विदेशी मुद्रा विश्वकोश

प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन

प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन
अब सच हो रहे ग्लोबल स्टडीज के सपने

भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग में ऑडिट सप्ताह समारोह 20 नवंबर 2022

शिमला, 20 नवंबर, 2022 । ऑडिट दिवस भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग, जिसके अध्यक्ष भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक हैं, के द्वारा प्रत्येक वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है। भारत के प्रथम महालेखापरीक्षक की 16 नवंबर 1860 की नियुक्ति की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है।द्वितीय ऑडिट दिवस 16 नवंबर 2022 को भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की गरिमामयी उपस्थिति में भारत के नियंत्रक – महालेखापरीक्षक के कार्यालय, नई दिल्ली में मनाया गया। इसी क्रम में भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग, हिमाचल प्रदेश के तीनों कार्यालयों; राष्ट्रीय लेखापरीक्षा एवं लेखा अकादमी, प्रधान महालेखाकार, हिमाचल प्रदेश (लेखापरीक्षा) एवं प्रधान
महालेखाकार, हिमाचल प्रदेश (लेखा एवं हकदारी) शिमला में 21 नवंबर से 27 नवंबर 2022 तक ऑडिट सप्ताह मनाया जा रहा है।

इस ऑडिट सप्ताह 2022 में विभिन्न कार्यक्रम जैसे राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ परिचर्चा, रक्तदान शिविर, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा अभिव्यक्ति एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। ये तीनों कार्यालय अपने अधिदेशानुसार कार्य करते हैं- राष्ट्रीय लेखापरीक्षा एवं लेखा अकादमी, शिमला: शिमला के चौड़ा मैदान में स्थित राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी जिसे नगरवासी यारोज़ के नाम से भी जानते हैं, भारत के नियंत्रक एंव महालेखापरीक्षक के तत्वावधान में एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। अकादमी संघ लोक सेवा आयोग )यूपीएससी(द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से हर साल भर्ती हुए आई.ए,ए.एस प्रशिक्षु अधिकारियों ) परिवीक्षाधीन (के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है।

लगभग दो वर्ष के गहन व्यावसायिक प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत के नियंत्रक एंव महालेखापरीक्षक के वैधानिक जनादेश की पूर्ति हेतु प्रत्येक राज्य में स्थापित महालेखाकार)लेखापरीक्षा ( और महालेखाकार)लेखा व हकदारी( कार्यालयों में तैनात किया जाता है। इसके अतिरिक्त अकादमी प्रति वर्ष सेवाकालीन आई.ए.ए.एस अधिकारियों तथा भारत सरकार के अन्य विभागों के सेवाकालीन अधिकारियों व अन्य केन्द्रीय प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन सिविल सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है।

वर्तमान में अकादमी द्वारा प्रशिक्षित लगभग 565 अधिकारी देश-विदेश में स्थित भारत के नियंत्रक एंव महालेखापरीक्षा के कार्यालयों में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं। अकादमी Public accounts and audit के प्रशिक्षण प्रणाली में नवीनता एंव उत्कृष्टता के लिए विश्व स्तर पर जानी जाती है। अकादमी इस लक्ष्य के साथ अपने कार्य करती है कि भावी अधिकारियों का व्यक्तिगत विकास हो तथा वे नैतिक तथा व्यावसायिक स्तर में सर्वोच्च वृद्धि कर सके। पूर्णतः संरचित) well-structured ) तथा समग्र प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के माध्यम से ऐसे निपुण अधिकारियों को तैयार किया जाता है जो सार्वजनिक प्रशासन, लेखापरीक्षा, लेखा तथा सुशासन के क्षेत्र में वर्तमान समय के अनुसार बेहतरीन तरीके से कार्य कर सकें। अकादमी प्रशिक्षु अधिकारी में सेवा के लिए गर्व की भावना को आत्मसात करने मे सफल भूमिका निभाती आई है।

भारत के नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक द्वारा देश की राजनैतिक व्यवस्था में निभाई जाने वाली जीवंत भूमिका की जड़ें इसी अकादमी की भूमि में विस्तृत हैं। लेखा परीक्षा /लेखा प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाने के दृष्टिकोण से लेखा परीक्षा, लेखा तथा सुशासन के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहन देना तथा इसे कार्यान्वित करना भी अकादमी का लक्ष्य रहता है। कार्यालय प्रधान महालेखाकार, (लेखापरीक्षा)हिमाचल प्रदेश शिमला यह कार्यालय हिमाचल प्रदेश सरकार के स्थानीय निकायों सहित 48 विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के 29 उपक्रमों, 53 स्वायत्त निकायों एवं बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं की लेखापरीक्षा करता है। राज्य सरकार के कार्यालयों का लेखापरीक्षा के लिए चयन प्राप्ति व व्यय, सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण विभागों एवं संवेदनशील मुद्दों आदि जैसे मानकों का उपयोग करके जोखिम मूल्यांकन के आधार पर किया जाता है।

यह कार्यालय अनुमोदित लेखापरीक्षा योजना के अनुसार अनुपालन, वित्तीय एवं निष्पादन लेखापरीक्षा करता है। लेखापरीक्षा के निष्कर्षों को लेखापरीक्षा प्रतिवेदन (राज्य वित्त लेखापरीक्षा प्रतिवेदन, अनुपालन प्रतिवेदन एवं स्टैंडअलोन प्रतिवेदन) में चित्रित किया जाता है तथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 151 के तहत हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत किया जाता है। विगत 5 वर्षों के दौरान, हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में 23 लेखापरीक्षा प्रतिवेदन रखे गए हैं।
लेखापरीक्षा प्रतिवेदनों के प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन निष्कर्षों पर विधायिका के निर्वाचित सदस्यों से मिलकर बनी माननीय लोक लेखा समिति/ सार्वजनिक उपक्रमों की समिति द्वारा इस कार्यालय की सहायता से विधानसभा में चर्चा की जाती है।

कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा व हकदारी), हिमाचल प्रदेश, शिमला यह कार्यालय दो प्रकार के कार्यों का निष्पादन करता है। लेखांकन कार्य के अंतर्गत यह कार्यालय हिमाचल प्रदेश सरकार के मासिक सिविल लेखे तैयार करता है एवं हर माह राज्य सरकार को प्रस्तुत करता है। वित्तीय वर्ष के अंत में कार्यालय राज्य सरकार के वार्षिक लेखे बनाता है जिसमें (i) वित्त लेखे एवं (ii) विनियोजन लेखे शामिल हैं। वित्त लेखे वर्ष में सरकार की प्राप्तियों एवं संवितरण के विवरण सहित राज्य की वित्तीय स्थिति प्रस्तुत करते हैं। विनियोजन लेखे राज्य विधायिका द्वारा वर्ष में अधिकृत बजट के सापेक्ष वयय की गई राशि को प्रस्तुत करते हैं। वार्षिक लेखे राज्य विधायिका के
समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं। लेखांकन कार्यों के अतिरिक्त कार्यालय दो हकदारी कार्य अर्थात (i) पेंशन प्राधिकरण एवं (ii) राज्य सरकार कर्मियों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों का अनुरक्षण भी करता है।

कार्यालय राज्य सरकार के सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन भुगतान आदेश जारी करता है। इसके पश्चात् राज्य सरकार द्वारा पेंशनभोगियों की पेंशन संशोधित होने पर यह कार्यालय पेंशन में संशोधन भी करता है। जहां तक सामान्य भविष्य निधि से सम्बंधित कार्यों का सम्बन्ध है, कार्यालय राज्य सरकार के कर्मचारियों, जो सामान्य भविष्य निधि के सबस्क्राइबर्स हैं, के सामान्य भविष्य निधि खातों का अनुरक्षण करता है। सरकारी कर्मचारी (सामान्य भविष्य निधि सबस्क्राइबर्स) के सेवानिवृत्त होने पर उनके कार्यालयाध्यक्ष इस कार्यालय को सामान्य भविष्य निधि के अंतिम भुगतान मामले प्रेषित करतें हैं। सामान्य भविष्य निधि सब्स्क्राइबर के खाते कार्यालय द्वारा नए सिरे से सत्यापित किए जाते हैं, जिसके पश्चात् कार्यालय द्वारा अंतिम भुगतान प्राधिकरण पत्र जारी किए जाते हैं।

अब सच हो रहे ग्लोबल स्टडीज के सपने

एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन से मिल रही इंटरनेशनल टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटीज में प्रवेश में सफलता, टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटीज में अब तक 672 सलेक्शन, 11 ऑक्सफोर्ड, 8 एमआईटी और 2 का कैल्टेक में सलेक्शन

अब सच हो रहे ग्लोबल स्टडीज के सपने

अब सच हो रहे ग्लोबल स्टडीज के सपने

कोटा, राजस्थान, भारत

देश की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल करने के बाद एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटी के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। इस क्षेत्र में अपने 34 वर्षों के अनुभव के साथ लगातार सफलताएं अर्जित कर रहा है।

विदेश में पढ़ना सिर्फ शिक्षा ग्रहण तक सीमित नहीं है, वरन इसका उद्देश्य समग्र विकास होता है। दुनिया के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के बाद न सिर्फ व्यक्ति स्वयं को शिक्षित कर सकता है, वरन ग्लोबल चैलेंज के लिए खुद को तैयार कर सकता है। विद्यार्थियों को ग्लोबल चैलेंज के अनुसार वितसित करने, वैश्विक स्तर पर उनकी प्रतिभा को अवसर देने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन की शुरुआत की गई। यह पहल आज सैकड़ों विद्यार्थियों के सपने सच कर चुकी है। ये विद्यार्थी दुनिया की टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर अपना कॅरियर बना रहे हैं। एलन ग्लोबल स्टडीज डिविजन गत चार वर्षों से स्टूडेंट्स को विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएशन प्रोग्राम के लिए होने वाले एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करवा रहा है। स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट की पढ़ाई के साथ प्रोफाइल बिल्डिंग, स्टेटमेंट ऑफ परपज, इंटरव्यू स्किल्स और रिकमंडेशन के लिए गाइडेंस दी जाती है। क्यू एस रैंकिंग्स के अनुसार भारत का आईआईटी मुम्बई ‘इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2019‘ में 172वें स्थान पर है। एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन में विद्यार्थियों को सेट, टॉफेल, एसीटी, आईलिट्स की तैयारी करवाई जाती है। यही नहीं प्रोफाइल बिल्डिंग, एप्लीकेशन प्रोसेस, डॉक्यूमेंट्स एडिटिंग व स्कॉरलशिप एप्लीकेशन के बारे में भी पूरा सपोर्ट दिया जाता है।

कॅरियर सिटी कोटा से की गई यह शुरुआत अब बैंगलुरू, पुणे, मोहाली, सूरत, अहमदाबाद, मुम्बई, इंदौर, भुवनेश्वर तक पहुंच गई है। इससे देश के अधिकांश राज्यों के स्टूडेंट्स को लाभ मिलने लगा है। शुरुआत के चार वर्षों में ही एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन के रिजल्ट्स उत्साहजनक रहे हैं। बीते पांच वर्षों में एजीएसडी से टॉप-200 रैंकिंग यूनिवर्सिटीज में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट 100 प्रतिशत रहा है।

कई विदेशी विश्वविद्यालय देते हैं स्काॅलरशिप

विदेशों में पढ़ाई को लेकर कई तरह की चुनौतियां होती है। सबसे पहले यह माना जाता है कि विदेशों में पढ़ाई बहुत महंगी होती है। इसका खर्च हर कोई नहीं उठा सकता, जबकि ऐसा नहीं है। कई देशों में यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए स्काॅलरशिप्स ऑफर की जाती है, इनके आधार और ट्युशन फी पर दी जाने वाली स्काॅलरशिप की सीमा 20 से 80 प्रतिशत तक हो सकती है। विभिन्न आधारों पर दी जाने वाली इस स्काॅलरशिप की जानकारी भी एजीएसडी द्वारा स्टूडेंट्स को दी जाती है।

एजीएसडी रिजल्ट्स

टॉप 200 रैंकिंग यूनिवर्सिटीज में अब तक 672 स्टूडेंट्स का सलेक्शन हो चुका है। 8 स्टूडेंट्स एमआईटी, 10 ओक्सफोर्ड, केलटेक में 2, इंपीरियल, मिशिगन सहित कई श्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स का चयन हुआ है। एजीएसडी के कई छात्र वर्तमान में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमरीका के मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), ऑक्सफोर्ड, केलटेक, इंपीरियल, मिशिगन सहित कई श्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज में अध्ययन कर रहे हैं। वल्र्ड टॉप-5 यूनिवर्सिटीज में से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी यूके में एलन ग्लोबल स्टडीज डिविजन (एजीएसडी) के 8 स्टूडेंट्स को सफलता मिली है। इनमें मृणाल शरण, आनंद, जेनिशा अग्रवाल, अथर्व एस महाजन, अथर्व एन महाजन, अथर्व पारूलेकर, आदित्य कुलकर्णी व इशांक अग्रवाल शामिल हैं। सभी एलन के क्लासरूम स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने एलन ग्लोबल स्टडीज डिविजन में विशेषज्ञ फैकल्टीज के मार्गदर्शन में पढ़ते हुए लक्ष्य हासिल किया।

एलन ग्लोबल स्टडीज डिविजन के कोर्सेज

एजीएसडी की ओर से कक्षा 9 के स्टूडेंट्स के लिए बिगनर कोर्स, कक्षा 10 के लिए लर्नर, कक्षा 11 के लिए राइजर और कक्षा 12 के लिए चैलेंजर कोर्स है। इन कोर्सेज में साइकोमेट्री टेस्ट, मिनेमोनिक्स टेस्ट, रीडिंग टेक्नीक्स, राइटिंग स्किल्स, स्पीकिंग स्किल्स, इफेक्टिव लिसनिंग, पर्सनालिटी डवलपमेंट, प्रोफाइल बिल्डिंग, सजेशन, एप्लीकेशन असिस्टेंस, डाटा इंटरप्रिटेशन, टॉफेल, आईलिट्स, सेट, एक्ट, पीटीई प्रिपेरेशन, यूनिवर्सिटी सलेक्शन, यूनिवर्सिटी एप्लीकेशन असिसटेंस, एलओआर, एसओपी सहित कई कोर्सेज के माध्यम से स्टूडेंट्स को तैयार किया जाता है। एलन ग्लोबल स्टडीज डिविजन गत पांच वर्षों से स्टूडेंट्स को विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएशन प्रोग्राम के लिए होने वाले एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करवा रहा है। स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट की पढ़ाई के साथ प्रोफाइल बिल्डिंग, स्टेटमेंट ऑफ परपज, इंटरव्यू स्किल्स और रिकमंडेशन के लिए गाइडेंस दी जाती है। एजीएसडी में लिखित परीक्षा के साथ-साथ मॉक टेस्ट के जरिए इंटरव्यू की भी तैयारी करवाई जाती है।

क्या हैं एजीएसडी से जुड़ने के फायदे

एलन ग्लोबल स्टडीज के साथ जुड़कर स्टूडेंट अपने भविष्य को संवार सकते हैं। ग्लोबल चैलेंज के हिसाब से स्वयं को तैयार कर सकते हैं और खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परफोर्म करने के लिए तैयार कर सकते है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रमों में बदलाव की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं, मनपसंद पाठ्यक्रम चुनकर कॅरियर बना सकते हैं। दुनिया में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ प्लेसमेंट के अच्छे अवसर प्राप्त कर सकते हैं। रिसर्च में कॅरियर बना सकते हैं, इसके लिए बड़े शोध संस्थानों से जुड़ सकते हैं। किताबों के साथ-साथ प्रायोगिक और फील्ड वर्किंग के आधार पर होने वाली पढ़ाई से स्वयं को जोड़ सकते हैं, जमीनी आधार पर कार्य का अनुभव ले सकते हैं।

कैसे जुड़े एजीएसडी से

एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन से जुड़ने के बाद सबसे पहले आपको सेट, एक्ट, टॉॅफेल, आइलिट्स, एपी के लिए तैयार किया जाता है। प्रोफाइल बिल्डिंग के लिए तैयार किया जाता है। इसके बाद यूनिवर्सिटीज एप्लीकेशन प्रोसेस के बारे में बताया जाता है। स्कॉलरशिप व सलेक्शन के लिए गाइडेंस और असिस्टेंस दी जाती है। वीसा के लिए भी सपोर्ट किया जाता है।

अर्थव पारूलकर

ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में चयनित

मैं विदेश में पढ़ना तो चाहता था लेकिन एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन में एडमिशन के बाद ही मैं विदेश में पढ़ाई की वास्तविक प्रक्रिया को समझ सका। एजीएसडी से जुड़कर मैं और ज्यादा काॅन्फीडेंट हो गया। यहां मैंटर्स ने मुझे गाइड किया, सेट, आईलिट्स जैसे एग्जाम्स के लिए बेहतरी से तैयार किया। मैं जेईई की तैयारी भी कर रहा था, ऐसे में दोनों परीक्षाओं की तैयारी में बैलेंस करने के बारे में भी बताया। मैथ्स ओलम्पियाड और एप्लीकेशन प्रोसेस भी समानान्तर कर सका। इस सिस्टम से मुझे विश्व की यूनिवर्सिटीज का चयन करने में मदद मिली। इंटरव्यू की तैयारी बेहतर हुई, खुद की स्ट्रेंथ बढ़ाई, स्काॅलरशिप के लिए आवेदन कर सका, जिससे कि आज आक्सफोर्ड में चयन सुनिश्चित कर सका।

अक्षय गुप्ता

एमआईटी में चयनित

दो वर्ष पहले मैंने एजीएसडी में एडमिशन लिया। मैं अपने विदेश में पढ़ाई को लेकर पूरी तरह से विश्वास में नहीं था। मुझे लगता था ये सब कैसे होता होगा, लेकिन जब एजीएसडी के एक्सपट्र्स ने मुझे गाइड करना शुरू किया तो सबकुछ आसान होता चला गया। टाइम पर सारे प्रोसेसे होने लगे, सेट, टाॅफेल, सेट जैसे टेस्ट की तैयारी के साथ-साथ परीक्षाओं की तैयारी को लेकर भी सपोर्ट मिला। मैंने अपनी पर्सनल प्रोफाइल, स्टेटमेंट्स तैयार किए। यही नहीं यूनिवर्सिटीज का चयन भी आसानी से कर सका, वहां स्काॅलरशिप के बारे में जान सका। एजीएसडी से जुड़ने के बाद सबकुछ संभव लगने लगा और सफलता प्राप्त की।

प्रदेश में नई सरकार लाएगी चंदन की महक, पॉलिसी को रूप देने में जुटा वन विभाग, मंजूरी के बाद शुरू होगा नया सफर

नई सरकार के गठन के साथ उम्मीदें उन नीतियों पर अमल की भी हैं, जिन पर बीते छह माह से ज्यादा वक्त से काम चल रहा है। इन नीतियों से जुड़ी फाइलें अंदरखाते निपटाई जा रही थीं। विशेषज्ञ शोध में जुटे थे और राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार भी चल रहा था। इस बीच आदर्श आचार संहिता की वजह से मौजूदा सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई। यहां बात हिमाचल में चंदन की खेती पर हो रही है। इसका प्रारूप वन विभाग तैयार कर चुका है। उच्चतम गुणवत्ता वाले चंदन की पैदावार और इसे बाजार मुहैया करवाने की तैयारी के बाद मंजूरी का इंतजार हो रहा था। अब नई सरकार के कार्यभार संभालते ही चंदन की खेती का भविष्य भी तय होगा। बीते करीब छह माह से चंदन की खेती पर विभागीय शोध चल रहा है। तमाम रिपोर्ट वन विभाग जुटा चुका है। दक्षिण भारत की उच्च गुणवत्ता वाला चंदन हिमाचल में सफल होगा या नहीं, वैज्ञानिक इस शोध में जुटे हैं। प्रदेश सरकार मौजूदा सत्र में ही इसे लागू करने के प्रयास में थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता की वजह से चंदन की खेती की पॉलिसी को मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिल पाई।

अब दिसंबर के बाद नई सरकार का गठन होते ही प्रदेश में इसे नीतिगत बनाने के प्रारूप पर आगामी कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल अब तक चंदन की खेती को लेकर वन विभाग की तरफ से बड़े पैमाने पर उन जगहों की भी जांच की गई है, जिनमें चंदन उगाया जा सकता है। इस समय हिमाचल के कांगड़ा समेत अन्य जिला में बेहद सीमित क्षेत्र में चंदन की खेती की जा रही है, लेकिन अभी तक हिमाचल में उगने वाले चंदन के पेड़ों का बड़े पैमाने पर अध्ययन नहीं हुआ है। इनकी गुणवत्ता की जांच होना भी बाकी है। प्रदेश सरकार ने चंदन नीति को लेकर जो पैमाने तय किए हैं। इनमें पहली प्राथमिकता उच्च गुणवत्ता के पौधे लगाने, इनकी देखभाल करने और पेड़ तैयार होने पर इन्हें काटने और आगे बाजार तक पहुंचाने का रोडमैप तैयार किया गया है। वन विभाग इस होमवर्क को पूरा कर चुका है। प्रदेश में कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर के साथ ही सिरमौर जिला में भी सफेद चंदन उगाने के प्रयास लगातार हो रहे हैं। इन जगहों पर सीमित मात्रा में चंदन के पेड़ मौजूद भी हैं। इसके साथ ही प्रदेश में लाल चंदन उगाने को लेकर भी शोध शुरू हुआ है।

तैयार है चंदन की खेती की रिपोर्ट

प्रधान मुुख्य अरण्यपाल अजय श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश में चंदन उगाने को लेकर वन विभाग ने शोध किया है। चंदन के कारोबार की बड़ी संभावनाएं प्रदेश में हैं। अभी इसका उत्पादन सीमित स्तर पर हो रहा है। भविष्य में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जा सकता है। इसके लिए राज्य सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी। वन विभाग ने चंदन की खेती से जुड़े जिन पहलुओं पर रिपोर्ट तैयार की है, उसे राज्य सरकार के सुपुर्द किया जाएगा।

Prayagraj News: जिंदगी में कभी कोई समस्या आए तो उसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें, बोले मंत्री नन्दी

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री एवं प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी शनिवार को नैनी स्थित बेथनी कॉन्वेंट स्कूल में बेथनी एजुकेशन सोसायटी के 75वें वर्षगांठ पर आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

Syed Raza

Prayagraj News

औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता (न्यूज नेटवर्क)

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री एवं प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी शनिवार को नैनी स्थित बेथनी कॉन्वेंट स्कूल में बेथनी एजुकेशन सोसायटी के 75वें वर्षगांठ पर आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मंत्री नन्दी ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिंदगी में कभी कोई समस्या आए तो उसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें। घबराएं नही, दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति के साथ ठान लिया तो कुछ भी असंभव नहीं है।

विद्यालय की प्रधानाचार्य सिस्टर शमिता द्वारा मुख्य अतिथि नंद गोपाल गुप्ता नंदी का( कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार), प्रयागराज की महापौर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता नंदी, बेथनी एजुकेशनल सोसाइटी पूर्वी प्रांत की कारपोरेट मैनेजर सिस्टर जस्सी मारिया, सहायक प्रांतीय मैनेजर सिस्टर अनीता मोरिस, सिस्टर मार्गिटा, फादर यूजीन मस्करेनस, फादर सेबेस्टियन फ्रांसिस तथा सभी गणमान्य अतिथियों को माला पहनाकर व उन्हें पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया |

छात्रों द्वारा बैंड बजा कर अतिथियों का अभिनंदन किया गया | मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम प्रारंभ हुआ | कॉरपोरेट मैनेजर डॉ सिस्टर जस्सी मारिया द्वारा बेथनी एजुकेशनल सोसाइटी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूर्वी प्रांत का प्रतिनिधित्व करने वाले 'हीरक जयंती' के 'प्रतीक चिन्ह' को प्रकाशित किया गया और गुब्बारों को उड़ाकर तथा जयन्ती गीत द्वारा प्रेम ,शांति तथा मानवता का संदेश प्रसारित किया गया | प्रधानाचार्य सिस्टर शमिता द्वारा मुख्य अतिथि व कारपोरेट मैनेजर को स्मृति चिन्ह व शाॅल प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया।

छात्रों ने प्रार्थना गीत व नृत्य, स्वागत गीत तथा नृत्य नाटिका 'जीवन की परिपूर्णता' का भव्य मंचन किया | नृत्य नाटिका के माध्यम से यह संदेश प्रसारित किया गया कि लालच की प्रवृत्ति मानव के चरित्र का हनन करती है | आंतरिक सुख और शांति संतुष्टि से ही संभव है | छात्र संसद के माध्यम से विद्यालय की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई | छात्रों द्वारा गोवा, केरल, पंजाब , यूपी ,झारखंड आदि विभिन्न राज्यों के मंत्रमुग्ध करने वाले लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए| विद्यालय का प्रांगण तालियों की ध्वनि से गूंज उठा।

-मुख्य अतिथि द्वारा मंच से जनता को संबोधित किया गया | विद्यालय सरस्वती का ऐसा मन्दिर हैं जिसमें बालकों का बौद्धिक, मानसिक एवं शारीरिक विकास किया जाता हैं. इसलिए पूरे शिक्षा सत्र छात्रों को केवल पुस्तकें पढ़ने में ही नहीं बल्कि उन्हें समय समय पर ऐसी अन्य प्रवृत्तियों में भी लगाए रखना विद्यार्थियों के लिए जरुरी हैं. जिनसे मन तरोताजा रहे और छात्रों की अध्ययन में अभिरुचि बढ़े. स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन में प्रतिभा का प्रसार होता प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन हैं. इस तथ्य पर विचारकर विद्यालयों में पाठ्यक्रम के साथ साथ अन्य सहगामी प्रवृत्तियों का संचालन किया जाता हैं.

वार्षिकोत्सव का महत्व

विद्यालयों में अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. कभी अंत कक्षा प्रतियोगिता होती हैं तो कभी वाद विवाद श्लोक या कविता पाठ या अंत्याक्षरी होती हैं,इस दृष्टि से विद्यालय के वार्षिकोत्सव का विशेष महत्व हैं. प्रायः सभी विद्यालय इस महत्व को अच्छी तरह जानते हैं. इसलिए वे इसका आयोजन विशाल स्तर पर प्रतिवर्ष करते हैं तथा इससे अन्य विद्यालयों की अपेक्षा स्वयं को श्रेष्ठ बतलाते हैं।

इससे न केवल छात्रों में अपितु अभिभावकों में भी आकर्षण बढ़ता हैं. प्रधानाचार्य जी ने मुख्य अतिथि तथा आए हुए आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद भाषण व राष्ट्रीयगान से किया गया। कार्यक्रम में वाइस प्रिंसिपल सिस्टर बीना सिस्टर जिना फिजिकल एजुकेशन टीचर मोहम्मद साबिर व दीपक कुमार उपस्थित रहे।

मधुमेह एक पुरानी बीमारी है जो उच्च रक्त शर्करा के स्तर की विशेषता है, एक ऐसी स्थिति जिसे हाइपरग्लाइकेमिया के रूप में जाना जाता है, और एक परिवर्तित मात्रा या इंसुलिन के कार्य के कारण

कोरोनरी धमनियां कैलिबर में छोटी और टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं: चयापचय संबंधी परिवर्तन, साथ ही थ्रोम्बोटिक जटिलताओं के विकास का एक बढ़ा जोखिम, जो मधुमेह अपने साथ लाता है, कोरोनरी धमनी रोग और बाद में इस्केमिक हृदय रोग के मामले में चिकित्सीय विकल्पों को भी जटिल बनाता है।

चित्र की जटिलता और पुनरोद्धार की रणनीतियों की अप्रभावीता का उच्च जोखिम, चाहे शल्य चिकित्सा या पर्क्यूटेनियस, का अर्थ है कि चित्र अक्सर पूर्ण विकसित हृदय विफलता में विकसित होता है।

वास्तव में, यह अनुमान लगाया गया है कि 15-25% हृदय रोगियों को मधुमेह है

जल्द से जल्द शुरुआत के साथ संवहनी जटिलता निचले अंगों में धमनीविस्फार ओब्लिटरेटा है, जिसके परिणामस्वरूप इस्चियामिया अक्सर जुड़ा होता है

  • पैर का छाला
  • अवसाद;
  • विच्छेदन का जोखिम काफी बढ़ गया।

हालांकि, सेरेब्रोवास्कुलर पक्ष पर, मधुमेह का जोखिम काफी बढ़ गया है:

  • इस्केमिक स्ट्रोक;
  • स्ट्रोक पुनरावृत्ति;
  • संज्ञानात्मक बधिरता।

हृदय संबंधी जोखिम को कैसे कम करें

और यदि डायबिटीज़ मेलिटस के रोगियों में कार्डियोवैस्कुलर जटिलताओं की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक सही जीवन शैली पहली पंक्ति है, तो विशेषज्ञों के पास वर्तमान में सुरक्षा और प्रभावकारिता के संदर्भ में परीक्षण की गई दवाओं का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम है, जो ग्लाइसेमिक प्रोफ़ाइल को अनुकूलित करने में सक्षम है। प्रतिकूल घटनाओं की कम से कम घटना।

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