इसमें भारी-भरकम निवेश कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबकि, देश की लगभग 8% आबाद ने कई तरह की डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है। इन निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये वर्तमान में दुनियाभर में प्रचलित कई तरह की डिजिटल करेंसी में लगाए हुए है। ऐसे में अगर सरकार भारत में क्रिप्टो पर बैन लगाने का फैसला करती है तो बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन दांव 70 हजार करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों के लिए तगड़ा झटका होगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन, तो 70,000 करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों को लगेगा तगड़ा झटका
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। भारत सरकार ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद भारतीय निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। सरकार की ओर से इस पर घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया। लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी। ऐसे में अब बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन सवाल उठ रहा है कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन गया, तो उन लोगों का क्या होगा, जो इसमें भारी-भरकम निवेश कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबकि, देश की लगभग 8% आबाद ने कई तरह की डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है। इन निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये वर्तमान में दुनियाभर में प्रचलित कई तरह की डिजिटल करेंसी में लगाए हुए है। ऐसे में अगर सरकार भारत में क्रिप्टो पर बैन लगाने का फैसला करती है तो दांव 70 हजार करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों के लिए तगड़ा झटका होगा।
एनएफटी कैसे काम करते हैं (How do NFTs work) ?
नॉन-फंजिबल टोकन एनएफटी का उपयोग डिजिटल संपत्ति या सामानों के लिए किया जा सकता है | सभी उपलब्ध एनएफटी के पास एक अद्वितीय डिजिटल हस्ताक्षर है। मुख्य रूप से यह देखा गया है, कि एनएफटी को क्रिप्टोक्यूरेंसी ईथर के साथ या डॉलर में खरीदा जाता है। एक ब्लॉकचेन एनएफटी के लिए हुए लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है। इंटरनेट पर उपलब्ध डिजिटल वस्तुओं जैसे छवियों, वीडियो, संगीत, टेक्स्ट और यहां तक कि ट्वीट्स को एक अनूठी प्रक्रिया के माध्यम से एनएफटी में बदला जा सकता है।
डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कलाकृति और अन्य संपत्तियों को इसके रचनाकारों द्वारा टोकन किया जा सकता है। वह इसे एक अद्वितीय डिजिटल प्रमाणपत्र और स्वामित्व के हस्ताक्षर बनाकर करते हैं, इसलिए एनएफटी बनाते हैं और बाद में वह इसे डिजिटल रूप से बेचते हैं।
उदाहरण के रूप में, यदि आपके पास कोई यूनिक पेंटिंग है और आप इसे बेचना चाहते है, तो इस पेंटिंग के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले को यह पेंटिंग दे दी जाती है और उस पेंटिंग के बदले में ओरिजनल आर्टिस्ट को पैसे मिल जाते है | ठीक इसी प्रकार नॉन फंजिबल टोकन भी का र्य करता है | लेकिन यह बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन डिजिटली रूप में किया जाता है अर्थात इसमें ऑनलाइन बोली लगाई जाती है और आर्ट्स भी डिजिटल गिफ्ट, पेंटिंग, वीडियो को ऑनलाइन NFTs प्लेटफार्म पर बेचा और खरीदा जा सकता है।
एनएफटी में खास क्या है (What is special about बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन NFT) ?
दरअसल जब आप ऑनलाइन एनएफटी में किसी प्रकार की पेंटिंग, जीआईएफ, वीडियो क्लिप्स आदि खरीदते है, तो यह सभी चीजे आपको फिजिकल रूप से नही मिलती है | इनके स्थान पर आपको एक प्रकार का यूनिक टोकन दिया जाता है, जिसे आप एनएफटी टोकन भी कह सकते है | इस टोकन की सहायता से आपको उस वस्तु का मालिक अर्थात डिजिटल ओनरशिप माना जाता है |
इस नॉन फंजिबल टोकन को स्वामित्व (Ownership) का वैध सर्टिफिकेट (Valid certificate) प्राप्त होता है | जिस किसी का कोई भी आईटम इस आर्ट इस कैटगरी में आता है, उन्हें ओनरशिप का सर्टिफिकेट के साथ उस आर्ट से सम्बंधित सभी अधिकार उसके ऑनर के पास चले जाते है।पिछले कुछ समय से ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो आर्ट आदि के लिए इस टोकन का उपयोग किया जा रहा है |
एनएफटी के अंतर्गत खरीद – फरोख्त के लिए ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल किया जाता है | इसमें मुख्य रूप से एथरियम ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जा रही है, जिसमें किसी प्रकार की एंट्री फीड करनें के पश्चात इसे कोई डिलीट नही कर सकता है।
भारत में एनएफटी का भविष्य (The future of NFTs in India)
भारत में एनएफटी का भविष्य क्या होगा अर्थात यह भारत में इसका परिचालन शुरू होनें के बारें में कुछ कहा नही जा सकता है | इसका मुख्य कारण यह है, कि यह बिल्कुल नया कांसेप्ट है | जिस प्रकार यहाँ पहले क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगो के बीच विभिन्न प्रकार की आशंकाये थी ठीक उसी प्रकार एनएफटी को लेकर भी मतभेद बना हुआ है | विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे भारत में आने अभी कुछ समय लग सकता है।
हालांकि कई अर्थशास्त्री लंबे समय में इसका भविष्य नहीं देखते हैं, कई लोग एनएफटी को संपत्तियों और अन्य संपत्तियों के स्वामित्व के भविष्य के रूप में देखते हैं। एनएफटी के उत्साही लोगों के अनुसार, सभी प्रकार की संपत्तियों को उनके स्वामित्व की स्थिति को डिजिटल रूप से चिह्नित किया जाएगा। भारत में एनएफटीको लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज नमक पहली भारतीय कंपनी तैयारी में है, जिसे Duzzle नाम से जाना जा सकता है।
Cryptocurrency की दुनिया में नहीं भरना होता है tax या GST : जानिए कैसे करते हैं इस्तेमाल
नई दिल्ली: सोचिए, अगर ऐसी कोई दुनिया (world) हो जहां आपके सारे पैसों (Rupee)के मालिक सिर्फ आप हो,ना कोई tax देना हो, ना किसी बैंक (Bank) का दखल हो, जिसकी शर्तों पर आपकों अपना पैसा इस्तेमाल करना पड़ता है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) वही दुनिया है, जो आपके और आपकी रकम के बीच बैंकों की भूमिका को खत्म करती है.जिसमें सारा पैसा आपके हाथ में होता है.जिसे आप जैसे चाहे शॉपिंग, ट्रेडिंग ,फूड डिलीवरी में इस्तेमाल कर सकते है वो भी बिना किसी टैक्स (tax) या जीएसटी (GST)का भुगतान करें.
क्या है Cryptocurrency?