शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है

सेंसेक्स क्या है – सेंसेक्स कैसे Calculate करते है पूरी जानकारी (Sensex in Hindi)
शेयर बाजार में म्यूच्यूअल फंड्स , इक्विटी मार्किट, कमोडिटी मार्किट निफ्टी के जैसे ही सेंसेक्स का बहुत नाम है.
सेंसेक्स का नाम शेयर मार्किट में इसलिए सबसे ज्यादा है क्योंकी यह शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है स्टॉक मार्किट का एक इंडेक्स है जो की आपको बाजार के उतर चढाव के बारे में बताता है. सेंसेक्स निफ्ट्री से पुराना है और यह निफ्टी से अलग भी है.
लेकिन यह भी मार्किट का एक इंडिकेटर है जो की आपको मार्किट में हो रहे बद्लाबों को बताता है और आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देता है .
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What is Sensex Full Form
Sensex Full Form is : “Sensitive Index” यह Sensex का Full form है, Sensitive Index को शेयर मार्किट में शॉर्ट में Sensex कहते है.
Sensex Full Form in Hindi
Sensex Full Form in Hindi : “संवेदनशील सूचकांक” यह Sensex का Hindi Full Form है, संवेदनशील सूचकांक को शॉर्ट में सेंसेक्स कहते है.
Sensex Meaning in Hindi
Sensex Meaning in Hindi : इसका मतलब हिंदी में कुछ नहीं होता क्योंकी इसे English के दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है sensex को “sensitive” और “index” इन दोनों शब्दों को मिलाकर बनाया गया है. इस लिए हम हिंदी में भी सेंसेक्स ही कहेंगे.
लेकिन सेंसेक्स शब्द का मतलब संवेदनशील सूचकांक होगा .
Sensex Meaning in Gujarati
चुकी sensex शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है और इस शब्द का अपना कोई अर्थ नहीं है तो इसलिए इसे हम गुजराती में भी “सेंसेक्स” ही कहेंगे लेकिन गुजरात में इसके दोनों शब्दों को हम “સુગ્રાહી સૂચકાંક” कहेंगे .
Sensex Meaing In Bengali
सेंसेक्स दो शब्दों से मिलके बना एक शब्द है जिसका कोई अर्थ नहीं है और इसी कारण से हम इसे बंगाली में भी Sensex ही कहते है.
लेकिन जिन दो शब्दों से मिलकर सेंसेक्स बनान है उन्हें हम बंगाली में “সংবেদনশীল সূচক” कहते है.
Sensex Kya Hota Hai
सेंसेक्स क्या होता है :- सेंसेक्स “Stock Exchange” का सूचकांक “index” होता है, सेंसेक्स BSE (Bombay Stock Exchange) का सूचकांक है.
Sensex Kya Hai in Hindi
What is Sensex in Hindi
सेंसेक्स मुंबई की स्टॉक एक्सचेंज BSE (Bombay Stock Exchange) का एक सूचकांक है यानि index है .
सेंसेक्स BSE स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले उतर चढाव को बताता है. सेंसेक्स में BSE की Top 30 company को index किया जाता है जो की 13 अलग अलग सेक्टर से चुनी जाती है .
यह top 30 company अपने अपने सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी होती है जिनकी मार्किट में वैल्यू बहुत होती है. सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE ने सेंसेक्स के बाद ही निफ्टी को बनाया .
BSE के सूचकांक को 1986 में बनाया गया था और इसको “sensitive index” कहा गया जिसको छोटा करके इसका नाम sensex रखा गया .
सेंसेक्स क्या है?
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक इंडेक्स है जिसके अन्दर केवल Top 30 company लिस्ट होती है इसलिए इसे “BSE 30” भी कहा जाता है.
BSE 30 और sensex यह दोनों ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स के नाम है . अगर आप BSE में होने वाले उतर चढव को देखना चाहते है तो आप सेंसेक्स देख कर समझ सकते है .
Sensex Kaise Banta Hai?
सेंसेक्स को स्टॉक एक्सचेंज की कमिटी बनती है जिसमे BSE के 13 अलग अलग सेक्टर से top 30 company को चुना जाता है.
यह top 30 इनके share के लेन देन के आधार पर चुनी जाती है, जिसमे यह देखा जाता है की एक वर्ष में इन कंपनी के शेयर को कितना ख़रीदा व् बेचा गया.
BSE की स्टॉक एक्सचेंज में हजारों कंपनी लिस्टेड है तो सेंसेक्स को चुनने की यह प्रिक्रिया इसी प्रकार चलती रहती है और कई बार सेंसेक्स से कंपनी को निकला और जोड़ा जाता है. सेंसेक्स आपको BSE स्टॉक एक्सचेंज में हो रहे फायदे और नुकसान का एक प्रारूप देती है.
सेंसेक्स के अन्दर भारत की टॉप तीस कंपनी आती है जो की हमे भारतीय बाजार में हो रही मंदी का उछाल का संकेत देती है .
Sensex Kaise Girta aur Badhta Hai?
सेंसेक्स के अन्दर भारत की top 30 कंपनी को लिस्ट किया जाता है और उनकी मदद से ही सेंसेक्स बनता है .
सेंसेक्स का गिरना और बढ़ना यह दोनों इन 30 प्रमुख कंपनियों पर निर्भर करता है. सेंसेक्स के गिरने और बढ़ने की गिनती सेंसेक्स की 30 प्रमुख कंपनी के शेयर की कीमत गिरने और बढ़ने पर होती है.
सेंसेक्स के गिरने और बढ़ने का अनुमान इन 30 कंपनी के शेयर की कीमत के गिरने और बढ़ने से लगाया जाता है जिसमे सभी कंपनी के शेयर की price को उनकी स्टार्ट प्राइस से तुलना करके देखा जाता है. अगर कंपनी के शेयर की प्राइस घटी है तो कहा जाता है की सेंसेक्स में गिरावट आ गई .
अगर कंपनी के शेयर की प्राइस बढ़ी है तो कहा जाता है की सेंसेक्स में उछाल आया है. इस तरह सेंसेक्स की गिरावट और उछाल का अनुमान लगाया जाता है .
Sensex Kaise Kaam Karta Hai?
सेंसेक्स का काम होता है की BSE (Bombay Stock Exchange) के अन्दर 13 अलग अलग सेक्टर की प्रमुख 30 कंपनी की लिस्ट बनाना .
इस लिस्ट में प्रमुख 30 कंपनी के शेयर की प्राइस का आंकलन किया जाता है की किसकी प्राइस घटी और किसकी प्राइस बढ़ी.
सेंसेक्स की इस 30 प्रमुख कंपनी की लिस्ट में कंपनी जोड़ी और अलग की जाती रहती है क्योंकी इस लिस्ट में सिर्फ प्रमुख 30 कंपनी को शामिल किया जाता है .
जिसमे देखा जाता है की 1 वर्ष में किसी कंपनी के शेयर को कितना बेचा व् कितना खरीदा गया. इसी के आधार पर 30 प्रमुख कंपनी को शामिल किया जाता है और फिर उनके शेयर की प्राइस की गिनती करके यह तय किया जाता है की सेंसेक्स बढ़ा या घटा .
Sensex Kaise Calculate Hota Hai?
सेंसेक्स का कैलकुलेशन हमेशा उसकी प्रमुख 30 कंपनी के ऊपर निभर करता है. यहाँ सेंसेक्स की कैलकुलेशन उनकी कंपनी की ओपनिंग प्राइस से उसकी क्लोसेंग प्राइस को देख कर सेंसेक्स की कैलकुलेशन की जाती है.
सेंसेक्स आपको BSE की पूरी एक्सचेंज में हो रहे उतर चड़ाव एवं स्टॉक एक्सचेंज में हो रहे बदलाब को दर्शा देती है .
Sensex Ke Fayde
सेंसेक्स के सबसे बड़ा फायदा यह है की इसमें देश की प्रमुख 30 कंपनी शामिल होती है. तो अगर सेंसेक्स में बढोती दिखाई देती है तो भारतीय शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है कंपनी का भी विकाश होता है .
इससे देश विदेश के लोग उस कंपनी में निवेश करते है और इससे कंपनी अपने आप को और बढाती है.
जिससे नौकरी और रोजगार में भी बढ़ोतरी होती है एवं कंपनी का उत्पादन बढ़ता है. जब भारत की कंपनी में विदेश का निवेश बढ़ता है तो चोजों की कीमत काम होती है क्योंकी निवेश से रूपये विदेशी मुद्रा से मजबूत होता है .
सेंसेक्स में सिर्फ 30 कंपनी होती है तो इसका आकलन बहुत ही आसन होता है निफ्टी के मुकाबले में .
Difference Between Sensex and Nifty in Hindi
- सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई लेकिन निफ्टी की शुरआत 1994 में हुई
- सेसेक्स BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) का सूचकांक है लेकिन निफ्टी NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) का सूचकांक है .
- निफ्टी में 50 प्रमुख कम्पनी लिस्ट होती है लेकिन सेंसेक्स में सिर्फ 30 प्रमुख कंपनी को लिस्ट किया जाता है
- सेंसेक्स का बसे वैल्यू 100 है
- निफ्टी का बसे वैल्यू 1000 है .
सेंसेक्स की यह मत्पूर्ण जानकारी आपको अच्छी लगी तो अपने मित्रों के साथ शेयर करे .
सेंसेक्स क्या है और सेंसेक्स से जुड़ी सभी जानकारी हिंदी में, BSE सेंसेक्स किसे कहते हैं ?
दोस्तों आज के जमाने में शेयर बाजार के बारे में कौन नहीं जानता है अधिकतर लोग इससे जुड़े हुए हैं सेंसेक्स भी शेयर बाजार का ही एक हिस्सा है यह एक प्रकार का सूचकांक है जो बाजार को निर्देश करता है बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स इसी का हिस्सा है आज हम इन दोनों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं की सेंसेक्स क्या होता है और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की इसमें क्या भूमिका है यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। हमारे देश की शेयर मार्केट में सेंसेक्स की सबसे बड़ी भूमिका रही है इसके अंतर्गत ही सारी कंपनियां काम करती हैं निफटी भी उनमें से एक है और बीएसई तो इसका हिस्सा है ही।
Table of Contents
Sensex क्या है?
सेंसेक्स का मतलब स्टॉक एक्सचेंज सेंसेटिव इंडेक्स है यह तरह का इंडेक्स होता है इस इंडेक्स की शुरुआत सन 1986 में हुई थी यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है सेंसेक्स में लगभग 6 हजार कंपनियां है जिस के उतार-चढ़ाव को सेंसेक्स ही दिखाता है यह मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है। निफ़्टी को छोड़कर सारी कंपनियां सेंसेक्स के अंतर्गत ही आती हैं। देश की अर्थव्यवस्था सेंसेक्स पर निर्भर करती है इसलिए अगर Sensex में उछाल आता है तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और अगर नीचे आने लगता है तो देश की अर्थव्यवस्था नीचे आती है और जीटीपी की दर नीचे गिरती है शेयर बाजार के सारी व्यवस्था सेंसेक्स कहीं अंतर्गत आती है।
BSE क्या है
बीएससी का मतलब मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है यह Sensex के अंतर्गत कार्य करती है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत 30 कंपनियां आती है जो देश के अलग-अलग सेक्टरों से ली जाती हैं यह कंपनियां आर्थिक रूप से बहुत सशक्त होती हैं सेंसेक्स मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अंदर आने वाली 30 कंपनियों पर नजर रखता है कि उनके शयरों में उतार-चढ़ाव किस तरीके से हो रहा है। भारत की जीडीपी टोटल जीडीपी की 40 परसेंट ज़ीडीपी पर निर्भर करती है।
सेंसेक्स से क्या लाभ हैं ?
- दोस्तो आप सब लोगों को तो मालूम ही होगा किर अगर सेनसेक्स बढ़ता है तो कंपनियों को फायदा होता है और निदेशकों को भी फायदा होता है
- इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचता है और ज्यादा लोग कंपनियों के शेयर खरीदते हैं जिसकी वजह से शेयर महंगा हो जाता है
- जब कोई कंपनी अच्छा परफॉर्मेंस देती है तो उसका शेयर की कीमत बढ़ जाती है दूसरे कंपनी आर्थिक रूप से सशक्त हो जाती है और जब कंपनियों शेयरों की कीमत में उछाल आता है तो सेंसेक्स भी ऊपर चढ़ जाता है
- इसकी वजह से विदेशी निवेशक भी निवेशकरने लगते हैं जिससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और रुपया की कीमत बढ़ जाती है
- सेंसेक्स ऊपर जाने से निवेशकों को भी फायदा पहुंचता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचता है।
Sensex के काम करने का तरीका
- Sensex के अंतर्गत आने वाली सभी कंपनियों के भाव पर सेंसेक्स कड़ी नजर रखता है और निवेशकों के लिए शेयरों के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। यह शेयरों की एवरेज वैल्यू को दिखाता है जिससे शयरों के उतार-चढ़ाव का पता चलता है।
- बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मैं जो कंपनियां कार्य करती हैं वह किस तरह से काम कर रही हैं जो कंपनी अच्छा काम करती हैं और ज्यादा मुनाफा कमाती हैं तो उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है और कंपनी अगर अच्छा परफॉर्मेंस नहीं करती यानी कि घाटे में जाती है तो उसके शेयर सस्ते हो जाते हैं और शेयर मार्केट का भाव भी कम हो जाता है।
सेंसेक्स कैलकुलेट कैसे होता है
Sensex की गणना के लिए आधार वर्ष सन 1978 माना गया है उस वक्त सेंसेक्स का आधार मूल्य केवल ₹100 का माना गया था बीएसई को सन 1986 में शुरू किया गया वही उसका आधार वर्ष माना गया था मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में 30 कंपनियां है उन कंपनियों को सन 2003 के बाद से फ्री फ्लोट मेथड के जरिए कैलकुलेट करा जाने लगा था। फ्री फ्लोट मेथड एक बहुत ही बढ़िया तरीका है कंपनियों की गणना के लिए इसके जरिए कंपनी के जो शेयर पब्लिक में बेचे जाते हैं और सरकार की हिस्सेदारी को निकाल कर जो शेयर बचते हैं वह पब्लिक में बेच दिए जाते हैं कोई भी कंपनी फिफ्टी वन परसेंट से ज्यादा शेयर अपने पास शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है रखती है।
वाकी बचे हुए शेयर निवेशकों के लिए होते हैं। जो वह शेयर बाजार से खरीद और बेच सकते हैं। बहुत से निवेशक ऐसे होते हैं जो सुबह को शेयर खरीदते हैं और शाम को बेच देते हैं इसे डे ट्रेडिंग कहते हैं लेकिन बहुत से निवेशक अपने शेयर और लंबे समय के लिए खरीदते हैं और यही सबसे ज्यादा अच्छा तरीका है इससे निवेशकों को नुकसान नहीं होता।
Tata Steel, Titan और बैंकिंग शेयर लुढ़के, बंद होते-होते फिर गिरा बाजार
इससे पहले लगातार दो दिन बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. सप्ताह के पहले दिन सोमवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 953.70 अंक (1.64 फीसदी) की गिरावट के साथ 57,145.22 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी 311.05 अंक (1.80 फीसदी) गिरकर 17,016.30 अंक पर रहा था. सोमवार को बाजार लगातार चौथे दिन गिरावट का शिकार हुआ था.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 27 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 27 सितंबर 2022, 4:00 PM IST)
Stock Market Today: विदेशी बाजारों के निगेटिव ट्रेंड के दबाव में घरेलू बाजार में भी लगातार गिरावट जारी है. पिछले चार दिनों में सेंसेक्स में 3000 अंकों से ज्यादा की गिरावट के बाद मंगलवार घरेलू बाजार ने भले ही रिकवरी के संकेत दिया, लेकिन बढ़त को संभाल नहीं पाया. बाजार को लो लेवल पर हुई खरीदारी से कुछ सपोर्ट जरूरी मिला. हालांकि इसके बाद भी बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) लगातार पांचवें दिन गिरावट का शिकार हो गए.
प्री-ओपन सेशन में इतनी रिकवरी
घरेलू बाजार आज प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) में रिकवरी करने में सफल रहा. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स करीब 230 अंक की बढ़त के साथ 57,375 अंक के पास कारोबार कर रहा था. एनएसई निफ्टी करीब 95 अंक मजबूत होकर 17,110 अंक के पार कारोबार कर रहा था. वहीं, सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) का फ्यूचर कांट्रैक्ट सुबह के नौ बजे 33 अंक की तेजी के साथ 17,054 अंक पर कारोबार कर रहा था. इससे संकेत मिल रहा था कि घरेलू बाजार आज कारोबार की ठीक शुरुआत कर सकता है. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स करीब 430 अंक की तेजी के साथ 57,575 अंक के पास कारोबार कर रहा था था. वहीं निफ्टी 130 अंक से ज्यादा मजबूत होकर 17,150 अंक के पास पहुंच चुका था.
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पांचवें दिन भी नुकसान में रहा बाजार
हालांकि दिन के कारोबार में बाजार ने सारी रिकवरी खो दी. बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स की कंपनियों की बात करें तो आज 30 में से 18 के शेयर मजबूती में रहे, लेकिन ब्रॉडर इंडेक्स को संभालने में सफल नहीं हो पाए. टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 2.25 फीसदी की गिरावट आई. टाइटन, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और टेक महिंद्रा के शेयरों में 1-1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 37.70 अंक (0.07 फीसदी) की हल्की गिरावट के बाद 57,107.52 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 8.90 अंक (0.052 फीसदी) फिसलकर 17,007.40 अंक पर रहा.
सोमवार को भी बिखरा था बाजार
इससे पहले लगातार दो दिन बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. सप्ताह के पहले दिन सोमवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 953.70 अंक (1.64 फीसदी) की गिरावट के साथ 57,145.22 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी 311.05 अंक (1.80 फीसदी) गिरकर 17,016.30 अंक पर रहा था. सोमवार को बाजार लगातार चौथे दिन गिरावट का शिकार हुआ था. इससे पहले पिछले सप्ताह के आखिरी दिन 23 सितंबर को भी बाजार में बड़ी गिरावट आई थी. शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 1,020.80 अंक (1.73 फीसदी) गिरकर 58,098.92 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 302.45 अंक (1.72 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,327.35 अंक पर रहा था. बाजार पिछले सप्ताह बुधवार से हर सेशन में गिरावट का शिकार हो रहा है. पिछले सप्ताह सेंसेक्स करीब 750 अंक के नुकसान में रहा था.
ग्लोबल मार्केट में गिरावट हावी
घरेलू बाजार भले ही रिकवरी की राह पर लौटता दिख रहा हो, लेकिन सोमवार को भी अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. सोमवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Indutrial Average) 1.11 फीसदी कमजोर होकर 29,260.81 अंक पर बंद हुआ था. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) 0.60 फीसदी गिरकर 10,802.92 अंक पर रहा था. एसएंडपी500 (S&P 500) सूचकांक में 1.03 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. आज मंगलवार को एशियाई बाजार में मिला-जुला रुख है. जापान का निक्की (Nikkei) 0.83 फीसदी की तेजी में है, जबकि हांगकांग के हैंगसेंग (Hangseng) में 1.11 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. वहीं चीन के शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) में 0.13 फीसदी की तेजी देखी जा रही है.
सेंसेक्स क्या है? What Is Sensex Meaning In Hindi
सेंसेक्स क्या है (Sensex Kya Hai): सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड 30 सबसे क्वालिटी कंपनियों का समूह है Sensex का Full Form Sensitive Index है इसे S&P BSE SENSEX भी कहते है। सेंसेक्स BSE का प्रमुख Indices (सूचकांक) है Sensex की स्थिति देखकर BSE पर लिस्टेड सभी शेयर्स की दिशा निर्धारित की जा सकती है।
BSE पर 5000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है ऐसे में रोज़ सभी कंपनियों का एनालिसिस नहीं किया जा सकता है, इसलिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड 30 सबसे बड़ी कंपनियों को मिलाकर कंपनियों का एक ग्रुप बनाया जाता है और ये 30 कंपनिया अलग – अलग सेक्टर का प्रतिनिधित्व करती है। इन 30 कंपनियों की चाल पर ही BSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों की चाल निर्भर करती है।
अगर Sensex दिन के अंत में हरे निशान पर बंद होता है तो यह मान लिया जाता है की BSE की सभी कंपनिया मार्किट को लेकर पॉजिटिव है और अगर Sensex लाल निशान पर बंद होता है तो यह मान लिया जाता है की BSE की सभी कम्पनिया मार्किट को लेकर नेगेटिव है। सिर्फ सेंसेक्स को देखकर यह बताया जा सकता है की मार्किट ऊपर है या नीचे है।
सेंसेक्स BSE का प्रमुख सूचकांक है
सेंसेक्स BSE (Bombay Stock Exchange) का सवेंदी सूचकांक है। सेंसेक्स की शुरुआत 1978 में हुई थी। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978 – 1979 है और आधार अंक 100 है। आसान भाषा में 1979 में सेंसेक्स की वैल्यू 100 थी जो की आज बढ़कर 35000 हो चुकी है। अगर किसी ने 1979 में 100 रुपये सेंसेक्स में निवेश किये होते तो आज वह बढ़कर 35000 रुपये से भी ज्यादा हो गये होते।
किसी भी स्टॉक एक्सचेंज पर हज़ारो कंपनिया लिस्ट होती है और कोई भी व्यक्ति या संस्था रोजाना हज़ारों कंपनियों को ट्रैक नहीं कर सकता है इसलिए उन हज़ारो कंपनियों को छोटे-छोटे ग्रुप में बाँट दिया जाता है इन कंपनियों को जिन्हें छोटे-छोटे ग्रुप्स में बांटा जाता है इन्हीं को ही Indices या Index कहते है।
Indices के कुछ Example इस प्रकार है जैसे Sensex में BSE की 30 सबसे क्वालिटी कंपनी का ग्रुप होता है। ठीक वैसे ही S&P BSE – 100 में 100 सबसे शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है क्वालिटी कंपनी, S&P BSE 500 में 500 सबसे क्वालिटी कंपनी है। BSE के अंदर लगभग 5000 कंपनिया लिस्टेड है और इन सभी कंपनियों को 50 से भी ज्यादा Indices या Stock Market Index में बांटा गया है।(सेंसेक्स क्या है? What Is Sensex Meaning In Hindi)
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सेंसेक्स कैसे बनता है
Sensex 30 के लिए भी स्टॉक का चयन एक कमेटी करती है और ये कमेटी BSE बनाती है। सेंसेक्स के सभी 30 स्टॉक हमेशा फिक्स नहीं होते है बल्कि समय – समय पर बदलते रहते है। अगर किसी कंपनी के फंडामेंटल कमजोर हो जाते है तो उसे सेंसेक्स से बाहर कर दिया जाता है। और उसकी जगह पर कोई दूसरी क्वालिटी कंपनी को सेंसेक्स में शामिल कर लिया जाता है। सेंसेक्स में शामिल करने के लिए कंपनी का भारत में रजिस्टर्ड और BSE पर Actively Traded होना चाहिए। कंपनी का Past Track Record अच्छा होना चाहिए। कंपनी में High Liquidity होनी चाहिए।(सेंसेक्स क्या होता है What Is Sensex In Hindi)
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सेंसेक्स के फायदे
स्टॉक मार्किट बहुत ही वोलेटाइल है सेंसेक्स के माध्यम से BSE पर लिस्टेड सभी शेयर की परफॉरमेंस के बारे में एक नजर में पता चल जाता हैं।
सेंसेक्स के जरिये देश की अर्थव्यस्था और शेयर बाजार में होने वाली तेजी और मंदी की सुचना आसानी से मिल जाती है जिससे बाजार में नया निवेश कब करना है और पुराना निवेश कब निकालना है उसके बारे निर्णय लिया जा सकता है।
सेंसेक्स के लगातार बढ़ते रहने से देश की अर्थव्यस्था मजबूत होती है। जिससे विदेशी निवेशक भी भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते है। और कंपनिया शेयर बाजार से ज्यादा पूंजी इक्कठी कर सकती है और उस पूंजी से अपने व्यापार को बढ़ा सकती है।(सेंसेक्स क्या है – Sensex Kya Hota Hai)
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सेंसेक्स और निफ़्टी में अंतर
भारत में NSE और BSE दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है। स्टॉक एक्सचेंज वह जगह होती है जहाँ पर सभी कंपनिया लिस्टेड होती है, जो Buyer और Seller को मिलवाते है जिससे की वह शेयर को आपस में खरीद बेच सकें।
NSE और BSE दोनों के अपने अलग – अलग Indices (सूचकांक) है। निफ़्टी NSE का प्रमुख सूचकांक है और सेंसेक्स BSE का प्रमुख सूचकांक है। जो काम सेंसेक्स BSE के लिये करता है वही काम निफ़्टी NSE के लिये करता है, और दोनों के लिये Stocks चुनने के प्रक्रिया भी लगभग समान है। सेंसेक्स BSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों की प्राइस मूवमेंट के बारे में बताता है और वही निफ़्टी NSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों की प्राइस मूवमेंट को बताता है।
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आपको मेरा ये आर्टिकल सेंसेक्स क्या है? What Is Sensex Meaning In Hindi कैसा लगा जरूर कमेंट करके बताये। आपके मन मे कोई भी सवाल है तो वो भी कमेंट शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है के जरिये बताये।
इंडेक्स, निफ्टी और सेंसेक्स क्या हैं | सेंसेक्स की गणना कैसे होती है |
शेयर बाजार की बात हो रही हो तो इंडेक्स, निफ्टी एवं सेंसेक्स इत्यादि की बात होना स्वभाविक है | शेयर मार्केट से कमाई की चाहत रखने वाले व्यक्ति को इनकी जानकारी होना आवश्यक है इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से सेंसेक्स, निफ्टी और इंडेक्स इत्यादि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे | तो आइये इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सबसे पहले जानते हैं की इंडेक्स क्या होता है |
इंडेक्स क्या है (What is Index in Hindi)
इंडेक्स’ बाजार की स्थिति को दरशाने वाला पैमाना होता है तथा यह बाजार के रुझान को दरशाता है । किसी भी इंडेक्स में वे स्टॉक शामिल रहते हैं, जिनकी लिक्विडिटी भरपूर हो, तथा जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन बड़ा हो । इंडेक्स की गणना में इन स्टॉक को इनके बाजार में पूँजीकरण की शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है तुलना के अनुसार महत्त्व दिया जाता है । इन इंडेक्स की डेरिवेटिव मार्केट में भी ट्रेडिंग होती है । भारत में सिक्युरिटीज की ट्रेडिंग के लिए दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स यानिकी सूचकांक सेंसेक्स (SENSEX) तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स निफ्टी (NIFTY) है । कहने का आशय यह है की इस विषय पर वार्तालाप करने के दौरान कहा जा सकता है की इंडेक्स को हिंदी में सूचकांक भी कहा जाता है, जो बाजार की स्थिति एवं रुझान को दर्शाता है |
निफ्टी क्या है (What is nifty in Hindi) :
हम इंडेक्स के बारे में बता चुके हैं जहाँ तक NIFTY का सवाल है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सर्वप्रथम जारी किया गया इंडेक्स है । निफ्टी का गठन सेंसेक्स के गठन से कुछ भिन्न है ।
सेंसेक्स के गठन में जहाँ स्टॉक्स के फ्लोटिंग कैपिटलाइजेशन का उपयोग किया जाता है, वहीं निफ्टी के गठन में इसके 50 स्टॉक के पूरे कैपिटलाइजेशन का प्रयोग होता है । भारत के कुछ अन्य प्रमुख इंडेक्स की बात करें तो उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |
भारत के कुछ प्रमुख इंडेक्स (Major index of India) :
- BSE Small Cap Index
- BSE Midcap Index
- N. X. Nifty Junior
- CNX Midcap
- CNXIT
- Bank Nifty
- Nifty Mini Futures
विश्व के कुछ प्रमुख इंडेक्स (Some Major Index of World)
इंडेक्स नाम | देश का नाम |
dow jones industrial | America |
s and p 500 index | America |
nasdaq composite | America |
ftse 100 index | Britain |
cac 40 index | France |
dax index | Germany |
nikkei 225 index | Japan |
hang seng index | Hong Kong |
kospi index | South Korea |
straits times index | Singapore |
सेंसेक्स क्या है (What is SENSEX in Hindi)
हमने Index एवं निफ्टी के बारे में जान लिया है | Sensex के बारे में बात करें तो दरअसल स्टॉक एक्सचेंज में जिन कंपनियों का कारोबार हो रहा है, उनकी सामान्य स्थिति को दरशाने के लिए एक औसत शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है निकाला जाता है, जिसे Sensitive Index कहते हैं ।
Sensex शब्द का प्रयोग सन् 1990 में दीपक मोहोनी नामक पत्रकार ने शुरू किया था, जो अब प्रचलित हो गया है । सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बी.एस.ई.) में सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी और सबसे अधिक खरीदी-बेची जानेवाली कंपनियों का एक इंडेक्स है । यह सूचकांक सन् 1986 में अस्तित्व में आया था । सेंसेक्स का पूरा नाम ‘सेंसिटिव इंडेक्स’ है ।
इस इंडेक्स में शामिल कंपनियाँ अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों को प्रभावित करती हैं । बी.एस.ई. के कुल बाजार पूँजीकरण का पाँचवें से भी ज्यादा हिस्सा इन कंपनियों का ही है । सेंसेक्स भारतीय शेयर बाजार का सबसे लोकप्रिय व सटीक बैरोमीटर माना जाता है ।
सेंसेक्स में उतार चढ़ाव के कारण (Reasons for up-down in Sensex):
हालांकि अब तक हम इंडेक्स, निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में समझ चुके हैं लेकिन अब सवाल यह उठता है की सेंसेक्स में उतार चढ़ाव क्यों आते हैं? यदि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है तो इंडेक्स या सेंसेक्स ऊपर उठता है, यानी शेयरों का भाव उछलता है और यदि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है तो सेंसेक्स नीचे गिरता है, अर्थात् शेयरों के गिरते भाव की तरफ इशारा करता है ।
लेकिन अब ग्लोबल हो चुके शेयर बाजार में जहाँ खरबों रुपए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफ.आई.आई.) का लगा है, ऐसे में ग्लोबल कारकों का भी शेयर बाजार पर काफी प्रभाव पड़ता है । हमने बहुत बार ऐसा पाया है कि इंडिया की ग्रोथ स्टोरी बुलिश है, फंडामेंटल मजबूत है, कंपनियों के नतीजे अच्छे हैं, बावजूद इसके सेंसेक्स इसलिए नीचे गिर गया, क्योंकि ग्लोबल कारक नकारात्मक थे ।
हालाँकि अब भी हमारा इंडेक्स अर्थव्यवस्था की मजबूती का आईना है, जिसे कभी-कभी अमेरिका का सब-प्राइम संकट, एशियाई बाजारों की मंदी तो कभी स्थानीय सेंटीमेंट्स धुएँ की एक परत के रूप में आकर आईने को कुछ देर के लिए धुंधला जरूर कर देते हैं, लेकिन लम्बी अवधि में धुएँ के ये बादल छंट जाते हैं और दुबारा हमें हमारी बुलिश इकोनॉमी की तसवीर दिखाई पड़ने लगती है । कई बार ऐसा भी होता है कि वास्तविक अर्थव्यवस्था घोर मंदी का शिकार होती है, तो भी शेयर बाजार कुलाँचे भरता दिखाई देता है ।
इसका कारण यह है कि अब शेयर बाजार में कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य का उनकी वास्तविक संपत्ति के मूल्य से सीधा संबंध नहीं लगाया जा सकता । इसका वास्तविक कारण कारोबार में कमी होना और सट्टेबाजी से पैसों को इधर-उधर करना है । हालाँकि डी-मैट प्रणाली व सेबी के कसते रवैए से अब इसमें बहुत गिरावट आई है ।
सेंसेक्स की गणना (Sensex Calculation) :
सेंसेक्स की गणना की बात करें तो इसका आधार वर्ष 1978-79 माना जाता रहा है, कहा यह जाता है की 1 अप्रैल, 1979 से सेंसेक्स की गणना 100 से शुरू की गई थी | अब चूँकि Index Nifty Sensex में हम सब विषयों पर लगभग वार्तालाप कर चुके हैं इसलिए अब यह समझने की कोशिश करते की सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है |
माना यह जाता है की Sensex की गणना करने के लिए ‘free float market capitalization यानिकी बाजार पूँजीकरण विधि का प्रयोग किया जाता है । सेंसेक्स की गणना में सेंसेक्स में केवल 30 कम्पनियों को शामिल किया जाता है कहने का आशय यह है की इस विधि में सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों का ‘free float market capitalization’ निकाला जाता है ।
इसके बाद इन सभी कंपनियों के मार्केट कैप को जोड़कर कुल गणना की जाती है । फिर इसकी गणना सेंसेक्स के आधार वर्ष के सापेक्ष की जाती है । इस आधार पर जो भी परिणाम आता है, वह सेंसेक्स का अंक है ।
उदाहरणार्थ: माना 50 करोड़ के लिए सेंसेक्स का अंक 2 था तो 100 करोड़ के लिए यह 4 पर निर्धारित होगा और 200 करोड़ के लिए यह 8 अंक पर निर्धारित होगा । ध्यान रहे Sensex की गणना में मार्केट कैप में बदलाव शेयरों में वृद्धि या फिर शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी या कमी के चलते हो सकता है । जहाँ तक Sensex में शामिल की जाने वाली 30 कंपनियों का सवाल है इन कंपनियों का चयन एक इंडेक्स समिति’ द्वारा किया जाता है |
और Sensex में शामिल होने वाली कंपनियों को निर्धारित नियमों का पालन करना पड़ता है । इन नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि कंपनी Bombay Stock Exchange की पहली सौ मार्केट कैपवाली कंपनियों में से एक होनी चाहिए, और उसका टोटल मार्केट कैप Bombay Stock Exchange के कुल मार्केट कैप का 0.5 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए ।
चूँकि हम अब तक इस लेख में Index nifty Sensex के बारे में उपयुक्त जानकारी दे चुके हैं इसलिए आशा करते हैं की शेयर मार्केट से कमाई करने की चाह रखने वाले लोग इस प्रकार की जानकारी से लाभान्वित होंगे |
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।