डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

केंद्रीय बैंकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का विरोध तीन कारणों से किया जा रहा है. पहला यह कि अर्थव्यवस्था केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से बाहर निकलने को हो जाती है. जैसे यदि देश में महंगाई अधिक हो रही है और रिजर्व बैंक ने मुद्रा के प्रचलन को कम किया तो क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ सकता है और सरकार की नीति फेल हो सकती है.
Digital Rupee: डिजिटल रुपया क्या है? Digital Rupee कब लांच होगा और इसके क्या फायदे है?
डिजिटल रूपी (Digital Rupee): 1 फ़रवरी 2022 को केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल रुपया – एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को अप्रैल 2022 के बाद लॉन्च करने की घोषणा की। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया इस डिजिटल मुद्रा पर तेजी से काम कर रहा है और जल्द ही इसे लांच कर दिया जायेगा.
“डिजिटल रुपया एक डिजिटल रूप में एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक कानूनी मुद्रा है। ये भौतिक करेंसी का ही डिजिटल रूप है. मतलब ये पारंपरिक मुद्रा रूपये के समान ही है. बस अंतर इतना है कि ये पूरी तरह से डिजिटल होगी. मतलब आप इसे नोट की तरह छू नहीं सकते है.”
डिजिटल रुपया की भी वही वैल्यू है जो नोट और सिक्को की होती है. आप इसे नोट के स्थान यूज जरुर कर सकते है. और ये किसी भी दूसरी मुद्रा या फिएट मुद्रा के साथ एक्सचेंज हो सकती है. डिजिटल रुपया ब्लाक चेन पर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? आधारित होगी. फिएट मुद्रा (Fiat currency) सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा होती है. जैसे भारत की फिएट मुद्रा रुपया है.
CBDC का पूरा नाम क्या है?
CBDC का पूरा नाम Central Bank Digital Currency है. CBDC को हिंदी में एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा कहते है. ऐसी मुद्रा किसी भी देश कि सेंट्रल बैंक जारी करती है. जैसे भारत का केंद्रीय बैंक RBI भारत में डिजिटल रुपया को जारी करेगा.
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवम्बर 2022 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में Digital Rupee को लॉन्च कर दिया है। यह CBDC को लॉन्च करने की सरकार की योजना का अनुसरण करता है जिसे ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा समर्थित किया जाएगा।
डिजिटल रुपया के खास फीचर
- डिजिटल रुपया को ना तो छू पाएंगे और ना ही देख पाएंगे. मतलब इसका कोई भौतिक रूप नहीं होगा
- ये पूरी तरह से क्रिप्टो करेंसी से अलग होगी.
- इसे केंद्रीय बैंक RBI द्वारा जारी किया जायेगा.
- इस डिजिटल रूपये से भी आप कोई भी ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे.
- ये इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके ऑनलाइन वॉलेट या बैंक में स्टोर रहेगा.
- ये देश में लेन देन के लिए इसे क़ानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी. कोई भी इसे लेने से मना नहीं कर सकता है.
- डिजिटल रूपी को आसानी से कैश में बदला जा सकता है.
- 500 रूपये का नोट छापने में सरकार ₹2.65 खर्च करती है. उसके बाद उसे चलाना, संभालना, बैंक में पहुचाना भी खर्चीला होता है. इसलिए डिजिटल रुपया से सरकार को बहुत सी समस्याओ से निजात मिलेगी.
- आम लोगो को नकदी की सुरक्षा से आजादी मिलेगी. कही कैश ले जाने की जरुरत नहीं होगी.
- काले धन में कमी आएगी. सरकार नोट कम छापेगी जिससे मार्केट में कैश कम होगा. लोगो के पास कैश होगा ही नहीं तो कोई भ्रस्टाचार भी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? कर पायेगा.
- डिजिटल लेन देन के कारण सरकार हर लेन देन पर नजर रख पाएगी. जिससे टैक्स की चोरी रुकेगी.
डिजिटल करेंसी क्या है (What is Digital Currency)
यह डिजिटल करेंसी नगदी का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा,जिसे देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगी | इस करेंसी को केवल देश की केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा ही जारी किया जा सकता है | देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी इसे शामिल किया जायेगा | इस डिजिटल मुद्रा की खास बात यह होगी की इसे सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में भी बदला जा सकेगा तथा यह भारत का डिजिटल रुपया होगा |
यह डिजिटल करेंसी दो तरह से होगी पहला रिटेल (Retail) और दूसरा होलसेल (Wholesale) | रिटेल डिजिटल मुद्रा को आम नागरिक तथा कंपनियों द्वारा प्रयोग में लाया जायेगा, जबकि होल सेल डिजिटल करेंसी को वित्तीय संस्थाओ द्वारा इस्तेमाल किया जायेगा|
डिजिटल करेंसी का डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? इस्तेमाल कैसे होगा (How to Use Digital Currency)
भारत की डिजिटल करेंसी यानि सीबीडीसी (CBDC) -सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है | लेकिन मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि RBI-बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को जारी किया जायेगा,जिसके बाद यह आपको मिलेगी | इसके बाद आप जिसे पेमेंट करना चाहते है, उसे इससे भुगतान कर दे यह सीधे उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी |
इसमें किसी तरह का वॉलेट नहीं होगा और न ही बैंक खाते की जरूरत होगी | यह बिलकुल नगदी (Cash) की तरह ही उपयोग में लायी जाएगी | फर्क सिर्फ इतना होगा कि यह टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल रूप में कार्य करेगी | यह नगद का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा |
क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है (What is Crypto Currency)
क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मुद्रा का एक रूप होता है | यह किसी सिक्के या नोट के रूप में आपकी जेब में न होकर पूरी तरह ऑनलाइन होती है | यह एक गैर कानूनी करेंसी होती है | जिसे किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं प्राप्त है, और न ही इसे किसी सरकारी या विनियामक अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है | इसमें व्यापार को बिना किसी नियमो के व्यापार किया जाता है |
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में सबसे बड़ा अंतर यह है, कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, यह देश की केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है | इसलिए यह पूरी तरह से जोखिमों के अधीन होती है | यह जारी किये गए देश में खरीदारी लेन-देन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है | इस करेंसी को सॉवरेन मुद्रा (Sovereign Currency) यानि उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है | वही क्रिप्टो करेंसी में इस तरह की सुविधा नहीं उपलब्ध होती है |
India launch first time Digital Rupee
इस डिजिटल युग में पूरा विश्व कैशलेस की तरफ बढ रहा है। डिजिटल युग में तकनीक का निरंतर विकास से हर देश पीछे नही रहना चाहता है सभी देश इसका उपयोग करना चाहता है। इस कड़ी में हमारा देश भारत भी पीछे नही रहना चाहता है। क्योकि भारतीय रिजर्व बैंक भी रुपये के लेन देने को डिजिटल रुप में परिवर्तन करना चाहता है ताकि नगदी पर निर्भरता कम हो सके क्योकि नगदी की वजह से सरकार और जनता दोनो को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस नगदी से छुटकारा पाना के लिए देश का रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 1 नवम्बर को इसको लांच किया जा रहा है। क्योकि भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा फरवरी माह में इसको (Digital rupee) लाने की घोषणा किया गया है। यदि आप इस करेंसी का प्रयोग करते है तो आपको कैस ले कर जाने की कहीं जरुरत नही पड़ेगी। क्योकि इस करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? जिसको सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त है।
डिजिटल करेंसी क्या होता है what is the Digital Rupee-
यह भारत का पहला डिजिटल करेंसी है जिसको रिजर्व बैंक द्वारा लांच किया है इसका नाम इन्होने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) या डिजिटल रुपी (DIGITAL RUPEE) नाम दिया गया है। इसे इस तरह भी कह सकते है कि वर्तमान में जो आप कागज का नोट प्रयोग कर रहें है उसी नोट को डिजिटल रुप में परिवर्तित कर दिया गया है। इस प्रकार के कैश को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। इसका छुपाना मुश्किल होगा।
भारत में डिजिटल करेंसी दो प्रकार की होगीं
1-होलसेल सीबीडीसी
इस प्रकार के सीबीडीसी में बड़े ट्रांजैक्शन को अंजाम दे सकते है इसकी शुरुआत 1 नवम्बर से की गयी है।
2-रिटेल सीबीडीसी
इस प्रकार का करेंसी आम जनता के लिए होगां इस प्रकार के करेंसी को पेपर नोट के साथ बदल सकते है।
डिजिटल करेंसी का प्रयोग किस प्रकार करेगें Use of Digital Currency –
इस प्रकार के मनी को आप अपने मोबाइल वालेट में रख सकते है औऱ जिस प्रकार आप अन्य डिजिटल मनी का ट्रान्जेक्शन करते है उसी प्रकार आप इसका भी ट्रान्जेक्शन कर सकते है भविष्य में इस करेंसी को UPI से जोड़ने का प्लान चल रहा है। इसके बैलेंस को आप आसानी से चेक कर सकते है।
क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी सरकार अथवा बैंक द्वारा मानीटर नही किया जाता है। जबकि डिजिटल करेंसी को रिजर्व बैंक द्वारा मानीटर किया जायेगा। इसे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
क्रिप्टोकरेंसी को नगदी मुद्रा में बदल नही सकते है जबकि डिजिटल करेंसी को आप नगदी मुद्रा में बदल सकते है।
डिजिटल करेंसी की शुरुआत 1 नवम्बर 2022 को किया गया है ।
इसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपी नाम दिया गया है।
डिजिटल रुपये और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर
दोस्तों अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि How digital rupee will be different from cryptocurrency?
क्रिप्टोकरंसी डिसेंट्रलाइज होती है यानी कि इस पर किसी एक organization का control नहीं होता है। जबकि Digital Rupee पर सरकार का पूरा कंट्रोल होगा यानि कि यह एक centralized currency है।
आसान शब्दों में कहे तो क्रिप्टो करेंसी को कोई भी बना सकता है और किसी की भी इजाजत के बिना इसे खरीद और बेच सकता है जबकि, CBDC या डिजिटल रुपए को हर कोई नहीं बना सकता। केवल सरकार ही इसे बना सकती है और regulate करती है।
दूसरा अंतर यह है कि क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शंस पब्लिक होते हैं और इसे क्रिप्टोकरेंसी के सभी होल्डर्स देख सकते हैं जबकि CBDC के ट्रांजैक्शंस सिर्फ बैंक ही देख सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी public blockchain technology पर काम करता है जबकि CBDC private blockchain technology पर काम करता है।
Digital Rupee के प्रकार
डिजिटल रुपया 2 प्रकार से Launch होगा। एक Wholesale और दूसरा Retail Transections के लिए।
होलसेल ट्रांजैक्शन (CBDC-W) को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिसके अंतर्गत बड़े ट्रांजैक्शन होंगे। CBDC-W की शूरुआत 1 नवंबर से हो गई है।
रिटेल ट्रांजैक्शन (CBDC-R) का विकल्प आम जनता के लिए होगा। जिसे जल्द ही सभी के लिए Available कराया जाने की उम्मीद है।
Digital Rupee के फायदे
क्या हमें डिजिटल रुपी की जरूरत है? यह प्रशन आपके मन में आ रहा होगा। चलिए जानते हैं की digital rupee से हमें क्या फायदा होने वाला है।
क्रिप्टो करेंसी का चलन तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है लेकिन, इसकी सिक्योरिटी और सेफ्टी पर अनेक देशों ने सवाल उठाए हैं। कैशलेस या डिजिटल वित्तीय ढांचे की हालिया लोकप्रियता के साथ, विश्व की सरकारें डिजिटल मुद्रा की संभावनाओं को जान कर इस पर काम कर रही हैं।
Russia की Ruble currency और चीन की eCNY (digital Yuan) इसी का उढहरण है। डिजिटल रुपया लाने से भारत भी वर्चुअल करेंसी की दौड़ में कदम रख रहा है।
Digital Rupee के आने से कई फायदे होंगे जैसे कि –
- पेटीएम और गूगल पे की तरह, डिजिटल रूपी की सहायता से भुगतान प्रणाली थोक और खुदरा ग्राहकों के लिए 24/7 उपलब्ध होगी।
- International Transections भी बिना किसी Third Party तेज़ी से हो सकेगा।
- e-Rupi में इस्तेमाल होने वाली ब्लॉकचेन तकनीक से पारदर्शिता बढ़ेगी।
- Digital होने से पैसों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग हो सकेगी।
- डिजिटल रुपये से लेनदेन करने के लिए आपको बैंक खाता खोलने की आवश्यकता नहीं है।
- Physical करेंसी नोटों पर निर्भरता कम हो सकेगी।
- इसके अलावा और भी फायेदे समय समय पर हम सबको नज़र आएंगे।
ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए
Highlights डिजिटल करेंसी एक नंबर होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर रख सकते हैं. कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.
भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रहा है. डिजिटल करेंसी हमारे नोट की तरह ही होती है. अंतर यह होता है कि यह कागज पर छपा नोट नहीं होता है बल्कि यह एक नंबर मात्र होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर संभाल कर रख सकते हैं.
उस नंबर को किसी के साथ साझा करते ही उस नंबर में निहित रकम सहज ही दूसरे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है.